रांची: विधानसभा चुनाव को लेकर आयोग के नारे "कोई मतदाता छूटे नहीं” को मजबूत करने की मकसद से गुरुवार को राजधानी में एक कार्यशाला का आयोजन किया गया. इस दौरान राज्य के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी विनय चौबे ने कहा कि मतदाताओं को जागरुक करने के लिए स्वीप के तहत लगातार कई कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है. इसी क्रम में शिक्षकों से भी इस काम में सहयोग करने की अपील की गई है.
सबसे अधिक सी-विजिल एप डाउनलोड कराने वाले कैंपस एंबेसडर होंगे पुरस्कृत
विनय कुमार चौबे ने शैक्षणिक संस्थानों के लिए आयोजित कार्यशाला में कहा कि स्वतंत्र, निष्पक्ष और नैतिक मतदान सुनिश्चित कराने की दिशा में शिक्षण संस्थान भी पहल करे. कार्यशाला में बताया गया कि कैंपस एंबेसडरों की भी मतदाता जागरुकता कार्यक्रमों में अहम भूमिका है. वो ज्यादा से ज्यादा लोगों को सी-विजिल एप के बारे में जानकारी दें, ताकि चुनाव प्रक्रिया के दौरान आदर्श चुनाव आचार-संहिता के उल्लंघन की ज्यादा से ज्यादा शिकायतें सामने आ सके. उन्हें यह भी बताया गया कि जो कैंपस एंबेसडर सबसे ज्यादा लोगों को सी-विजिल एप डाउनलोड कराएंगे, उन्हें पुरस्कृत किया जाएगा.
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नए प्रावधानों के बारे में लोगों को दें जानकारी
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने कहा कि झारखंड विधानसभा चुनाव के साथ ही निर्वाचन आयोग के तय किए गए कई प्रावधान लागू हो रहे हैं. इसमें दिव्यांग और 80 साल से ज्यादा आयु के मतदाताओं के लिए पोस्टल-बैलेट से मतदान की सुविधा और वोटर एप की सुविधा आदि शामिल है, साथ ही मतदाताओं की सुविधा के लिए आयोग की ओर से पहले से जो व्यवस्था की गई है, उसकी जानकारी भी शैक्षणिक संस्थान के परिसर और आसपास में रहने वाले लोगों को बताए, ताकि वे मतदान के लिए प्रेरित हो सके.
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एनएसएस, एनसीसी और कैंपस एंबेसडर को चुनावी प्रक्रिया में बनाएं भागीदार
शैक्षणिक संस्थान के प्रतिनिधियों को कहा गया कि वे झारखंड विधानसभा चुनाव के मद्देनजर एनएसएस, एनसीसी और कैंपस एंबेसडरों को चुनावी प्रक्रिया में भागीदार बनाएं. उन्हें यह भी बताया गया कि उनके साथ युवाओं की बड़ी संख्या है और 50 प्रतिशत से ज्यादा मतदाता युवा हैं. ऐसे में मतदाताओं की एक बड़ी संख्या चुनावी प्रक्रिया के साथ-साथ देश की प्रजातांत्रिक व्यवस्था में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका जान सकेंगे.
स्वीप के तहत शैक्षणिक संस्थानों का रोल
कार्यशाला में शैक्षणिक संस्थानों के प्रतिनिधियों को स्वीप के तहत किस तरह के कार्य करने हैं, इसकी जानकारी दी गई. उन्हें कहा गया कि वे शैक्षणिक संस्थान परिसर और आसपास के इलाकों में लोगों को प्रजातांत्रिक व्यवस्था के तहत व्यवस्था किस तरह कार्य करती है, उसकी जानकारी दें और उन्हें इसमें भागीदार भी बनाएं. इसके साथ मतदाताओं को बिना किसी प्रलोभन में आए नैतिक मतदान के लिए प्रेरित करना और मतदान केंद्र तक मतदाताओं की पहुंच सुनिश्चित करने और मतदाताओं की अगर कोई समस्या है तो उसे दूर करने की पहल करें.
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शैक्षणिक संस्थानों में स्वीप एक्टिविटीज का हो आयोजन
मतदाता जागरुकता कार्यक्रमों का संचालन ज्यादा से ज्यादा शैक्षणिक संस्थानों में किया जाना है. ऐसे में इसके लिए योजना बनाकर कार्यक्रमों का आयोजन किया जाए. शैक्षणिक संस्थानों को बताया गया कि वे एनएसएस के आयोजित होने वाले कार्यक्रमों से मतदाता जागरुकता कार्यक्रमों को जोड़े. इन कार्यक्रमों में आने वाले युवाओं को मतदान की अहमियत और चुनावी प्रक्रिया की जानकारी दें. इसके साथ कैंपस में एक ऐसा कार्यक्रम भी हो, जिसमें वे संकल्प लेंगे कि वे हर हाल में मतदान करेंगे और दूसरों को भी मतदान के लिए प्रेरित करेंगे.