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लोगों को लग सकता है बिजली का तेज झटका! दरें 20 फीसदी बढ़ाने का प्रस्ताव

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Published : Dec 1, 2022, 6:35 PM IST

झारखंड में बिजली की दरें 20 फीसदी बढ़ाने का प्रस्ताव झारखंड विद्युत वितरण निगम लिमिटेड ने तैयार किया है (Electricity rates may increase in Jharkhand). निगम 7400 करोड़ के घाटे में है.

Electricity rates may increase in Jharkhand
Electricity rates may increase in Jharkhand

रांची: झारखंड में बिजली की दरें 20 प्रतिशत तक बढ़ाई जा सकती हैं (Electricity rates may increase in Jharkhand). झारखंड विद्युत वितरण निगम लिमिटेड (Jharkhand Vidyut Vitran Nigam Limited) ने इसका प्रस्ताव तैयार कर लिया है. राज्य में बिजली की दरों पर अंतिम फैसला विद्युत नियामक आयोग नामक संस्था करती है. निगम ने दरें बढ़ाने का प्रस्ताव आयोग को भेज दिया है. उसने अपनी आर्थिक स्थिति और बिजली आपूर्ति पर होने वाले खर्च का पूरा ब्योरा आयोग के समक्ष पेश करते हुए दरें बढ़ाने के प्रस्ताव को मंजूरी देने की मांग की है.

ये भी पढ़ें- 10 हजार से अधिक के बकायादारों का कटेगा बिजली कनेक्शन, विभाग ने बनाई लिस्ट

झारखंड में पिछले तीन साल से बिजली दरों में कोई इजाफा नहीं हुआ है. पिछले तीन साल से विद्युत नियामक आयोग में अध्यक्ष और सदस्य नहीं होने के कारण बिजली दरों का पुनर्निर्धारण नहीं हो पाया था. बिजली वितरण निगम ने आगामी वित्तीय वर्ष 2023-2024 के लिए अपनी एनुअल रेवेन्यू रिपोर्ट में बताया है कि इस वक्त निगम 7400 करोड़ के घाटे में चल रहा है. इसके पूर्व वर्ष 2022-23 की निगम की एनुअल रिपोर्ट में 6000 करोड़ का घाटा बताया गया था. पिछले साल की तुलना में इस साल घाटा 1400 करोड़ बढ़ गया है.

दरें बढ़ाने के निगम के प्रस्ताव पर निर्णय लेने के पहले विद्युत नियामक आयोग राज्य के पांच प्रमंडलों में जनसुनवाई करेगा. आम उपभोक्ताओं, उद्यमियों समेत अलग-अलग सेक्टर के लोगों की राय ली जाएगी और उसके बाद आयोग दर वृद्धि के प्रस्ताव पर किसी नतीजे पर पहुंचेगा. इस पूरी प्रक्रिया में तीन से चार महीने लग सकते हैं. जनसुनवाई के बाद तय होने वाली दरें अगले वित्तीय वर्ष से लागू की जा सकती हैं. फिलहाल राज्य में साल 2020 में तय दरें ही मान्य हैं.

इनपुट-आईएएनएस

रांची: झारखंड में बिजली की दरें 20 प्रतिशत तक बढ़ाई जा सकती हैं (Electricity rates may increase in Jharkhand). झारखंड विद्युत वितरण निगम लिमिटेड (Jharkhand Vidyut Vitran Nigam Limited) ने इसका प्रस्ताव तैयार कर लिया है. राज्य में बिजली की दरों पर अंतिम फैसला विद्युत नियामक आयोग नामक संस्था करती है. निगम ने दरें बढ़ाने का प्रस्ताव आयोग को भेज दिया है. उसने अपनी आर्थिक स्थिति और बिजली आपूर्ति पर होने वाले खर्च का पूरा ब्योरा आयोग के समक्ष पेश करते हुए दरें बढ़ाने के प्रस्ताव को मंजूरी देने की मांग की है.

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झारखंड में पिछले तीन साल से बिजली दरों में कोई इजाफा नहीं हुआ है. पिछले तीन साल से विद्युत नियामक आयोग में अध्यक्ष और सदस्य नहीं होने के कारण बिजली दरों का पुनर्निर्धारण नहीं हो पाया था. बिजली वितरण निगम ने आगामी वित्तीय वर्ष 2023-2024 के लिए अपनी एनुअल रेवेन्यू रिपोर्ट में बताया है कि इस वक्त निगम 7400 करोड़ के घाटे में चल रहा है. इसके पूर्व वर्ष 2022-23 की निगम की एनुअल रिपोर्ट में 6000 करोड़ का घाटा बताया गया था. पिछले साल की तुलना में इस साल घाटा 1400 करोड़ बढ़ गया है.

दरें बढ़ाने के निगम के प्रस्ताव पर निर्णय लेने के पहले विद्युत नियामक आयोग राज्य के पांच प्रमंडलों में जनसुनवाई करेगा. आम उपभोक्ताओं, उद्यमियों समेत अलग-अलग सेक्टर के लोगों की राय ली जाएगी और उसके बाद आयोग दर वृद्धि के प्रस्ताव पर किसी नतीजे पर पहुंचेगा. इस पूरी प्रक्रिया में तीन से चार महीने लग सकते हैं. जनसुनवाई के बाद तय होने वाली दरें अगले वित्तीय वर्ष से लागू की जा सकती हैं. फिलहाल राज्य में साल 2020 में तय दरें ही मान्य हैं.

इनपुट-आईएएनएस

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