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रांची के डैमों में घटने लगा जलस्तर, कम होती बारिश ने बढ़ाया जलसंकट का खतरा - रुक्का डैम में जलस्तर

झारखंड की राजधानी रांची में उम्मीद से काफी कम बारिश हुई है. आंकड़ों के अनुसार जुलाई महीने में सामान्य से 75 फीसदी कम बारिश हुई है. इसका असर रांची के डैमों पर भी पड़ा है. रांची के सभी डैमों का जलस्तर कम हो रहा है. अगर बारिश नहीं हुई तो जल संकट का खतरा उत्पन्न हो सकता है.

water level of dams in Ranchi
water level of dams in Ranchi
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Published : Jul 17, 2023, 8:31 PM IST

जानकारी देते संवाददाता उपेंद्र कुमार

रांची: जून महीने में देर से झारखंड में दस्तक देने वाले मानसून के बादल जुलाई महीने में भी राज्य के ऊपर कम ही बरस रहे हैं. मौसम केंद्र के आंकड़े के अनुसार, राज्य में जहां सामान्य से 41% कम बारिश हुई है. वहीं रांची में 44% तक कम बारिश रिकॉर्ड की गई है. जुलाई महीना तो मानसूनी वर्षा के हिसाब से और ज्यादा खराब रहा है. जुलाई महीने में राज्यभर में सामान्य से 75% तक कम बारिश रिकॉर्ड की गई है. कम बारिश से रांची के डैमों का भी बुरा हाल है.

यह भी पढ़ें: Drought in Palamu: सुखाड़ के मुहाने पर पलामू! जून में औसत से कम हुई बारिश, कई इलाकों में अब तक शुरू नहीं हुई खेती

लगातार कम हो रही बारिश का असर राजधानी रांची के तीनों डैम (हटिया डैम, कांके डैम और रुक्का डैम) के जलस्तर पर पड़ा है. तीनों डैम में जलस्तर सामान्य दिनों की अपेक्षा काफी कम है. पिछले साल मानसून के अंतिम क्षण में हुई अच्छी बारिश से जमा हुए पानी की वजह से अभी तक स्थिति चिंताजनक नहीं हुई है. लेकिन अगर इस तरह की स्थिति बनी रही तो फिर पानी की किल्लत से राजधानी वासियों को जूझना पड़ सकता है.

रांची के डैम में पानी का लेवल: राजधानी रांची के सबसे बड़े एरिया को पेयजल आपूर्ति करने वाले रुक्का डैम में महज पेयजल के लिए इस्तेमाल करने लायक सिर्फ 03 फीट पानी बचा है. पेयजल आपूर्ति विभाग के अधिकारी राधेश्याम रवि ने बताया कि रुक्का डैम में इस्तेमाल करने लायक पानी समुद्रतल से 1914 फीट तक का है, जबकि अभी जलस्तर 1917 फीट है. यानी इस्तेमाल करने लायक सिर्फ 03 फीट पानी है. राधेश्याम रवि ने बताया कि अच्छी बारिश होने पर जलस्तर बढ़ने की उम्मीद है. उन्होंने कहा कि डैम में पेयजल के लिए जो पानी बचा है, वह अगले कुछ महीने के लिए पर्याप्त है. रुक्का डैम से शहरी आबादी को हर दिन 180 MLD पानी की आपूर्ति की जाती है.

कम मानसूनी वर्षा की वजह से राजधानी के हटिया डैम में भी पानी सामान्य जलस्तर की अपेक्षा 03 से 04 फीट कम है. हालांकि पिछले वर्ष लबालब डैम भर जाने की वजह से इस बार कम बारिश के बावजूद 26 फीट पानी है. इस डैम से प्रतिदिन काफी सीमित एरिया में जलापूर्ति (08-10MLD) की जाती है.

कांके डैम में भी सिर्फ 15 फीट बचा है पानी: राज्य में लगातार कम हो रही मानसूनी वर्षा का असर कांके डैम के जलस्तर पर भी पड़ा है. समुद्र तल से अभी जलस्तर 2115 फीट है, जबकि इस समय तक 2120 फीट तक जलस्तर रहना चाहिए था. हर दिन 20MLD पानी सप्लाई करने वाले इस डैम में अभी सामान्य से 05 फीट कम पानी है. यहां के कर्मचारी नागेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि बारिश की वजह से जलस्तर जरूर कम है. लेकिन यह अलार्मिंग स्थिति में नहीं है. उन्होंने बताया कि हर दिन 20 MLD पानी की आपूर्ति करने वाले डैम में दो से तीन महीने के लिए पर्याप्त पानी है. इस बीच बारिश हो जाने पर जलस्तर में सुधार की संभावना है.

जानकारी देते संवाददाता उपेंद्र कुमार

रांची: जून महीने में देर से झारखंड में दस्तक देने वाले मानसून के बादल जुलाई महीने में भी राज्य के ऊपर कम ही बरस रहे हैं. मौसम केंद्र के आंकड़े के अनुसार, राज्य में जहां सामान्य से 41% कम बारिश हुई है. वहीं रांची में 44% तक कम बारिश रिकॉर्ड की गई है. जुलाई महीना तो मानसूनी वर्षा के हिसाब से और ज्यादा खराब रहा है. जुलाई महीने में राज्यभर में सामान्य से 75% तक कम बारिश रिकॉर्ड की गई है. कम बारिश से रांची के डैमों का भी बुरा हाल है.

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लगातार कम हो रही बारिश का असर राजधानी रांची के तीनों डैम (हटिया डैम, कांके डैम और रुक्का डैम) के जलस्तर पर पड़ा है. तीनों डैम में जलस्तर सामान्य दिनों की अपेक्षा काफी कम है. पिछले साल मानसून के अंतिम क्षण में हुई अच्छी बारिश से जमा हुए पानी की वजह से अभी तक स्थिति चिंताजनक नहीं हुई है. लेकिन अगर इस तरह की स्थिति बनी रही तो फिर पानी की किल्लत से राजधानी वासियों को जूझना पड़ सकता है.

रांची के डैम में पानी का लेवल: राजधानी रांची के सबसे बड़े एरिया को पेयजल आपूर्ति करने वाले रुक्का डैम में महज पेयजल के लिए इस्तेमाल करने लायक सिर्फ 03 फीट पानी बचा है. पेयजल आपूर्ति विभाग के अधिकारी राधेश्याम रवि ने बताया कि रुक्का डैम में इस्तेमाल करने लायक पानी समुद्रतल से 1914 फीट तक का है, जबकि अभी जलस्तर 1917 फीट है. यानी इस्तेमाल करने लायक सिर्फ 03 फीट पानी है. राधेश्याम रवि ने बताया कि अच्छी बारिश होने पर जलस्तर बढ़ने की उम्मीद है. उन्होंने कहा कि डैम में पेयजल के लिए जो पानी बचा है, वह अगले कुछ महीने के लिए पर्याप्त है. रुक्का डैम से शहरी आबादी को हर दिन 180 MLD पानी की आपूर्ति की जाती है.

कम मानसूनी वर्षा की वजह से राजधानी के हटिया डैम में भी पानी सामान्य जलस्तर की अपेक्षा 03 से 04 फीट कम है. हालांकि पिछले वर्ष लबालब डैम भर जाने की वजह से इस बार कम बारिश के बावजूद 26 फीट पानी है. इस डैम से प्रतिदिन काफी सीमित एरिया में जलापूर्ति (08-10MLD) की जाती है.

कांके डैम में भी सिर्फ 15 फीट बचा है पानी: राज्य में लगातार कम हो रही मानसूनी वर्षा का असर कांके डैम के जलस्तर पर भी पड़ा है. समुद्र तल से अभी जलस्तर 2115 फीट है, जबकि इस समय तक 2120 फीट तक जलस्तर रहना चाहिए था. हर दिन 20MLD पानी सप्लाई करने वाले इस डैम में अभी सामान्य से 05 फीट कम पानी है. यहां के कर्मचारी नागेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि बारिश की वजह से जलस्तर जरूर कम है. लेकिन यह अलार्मिंग स्थिति में नहीं है. उन्होंने बताया कि हर दिन 20 MLD पानी की आपूर्ति करने वाले डैम में दो से तीन महीने के लिए पर्याप्त पानी है. इस बीच बारिश हो जाने पर जलस्तर में सुधार की संभावना है.

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