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ED action in Jharkhand: चीफ इंजीनियर वीरेंद्र राम सीए और भतीजे के जरिये करता था ब्लैक मनी को निवेश, करीबियों से पूछताछ की तैयारी - वीरेंद्र राम के रिश्तेदार से ईडी की पूछताछ

चीफ इंजीनियर वीरेंद्र राम पर ईडी का शिकंजा कसता जा रहा है. वीरेंद्र राम से 12 दिनों तक पूछताछ के बाद ईडी अब उनके करीबियों से पूछताछ की तैयारी कर रही है.

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Published : Mar 11, 2023, 11:56 AM IST

रांची: ईडी के शिकंजे में आए ग्रामीण कार्य विकास विभाग के चीफ इंजीनियर वीरेंद्र राम ने एजेंसी के सामने 12 दिनों की पूछताछ में अपनी काली कमाई के कई राज खोले हैं. फिलहाल ईडी की टीम बरामद साक्ष्य जिसमें बैंक डिटेल, डिजिटल उपकरण शामिल है उनकी जांच कर रही है. एजेंसी जांच की दिशा को और आगे बढ़ाने के लिए वीरेंद्र राम ने अकूत संपत्ति की कमाई के लिए किन किन योजनाओं में किस तरह के घपले किए थे इसकी भी पड़ताल कर रही है.

ये भी पढ़ें- Chief Engineer Virendra Ram Case: धनकुबेर इंजीनियर वीरेंद्र राम की मुसीबतें बढ़ीं, दिल्ली में भी हुआ एफआईआर

रिश्तेदारों के खातों का किया जमकर प्रयोग: ईडी की जांच में यह बात भी सामने आई है कि वीरेंद्र राम ने अपने कई रिश्तेदारों के खातों को ब्लैक मनी रखने के लिए इस्तेमाल किया. वीरेंद्र राम के तो कई ऐसे रिश्तेदार भी हैं जिन्हें यह पता ही भी नहीं है कि उनके अकाउंट में लाखों रुपए कहां से आए. जांच में बात भी सामने आई है कि वीरेंद्र राम ने अपने पिता, पत्नी, बेटे, भतीजे सहित कई रिश्तेदारों के खातों में अलग अलग खातों से करोड़ों रुपये डलवाए. वीरेंद्र राम ने अपने पिता गेंदा राम, पत्नी राजकुमारी देवी समेत दूसरे पारिवारिक सदस्यों के नाम पर जो संपत्ति अर्जित की, वह सभी के ज्ञात स्रोत से बहुत ज्यादा अधिक है.

सीए के जरिए मनी लाउंड्रिंग: दरअसल, वीरेंद्र राम ने अपने सीए के जरिए मनी लॉन्ड्रिंग का रास्ता तैयार किया. सीए के सलाह पर ही वीरेंद्र राम के पिता गेंदा राम और पत्नी राजकुमारी देवी के केनरा बैंक के ज्वाइंट एकाउंट में 5.70 करोड़ और 3.59 करोड़ जमा किए गए थे. ये सभी रुपये आरके इंवेस्टमेंट और आरपी इंवेस्टमेंट एंड कंसल्टेंसी के खातों से पैसे आए थे.
वीरेंद्र राम के सीए सहित कई रिश्तेदार ईडी के रडार पर आ चुके हैं. सब को नोटिस करने की तैयारी की जा रही है. ईडी इनमें कुछ लोगों से पूछताछ भी कर चुकी है.

कई ने बताया खुद को बेकसूर: ईडी ने आरके इंवेस्टमेंट और आरपी इंवेस्टमेंट एंड कंसल्टेंसी के खातों से पैसे के लेनदेन को लेकर दोनों फर्म के संचालक राजेश कुमार केडिया और रीना पाल का भी बयान दर्ज किया है. ईडी को दोनों ने बताया है कि उनके बैंक खातों का संचालन सीए मुकेश कुमार मित्तल के द्वारा ही किया जाता है. उनलोगों को यह जानकारी नहीं है कि उनके खातों के जरिए पैसे क्रेडिट हुए हैं. राजेश और रीना ने यह भी बताया कि वह कभी राजकुमारी या गेंदा राम से मिले भी नहीं हैं ना ही उन्हें जानते हैं.

इनकम टैक्स रिटर्न में भी आय की जानकारी नहीं: ईडी ने जांच में पाया है कि वीरेंद्र राम की पत्नी राजकुमारी देवी ने कई महंगी गाड़ियों और अचल संपत्तियों की खरीदारी की है, लेकिन किसी का जिक्र इनकम टैक्स रिटर्न में भी नहीं था. वीरेंद्र राम को पत्नी ने तो पति के गिरफ्तार होने बाद यहां तक बोल दिया कि उनके खातों में पति वीरेंद्र राम ने पैसे डलवाए इसकी जानकारी उन्हें नहीं थी.

रांची: ईडी के शिकंजे में आए ग्रामीण कार्य विकास विभाग के चीफ इंजीनियर वीरेंद्र राम ने एजेंसी के सामने 12 दिनों की पूछताछ में अपनी काली कमाई के कई राज खोले हैं. फिलहाल ईडी की टीम बरामद साक्ष्य जिसमें बैंक डिटेल, डिजिटल उपकरण शामिल है उनकी जांच कर रही है. एजेंसी जांच की दिशा को और आगे बढ़ाने के लिए वीरेंद्र राम ने अकूत संपत्ति की कमाई के लिए किन किन योजनाओं में किस तरह के घपले किए थे इसकी भी पड़ताल कर रही है.

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रिश्तेदारों के खातों का किया जमकर प्रयोग: ईडी की जांच में यह बात भी सामने आई है कि वीरेंद्र राम ने अपने कई रिश्तेदारों के खातों को ब्लैक मनी रखने के लिए इस्तेमाल किया. वीरेंद्र राम के तो कई ऐसे रिश्तेदार भी हैं जिन्हें यह पता ही भी नहीं है कि उनके अकाउंट में लाखों रुपए कहां से आए. जांच में बात भी सामने आई है कि वीरेंद्र राम ने अपने पिता, पत्नी, बेटे, भतीजे सहित कई रिश्तेदारों के खातों में अलग अलग खातों से करोड़ों रुपये डलवाए. वीरेंद्र राम ने अपने पिता गेंदा राम, पत्नी राजकुमारी देवी समेत दूसरे पारिवारिक सदस्यों के नाम पर जो संपत्ति अर्जित की, वह सभी के ज्ञात स्रोत से बहुत ज्यादा अधिक है.

सीए के जरिए मनी लाउंड्रिंग: दरअसल, वीरेंद्र राम ने अपने सीए के जरिए मनी लॉन्ड्रिंग का रास्ता तैयार किया. सीए के सलाह पर ही वीरेंद्र राम के पिता गेंदा राम और पत्नी राजकुमारी देवी के केनरा बैंक के ज्वाइंट एकाउंट में 5.70 करोड़ और 3.59 करोड़ जमा किए गए थे. ये सभी रुपये आरके इंवेस्टमेंट और आरपी इंवेस्टमेंट एंड कंसल्टेंसी के खातों से पैसे आए थे.
वीरेंद्र राम के सीए सहित कई रिश्तेदार ईडी के रडार पर आ चुके हैं. सब को नोटिस करने की तैयारी की जा रही है. ईडी इनमें कुछ लोगों से पूछताछ भी कर चुकी है.

कई ने बताया खुद को बेकसूर: ईडी ने आरके इंवेस्टमेंट और आरपी इंवेस्टमेंट एंड कंसल्टेंसी के खातों से पैसे के लेनदेन को लेकर दोनों फर्म के संचालक राजेश कुमार केडिया और रीना पाल का भी बयान दर्ज किया है. ईडी को दोनों ने बताया है कि उनके बैंक खातों का संचालन सीए मुकेश कुमार मित्तल के द्वारा ही किया जाता है. उनलोगों को यह जानकारी नहीं है कि उनके खातों के जरिए पैसे क्रेडिट हुए हैं. राजेश और रीना ने यह भी बताया कि वह कभी राजकुमारी या गेंदा राम से मिले भी नहीं हैं ना ही उन्हें जानते हैं.

इनकम टैक्स रिटर्न में भी आय की जानकारी नहीं: ईडी ने जांच में पाया है कि वीरेंद्र राम की पत्नी राजकुमारी देवी ने कई महंगी गाड़ियों और अचल संपत्तियों की खरीदारी की है, लेकिन किसी का जिक्र इनकम टैक्स रिटर्न में भी नहीं था. वीरेंद्र राम को पत्नी ने तो पति के गिरफ्तार होने बाद यहां तक बोल दिया कि उनके खातों में पति वीरेंद्र राम ने पैसे डलवाए इसकी जानकारी उन्हें नहीं थी.

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