रांची: साल 2023 झारखंड में ईडी की कार्रवाई को लेकर जाना जाएगा. वहीं अनुमान लगाया जा रहा है कि साल 2024 भी ईडी के द्वारा की गई कार्रवाई को लेकर ही याद रखा जाएगा. क्योकि नए साल में भी झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन से लेकर कई अफसर और एक आईएएस अधिकारी की पत्नी भी ईडी के राडार पर हैं. सभी के लिए जनवरी का पहला सप्ताह बेहद अहम है.
सीएम का दर्ज होना है बयान: ईडी के छह समन के बाद भी ईडी दफ्तर नहीं पहुंचने वाले सीएम हेमंत को ईडी के द्वारा जमीन घोटाले मामले में बयान दर्ज करने के लिए 31 दिसंबर का समय ईडी ने एक निश्चित स्थान और समय तय करने के लिए दिया था, जो जानकारी मिल रही है उसके अनुसार सीएम हेमंत के द्वारा अभी तक ईडी से इस मामले को लेकर कोई पत्राचार नहीं किया गया है. ऐसे में यह तय माना जा रहा है कि जनवरी 2024 के पहले सफ्ताह में ईडी सीएम हेमंत को लेकर कोई न कोई बड़ा निर्णय जरूर ले लेगी.
गृह सचिव की पत्नी से होगी 3 जनवरी को पूछताछ: जनवरी के पहले सफ्ताह में झारखंड के गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव अविनाश कुमार की पत्नी प्रीति कुमार को ईडी ने समन भेजा है. ईडी ने समन भेजकर 3 जनवरी की सुबह 10.30 बजे एजेंसी के रांची जोनल ऑफिस में पूछताछ के लिए बुलाया है. रांची जमीन घोटाले की जांच कर रही ईडी को 13 अप्रैल को बड़गाईं अंचल के राजस्व उपनिरीक्षक के घर और मोबाइल से कई जमीनों के दस्तावेज मिले थे, डीसी रांची के आदेश के बाद इस मामले में सदर थाने में एफआईआर दर्ज की गई थी.
इस केस में ईडी ने ईसीआईआर दर्ज किया था. ईडी ने प्रीति कुमार के जमीन से जुड़े बर्लिन अस्पताल का सर्वे पांच दिसंबर को कराया था. इस दौरान एजेंसी ने पाया था कि बूटी मोड़ स्थित बर्लिन अस्पताल में सात कठ्ठा अवैध कब्जा है. ईडी ने बर्लिन अस्पताल की पूरी जमीन और नक्शे का सर्वे किया था. ईडी ने जांच में पाया है कि बर्लिन अस्पताल का पार्किंग सरकारी जमीन पर बना है. ईडी अब इस पूरे मामले को सरकारी जमीन पर कब्जा का मामला मान रही है. इसी मामले में प्रीति कुमार से पूछताछ की जाएगी.
दो जनवरी को जेलर से होगी पूछताछ: रांची के एक प्रतिष्ठित अखबार के संपादक को जेल से धमकी देने के मामले को लेकर रांची जेल के जेलर प्रमोद कुमार ईडी के राडार पर आ गए हैं. ईडी ने जेलर को समन जारी कर दो जनवरी को पूछताछ के लिए तलब किया है. पूरा मामला शराब घोटाले में गिरफ्तार कारोबारी योगेंद्र तिवारी से जुड़ा हुआ है. रांची के एक प्रतिष्ठित अखबार के संपादक को जेल से धमकी दी गई थी. जांच के क्रम में यह बात सामने आई है कि इसमें जेलर की भूमिका भी संदिग्ध है. सम्पादक को जेल में बंद योगेंद्र तिवारी के द्वारा ही धमकी दी गई है. योगेंद्र तिवारी को ईडी ने गिरफ्तार किया था, जिसके बाद से ही वह रांची जेल में बंद है. जेलर को ईडी ने योगेंद्र तिवारी के सेल का सीसीटीवी फुटेज भी साथ लाने को कहा है.
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