रांची: सेना की जमीन घोटाला मामले में आज का दिन बेहद अहम होगा, ईडी की टीम कोलकाता के कारोबारी अमित अग्रवाल के नजदीकी दिलीप कुमार घोष से पूछताछ नहीं कर पाई क्योंकि वे ईडी दफ्तर नहीं पहुंचे. जगतबंधु टी एस्टेट से जुड़े दिलीप घोष को ईडी ने समन कर दस मई को एजेंसी के जोनल कार्यालय में हाजिर होने का निर्देश दिया था. अब ईडी एक बार फिर से उन्हें समन जारी करेगी.
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दिलीप अहम कड़ी है जमीन घोटाले का: ईडी के जांच में यह बात सामने आ चुकी है कि दिलीप घोष की कंपनी जगतबंधु टी एस्टेट प्राइवेट लिमिटेड को ही फर्जी कागजातों के जरिए सेना की कब्जे वाली 4.55 एकड़ जमीन बेची गई थी. ईडी को यह भी जानकारी मिली है कि कंपनी ने 20 करोड़ के सरकारी मूल्य की जमीन महज सात करोड़ में खरीदने का जिक्र रजिस्ट्री में किया है. वहीं इस जमीन के बदले फर्जी मालिक प्रदीप बागची को महज 25 लाख मिले थे. रजिस्ट्री में अलग अलग बैंक खातों से बाकी 6.75 करोड़ रुपये देने का दावा ईडी की जांच में गलत निकला है. दिलीप घोष ने संपत्ति की खरीद कैसे की, उसका भुगतान कैसे किया इस संबंध में पूरा विवरण ईडी को देना होगा.
जयंत समेत 13 को भी जारी हुआ समन, निगम के टैक्स कलेक्टर से भी होगी पूछताछ: ईडी ने रांची सेना जमीन घोटाले को लेकर जमीन के वास्तविक मालिक जयंत करनाड को भी समन भेजा है. जयंत करनाड के अलावा ईडी उन 13 लोगों से भी पूछताछ करेगी, जिन्हें जयंत ने जमीन की रजिस्ट्री साल 2019 में की थी. ईडी सूत्रों के मुताबिक, बुधवार से शुक्रवार तक सभी लोगों को ईडी के समक्ष उपस्थित होकर बयान देना है. ईडी जयंत समेत अन्य लोगों से जमीन के संबंध में पूरी जानकारी लेगी.
एफआईआर दर्ज करवाने वाले निगमकर्मी को भी समन: वहीं, ईडी ने इस मामले में रांची नगर निगम के टैक्स कलेक्टर दिलीप शर्मा को भी नोटिस किया है. दिलीप शर्मा ने ही प्रदीप बागची के खिलाफ पहली बार 4 जून 2022 को फर्जी कागजात के आधार पर नगर निगम से होल्डिंग लेने का मामला बरियातू थाने में दर्ज कराया था. अरबों के जमीन घोटाले का राज इसी एफआईआर से खुला जो रांची के बरियातू थाने में दर्ज करवाया गया था.
दरअसल रांची नगर निगम के टैक्स क्लेक्टर दिलीप शर्मा ने 4 जून 2022 को बरियातू थाने में एक एफआईआर दर्ज कराई, जिसमें उन्होंने शिकायत की कि फर्जी आधार कार्ड, इलेक्ट्रिसिटी बिल के जरिए प्रदीप बागची नाम के एक व्यक्ति ने दो होल्डिंग नंबर 4.55 एकड़ जमीन की ले ली है, तब मामूली माने जाने वाले इस एफआईआर के आधार पर ही अब न सिर्फ रांची के तत्कालीन डीसी छवि रंजन की गिरफ्तारी हो गई, बल्कि अरबों के जमीन घोटाले का भी पर्दाफाश हुआ. ईडी ने बरियातू थाने में दर्ज केस के आधार पर ही ईसीआईआर दर्ज किया था.