रांची: एक तरफ जहां सरकार वरिष्ठ नागरिकों को हर कदम पर सुविधाएं दे रही है. 60 साल से ऊपर तक के प्रत्येक नागरिक सभी सरकारी सुविधाओं के हकदार है, तो वहीं उन्हीं के घर में इन बुजुर्गों को सही सम्मान नहीं मिल रहा हैं. आज के आधुनिक जमाने में लोग एकल परिवार में रहना पसंद करते हैं और बुजुर्गों को वृद्धा आश्रम में भटकने को मजबूर करते हैं, लेकिन बुजुर्गों ने युवाओं के लिए एक संदेश दिया है.
आज के लोग यह भूल जाते हैं कि आप जिस सुंदर से बगिया में खिल-खिला रहे है या जहां रह रहे हैं. इस बागवान ने ही सींच कर इन्हें इतना मनोरम बनाया है. बच्चों को अपने पैर पर खड़ा करने के लिए उन्होंने जो भी जतन किए उस उधार को सम्मान के साथ चुकाना हर संतान का दायित्व बनता है. 21 अगस्त को मनाए जाने वाले विश्व वरिष्ठ नागरिक दिवस को पहली बार संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा 1990 में 14 दिसंबर को घोषित किया गया था. जिसके बाद से प्रत्येक साल 21 अगस्त को इस विशेष दिवस को मनाया जाता है. हालांकि भारत में औपचारिक रूप से किसी तरह का आयोजन नहीं होता है.