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RIMS में लचर बिचली व्यवस्था, इमरजेंसी में मोमबत्ती के सहारे होता है इलाज

रांची के रिम्स में बिजली व्यवस्था लचर होने से मरीजों को काफी दिक्कत का सामना करना पड़ता है. वहीं, बाथरूम का गंदा होने से मरीज और परिजन काफी परेशान हैं. इस मामले में रिम्स प्रभारी अधीक्षक ने आश्वसन दिया है कि जल्द से जल्द बिजली-सफाई व्यवस्था सही कराई जाएगी.

electricity problem in rims in ranchi
रांची के रिम्स में बिजली व्यवस्था
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Published : Oct 27, 2020, 3:43 PM IST

रांचीः राजधानी का रिम्स भले ही राज्य के सबसे बड़े सरकारी अस्पतालों के नामों में शुमार हो लेकिन वहां की स्थिति देखने के बाद यह जरूर कहा जा सकता है कि कहीं ना कहीं अभी-भी बड़े अस्पतालों की गिनती में आने के लिए रिम्स को इंतजार करना पड़ेगा. अस्पताल के संचालन के लिए सबसे जरूरी चीज बिजली और पानी जैसे बुनियादी सुविधा की आवश्यकता होती है पर राजधानी के रिम्स अस्पताल में बिजली की व्यवस्था राम भरोसे ही है.

देखें पूरी खबर
इमरजेंसी में लेना पड़ता है मोमबत्ती का सहाराईटीवी भारत की टीम ने जब पड़ताल की तो मेडिसिन विभाग के जनरल वार्ड में स्थिति बद से भी बदतर थी. देर शाम होते ही मरीजों को अंधेरे में रहना पड़ता है, क्योंकि रिम्स में बिजली की व्यापक व्यवस्था नहीं है. मरीजों ने बताया कि देर शाम होते ही पूरे वार्ड में अंधेरा छा जाता है. अगर किसी मरीज को इमरजेंसी में इंजेक्शन या दवाई देना होता है तो मोमबत्ती का सहारा लेना पड़ता है.

इसे भी पढ़ें- साहिबगंजः शहीदों की याद में रन फॉर यूनिटी का आयोजन, कप्तान संग पुलिसकर्मी और बच्चे दौड़े

60 से ज्यादा मरीज करते है एक ही बाथरूम का प्रयोग
यह व्यवस्था सिर्फ रिम्स के एक वार्ड की नहीं, बल्कि कई वार्ड में इसी तरह मरीजों को अंधेरे में रहना पड़ता है. मरीजों ने बताया कि बाथरूम जैसी बुनियादी सुविधा का भी इंतजाम रिम्स के वार्ड में नहीं है. मरीजों को गंदे बाथरूम का ही उपयोग करना पड़ता है, एक बाथरूम हमेशा बंद रहता है, जिसकी वजह से 60 से ज्यादा मरीज एक बाथरूम का उपयोग करने को मजबूर हैं.

इलेक्ट्रीशियन को दी गई है हिदायत
वहीं, पूरे मामले को लेकर रिम्स के प्रभारी अधीक्षक डॉ डीके सिन्हा बताते हैं कि पूरे वार्ड में बिजली के बेहतर इंतजाम के लिए इलेक्ट्रीशियन को हिदायत दी गई है. ईटीवी की टीम से मिली शिकायत के बाद जल्द से जल्द सभी वार्डों में बिजली की व्यवस्था सही कराई जाएगी.

रांचीः राजधानी का रिम्स भले ही राज्य के सबसे बड़े सरकारी अस्पतालों के नामों में शुमार हो लेकिन वहां की स्थिति देखने के बाद यह जरूर कहा जा सकता है कि कहीं ना कहीं अभी-भी बड़े अस्पतालों की गिनती में आने के लिए रिम्स को इंतजार करना पड़ेगा. अस्पताल के संचालन के लिए सबसे जरूरी चीज बिजली और पानी जैसे बुनियादी सुविधा की आवश्यकता होती है पर राजधानी के रिम्स अस्पताल में बिजली की व्यवस्था राम भरोसे ही है.

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इमरजेंसी में लेना पड़ता है मोमबत्ती का सहाराईटीवी भारत की टीम ने जब पड़ताल की तो मेडिसिन विभाग के जनरल वार्ड में स्थिति बद से भी बदतर थी. देर शाम होते ही मरीजों को अंधेरे में रहना पड़ता है, क्योंकि रिम्स में बिजली की व्यापक व्यवस्था नहीं है. मरीजों ने बताया कि देर शाम होते ही पूरे वार्ड में अंधेरा छा जाता है. अगर किसी मरीज को इमरजेंसी में इंजेक्शन या दवाई देना होता है तो मोमबत्ती का सहारा लेना पड़ता है.

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60 से ज्यादा मरीज करते है एक ही बाथरूम का प्रयोग
यह व्यवस्था सिर्फ रिम्स के एक वार्ड की नहीं, बल्कि कई वार्ड में इसी तरह मरीजों को अंधेरे में रहना पड़ता है. मरीजों ने बताया कि बाथरूम जैसी बुनियादी सुविधा का भी इंतजाम रिम्स के वार्ड में नहीं है. मरीजों को गंदे बाथरूम का ही उपयोग करना पड़ता है, एक बाथरूम हमेशा बंद रहता है, जिसकी वजह से 60 से ज्यादा मरीज एक बाथरूम का उपयोग करने को मजबूर हैं.

इलेक्ट्रीशियन को दी गई है हिदायत
वहीं, पूरे मामले को लेकर रिम्स के प्रभारी अधीक्षक डॉ डीके सिन्हा बताते हैं कि पूरे वार्ड में बिजली के बेहतर इंतजाम के लिए इलेक्ट्रीशियन को हिदायत दी गई है. ईटीवी की टीम से मिली शिकायत के बाद जल्द से जल्द सभी वार्डों में बिजली की व्यवस्था सही कराई जाएगी.

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