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शराब कारोबार के जरिए मनी लाउंड्रिंग की जांच शुरू, झारखंड के बड़े कारोबारी तिवारी बंधुओं को ईडी ने भेजा नोटिस - ED Notice to Yogendra Tiwari

झारखंड में शराब कारोबार के जरिए मनी लाउंड्रिंग की आशंका में ईडी ने शराब कारोबारी योगेंद्र तिवारी और उनके भाई अमरेंद्र तिवारी को नोटिस जारी किया है. हाई कोर्ट में इनके खिलाफ पीआईएल दायर होने के बाद ईडी ने मामले की जांच शुरू की है.

Jharkhand biggest liquor trader
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Published : May 3, 2022, 7:29 AM IST

रांची: झारखंड के बड़े शराब कारोबारी योगेंद्र तिवारी और उनके भाई अमरेंद्र तिवारी को ईडी ने पूछताछ के लिए नोटिस जारी किया है. मनी लाउंड्रिंग की आशंका को लेकर ईडी उनसे पूछताछ करेगी. इनके अलावा और भी कई लोगों को नोटिस भेजने की तैयारी है. इनके खिलाफ हाई कोर्ट में पीआईएल भी दर्ज करवाई जा चुकी है, जिसके बाद ईडी ने कार्रवाई शुरू की.

इसे भी पढ़ें: Money Laundering Case: अनिल आदिनाथ बस्तावड़े की जमानत रद्द, ईडी कोर्ट ने जारी किया गिरफ्तारी वारंट


19 कंपनियां रडार पर: झारखंड के दुमका में रहने वाले शराब कारोबारी योगेंद्र तिवारी और अमरेंद्र तिवारी से ईडी पूछताछ करेगी कि वह शराब कारोबार के जरिए मनी लाउंड्रिंग में शामिल तो नहीं हैं. दोनों से पूछताछ के बाद शराब कारोबार से जुड़े अन्य कई लोगों को भी नोटिस भेजा जा सकता है, जिनके नाम पर पिछले वित्तीय वर्ष में कई कंपनियां बनाकर राज्य में शराब के ठेके लिए गए थे. ईडी अधिकारियों के मुताबिक, अब तक 19 कंपनियां एजेंसी के रडार पर हैं. अधिकारियों के मुताबिक, ये सारी कंपनियां एक दूसरे से जुड़ी हुई हैं. साथ ही सभी पर योगेंद्र तिवारी का ही नियंत्रण बताया जाता है.

कम बैलेंस पर खाता खुले, फिर करोड़ों का ट्रांजेक्शन: ईडी अधिकारियों के मुताबिक, वित्तीय वर्ष 2021-2022 में झारखंड में ऑक्शन के जरिए शराब गोदाम और थोक कारोबार निजी कंपनियों को दिया गया था. राज्य में शराब कारोबार से जुड़े एसोसिएशन ने आरोप लगाया था कि शक्तिशाली लोगों ने शराब कारोबार पर कब्जा किया, इसके बाद अधिकांश जिलों में इन कार्टेल ने शराब का ट्रेडिंग लाइसेंस ले लिया. इन निजी कंपनियों के बैंक खातों के प्रारंभिक जांच में यह बात सामने आयी कि अधिकांश कंपनियों के बैंक खाते वित्तीय वर्ष 2021- 22 की पहली तिमाही में मामूली रकम के साथ खोले गए थे लेकिन, कुछ ही दिनों में इन खातों में करोड़ों रुपये जमा किए गए. साथ ही इन पैसों को अलग अलग कंपनियों में ट्रांसफर भी किया गया.

रिटेलर एसोसिएशन की शिकायत व पीआईएल बना आधार: राज्य में शराब कारोबार को लेकर रिटेलर एसोसिएशन ने शिकायत की थी. वहीं, हाई कोर्ट में पीआईएल भी दायर किया गया था, जिसमें शक्तिशाली लोगों के समूह की ओर से शराब कारोबार को कब्जा करने और अवैध तरीके से निवेश का जिक्र किया गया था. ईडी ने इसे ही आधार बनाते हुए जांच शुरू की है.

रांची: झारखंड के बड़े शराब कारोबारी योगेंद्र तिवारी और उनके भाई अमरेंद्र तिवारी को ईडी ने पूछताछ के लिए नोटिस जारी किया है. मनी लाउंड्रिंग की आशंका को लेकर ईडी उनसे पूछताछ करेगी. इनके अलावा और भी कई लोगों को नोटिस भेजने की तैयारी है. इनके खिलाफ हाई कोर्ट में पीआईएल भी दर्ज करवाई जा चुकी है, जिसके बाद ईडी ने कार्रवाई शुरू की.

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19 कंपनियां रडार पर: झारखंड के दुमका में रहने वाले शराब कारोबारी योगेंद्र तिवारी और अमरेंद्र तिवारी से ईडी पूछताछ करेगी कि वह शराब कारोबार के जरिए मनी लाउंड्रिंग में शामिल तो नहीं हैं. दोनों से पूछताछ के बाद शराब कारोबार से जुड़े अन्य कई लोगों को भी नोटिस भेजा जा सकता है, जिनके नाम पर पिछले वित्तीय वर्ष में कई कंपनियां बनाकर राज्य में शराब के ठेके लिए गए थे. ईडी अधिकारियों के मुताबिक, अब तक 19 कंपनियां एजेंसी के रडार पर हैं. अधिकारियों के मुताबिक, ये सारी कंपनियां एक दूसरे से जुड़ी हुई हैं. साथ ही सभी पर योगेंद्र तिवारी का ही नियंत्रण बताया जाता है.

कम बैलेंस पर खाता खुले, फिर करोड़ों का ट्रांजेक्शन: ईडी अधिकारियों के मुताबिक, वित्तीय वर्ष 2021-2022 में झारखंड में ऑक्शन के जरिए शराब गोदाम और थोक कारोबार निजी कंपनियों को दिया गया था. राज्य में शराब कारोबार से जुड़े एसोसिएशन ने आरोप लगाया था कि शक्तिशाली लोगों ने शराब कारोबार पर कब्जा किया, इसके बाद अधिकांश जिलों में इन कार्टेल ने शराब का ट्रेडिंग लाइसेंस ले लिया. इन निजी कंपनियों के बैंक खातों के प्रारंभिक जांच में यह बात सामने आयी कि अधिकांश कंपनियों के बैंक खाते वित्तीय वर्ष 2021- 22 की पहली तिमाही में मामूली रकम के साथ खोले गए थे लेकिन, कुछ ही दिनों में इन खातों में करोड़ों रुपये जमा किए गए. साथ ही इन पैसों को अलग अलग कंपनियों में ट्रांसफर भी किया गया.

रिटेलर एसोसिएशन की शिकायत व पीआईएल बना आधार: राज्य में शराब कारोबार को लेकर रिटेलर एसोसिएशन ने शिकायत की थी. वहीं, हाई कोर्ट में पीआईएल भी दायर किया गया था, जिसमें शक्तिशाली लोगों के समूह की ओर से शराब कारोबार को कब्जा करने और अवैध तरीके से निवेश का जिक्र किया गया था. ईडी ने इसे ही आधार बनाते हुए जांच शुरू की है.

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