रांची: झारखंड के बड़े कारोबारी विष्णु अग्रवाल बुधवार को ईडी के सवालों का सामना करेंगे. ईडी रांची के चेशायर होम रोड की जमीन डील को लेकर विष्णु अग्रवाल से पूछताछ करेगी. बुधवार को दिन के 11 बजे विष्णु अग्रवाल को ईडी के जोनल ऑफिस में हाजिर होना है. वहीं दूसरी तरफ ईडी ने एक बार फिर रांची के जेल अधीक्षक हमीद अख्तर को भी पूछताछ के लिए समन जारी किया है.
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फर्जी कागजात के आधार पर जमीन खरीदी: दरअसल रांची के चेशायर होम रोड की जमीन विष्णु अग्रवाल ने प्रेम प्रकाश के करीबी पुनीत भार्गव से खरीदी थी. जमीन के फर्जी कागजात अफसर अली ने कोलकाता के रजिस्ट्रार ऑफ एश्योरेंस के दस्तावेजों में छेड़छाड़ कर बनाए थे. इस मामले में विष्णु अग्रवाल की भूमिका भी सामने आई है. इसी को लेकर ईडी विष्णु अग्रवाल से पूछताछ करेगी.
गौरतलब है कि इससे पहले मई महीनें में भी ईडी ने कारोबारी विष्णु अग्रवाल को समन किया था, लेकिन तब स्वास्थ्य कारणों से उनसे पूछताछ नहीं हो पायी थी. जबकि ईडी ने चार्जशीट में यह जिक्र किया है कि जमीन के फर्जीवाड़े में जो गिरोह शामिल था. उस गिरोह के सदस्य अफसर अली ने विष्णु अग्रवाल के द्वारा खरीदी गई जमीन में फर्जीवाड़े की जानकारी ईडी को दी है. ईडी को अफसर अली ने बयान दिया है कि चेशायर होम रोड की एक एकड़ जमीन के फर्जी कागजात बनाए गए थे. उसके बाद उसके सहयोगी इम्तियाज अहमद ने इस जमीन की रजिस्ट्री प्रेम प्रकाश के करीब पुनीत भार्गव को की. इम्तियाज ने यह रजिस्ट्री 1.78 करोड़ में करने की बात डीड में दिखायी. बाद में पुनीत भार्गव ने इस जमीन की रजिस्ट्री 1.80 करोड़ में विष्णु अग्रवाल और उनकी पत्नी को बेच दी. दरअसल विष्णु अग्रवाल हर उस जमीन के पीछे सफेदपोश की तरह थे जिस पर आलीशान मल्टीप्लेक्स बनाए जाने की संभावनाएं थी.
जेल अधीक्षक और वकील को भी समन जारी: वहीं, ईडी ने सेना जमीन मामले में जयंत कर्नाड के करीबी अधिवक्ता हिमांशु मेहता को भी नोटिस कर 28 फरवरी को बुलाया है. जबकि रांची जेल के अधीक्षक हमीद अख्तर से ईडी 26 को पूछताछ करेगी.
हिमांशु मेहता को क्यों हुआ समन: सेना की जमीन पर असली मालिकत्व का दावा करने वाले जयंत करनाड ने भी फर्जी कागजात के जरिए सेना की जमीन हासिल करने की कोशिश की थी. ईडी ने जांच में पाया है कि जयंत करनाड के द्वारा भी जो दस्तावेज अपने अधिवक्ता हिमांशु कुमार मेहता के जरिए पेश किए गए थे, उनकी जांच करायी गई. जांच में यह पाया गया है कि जयंत करनाड के पक्ष में भी कागजातों की हेरफेर पूर्व में हुई थी. इसके बाद उन्होंने जमीन पर अपना दावा ठोंका था. हाईकोर्ट से भी इन्हीं कागजातों के आधार पर अपने पक्ष में आर्डर भी जयंत करनाड ने हासिल कर लिया था. इसके बाद जयंत करनाड ने 14 लोगों को जमीन की रजिस्ट्री कर दी थी.
ईडी ने जांच में पाया है कि जयंत करनाड ने भी सेना की जमीन को हासिल करने के लिए 1.29 करोड़ की राशि खर्च की. ईडी ने जयंत करनाड से जब पूछताछ की थी, तब उसने कबूल किया था कि उसके पास जमीन के कोई कागजात नहीं थे. अधिवक्ता हिमांशु के कहने पर अलग अलग खातों में जयंत ने 2 फरवरी 2019 को मंजूश्री पात्रा को चेक के जरिए 2.50 लाख, श्रेष्ठ मेहता को 2.50 लाख, चार फरवरी व सात फरवरी 2019 को हिमांशू कुमार मेहता को 60-60 लाख और सात फरवरी 2019 को महतो पी देव को 4 लाख का भुगतान किया गया था.इसी वजह से वकील हिमांशु को भी ईडी ने समन किया है.
जेल अधीक्षक को क्यों हुआ समन: रांची के जेल अधीक्षक हमीद अख्तर को ईडी ने समन किया है. पूर्व में ईडी ने जेल की सीसीटीवी फुटेज मांगी थी, कोर्ट के आवेदन के बाद भी हमीद अख्तर ने ईडी को फुटेज में दिया. वहीं आईएएस अधिकारी छवि रंजन के जेल जाने के बाद नियम विरुद्ध तरीके से उनकी मुलाकात हमीद अख्तर की जानकारी में प्रेम प्रकाश से कराई गई थी. हमीद अख्तर पर अमित अग्रवाल को वकालतनामे में गलत तरीके से लाभ देने का भी आरोप लगा था.सारे मामले पर हामिद अख्तर से ईडी पूछताछ करेगी.