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रांची में आठ लोगों ने ईसाई धर्म छोड़ सरना धर्म अपनाया, कहा- अपने घर में की है वापसी

रांची में आठ लोगों ने ईसाई धर्म छोड़ सरना धर्म अपनाया है. इसको लेकर कंडरकेल गांव में समारोह का आयोजन किया गया, जहां विधि विधान से पूजा-अर्चना की गई.

people adopted Sarna religion
आठ लोगों ने ईसाई धर्म छोड़ सरना धर्म अपनाया
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Published : Dec 22, 2021, 11:30 AM IST

Updated : Dec 22, 2021, 2:43 PM IST

रांचीः राजधानी के लापुंग प्रखंड के कंडरकेल गांव स्थित सरना स्थल में आदिवासी महासभा की ओर से समारोह का आयोजन किया गया. इस समारोह में ईसाई धर्म अपना चुके एक परिवार के आठ लोगों ने घर वापसी की. इस दौरान विधिपूर्वक सरना रीति रिवाज से पूजा-अर्चना की गई.

यह भी पढ़ेंःईसाई धर्म छोड़ 181 आदिवासियों ने अपनाया सरना धर्म, कहा- पुर्वजों ने बहकावे में आकर उठाया था कदम

धर्म परिवर्तन समारोह में बड़ी संख्या में ग्रामीण मौजूद थे. सरना धर्म अपनाने वाले लोगों को आदिवासी महासभा की ओर से धोती और साड़ी देकर सम्मानित किया गया. कार्यक्रम की शुरुआत में राष्ट्रीय धर्म गुरु जयपाल उरांव की ओर से सभी लोगों को धार्मिक तरीके से वचनबद्ध कराया गया और सफेद मुर्गे की बलि देकर सारे धार्मिक अनुष्ठान किए गए, ताकि लोग ऐसी गलती दोबारा नहीं करें. सरना धर्म अपनाने वालों में कंडरकेल डुमरटोली के रहने वाले चैतू उरांव, खुशबू उरांव, अभिषेक उरांव, सुषमा उरांव, संजोती उरांव, जगनी उरांव, अमित उरांव और आर्यन उरांव शामिल हैं.

देखें पूरी खबर

अपनी गलती का हुआ अहसास
चैतु उरांव ने बताया कि उसका परिवार लगातार बीमार रहता था. इस परेशानी से उबरने के लिए ईसाई धर्म अपनाया था. लेकिन अब अपनी गलती का अहसास हुआ और अपने धर्म में वापसी कर रहा हूं. आदिवासी महासभा के संयोजक देव कुमार धान ने कहा कि जो अपने मूल धर्म को छोड़कर दूसरे धर्म में चले गए हैं. उन लोगों को एक अभियान चलाकर अपने मूल धर्म में लाने का प्रयास कर रहे हैं. इस मौके पर महतो भगत, माघी उरांव, नीमा उरांव, चुमानी उरांव, जितिया उरांव, नितेश उरांव, सरन उरांव आदि लोग उपस्थित थे.

रांचीः राजधानी के लापुंग प्रखंड के कंडरकेल गांव स्थित सरना स्थल में आदिवासी महासभा की ओर से समारोह का आयोजन किया गया. इस समारोह में ईसाई धर्म अपना चुके एक परिवार के आठ लोगों ने घर वापसी की. इस दौरान विधिपूर्वक सरना रीति रिवाज से पूजा-अर्चना की गई.

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धर्म परिवर्तन समारोह में बड़ी संख्या में ग्रामीण मौजूद थे. सरना धर्म अपनाने वाले लोगों को आदिवासी महासभा की ओर से धोती और साड़ी देकर सम्मानित किया गया. कार्यक्रम की शुरुआत में राष्ट्रीय धर्म गुरु जयपाल उरांव की ओर से सभी लोगों को धार्मिक तरीके से वचनबद्ध कराया गया और सफेद मुर्गे की बलि देकर सारे धार्मिक अनुष्ठान किए गए, ताकि लोग ऐसी गलती दोबारा नहीं करें. सरना धर्म अपनाने वालों में कंडरकेल डुमरटोली के रहने वाले चैतू उरांव, खुशबू उरांव, अभिषेक उरांव, सुषमा उरांव, संजोती उरांव, जगनी उरांव, अमित उरांव और आर्यन उरांव शामिल हैं.

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अपनी गलती का हुआ अहसास
चैतु उरांव ने बताया कि उसका परिवार लगातार बीमार रहता था. इस परेशानी से उबरने के लिए ईसाई धर्म अपनाया था. लेकिन अब अपनी गलती का अहसास हुआ और अपने धर्म में वापसी कर रहा हूं. आदिवासी महासभा के संयोजक देव कुमार धान ने कहा कि जो अपने मूल धर्म को छोड़कर दूसरे धर्म में चले गए हैं. उन लोगों को एक अभियान चलाकर अपने मूल धर्म में लाने का प्रयास कर रहे हैं. इस मौके पर महतो भगत, माघी उरांव, नीमा उरांव, चुमानी उरांव, जितिया उरांव, नितेश उरांव, सरन उरांव आदि लोग उपस्थित थे.

Last Updated : Dec 22, 2021, 2:43 PM IST
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