रांची: ईडी ने ग्रामीण विकास विभाग के चीफ इंजीनियर वीरेंद्र राम के 24 ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की है. मिली जानकारी के अनुसार रांची के अशोकनगर, सिरसा, सिवान, जमशेदपुर और दिल्ली स्थित वीरेंद्र राम के ठिकानों पर एक साथ ईडी की टीम ने रेड की है. गौरतलब है कि एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम ने साल 2019 में जमशेदपुर में वीरेंद्र राम के घर पर छापामारी की थी, इस दौरान राम के घर से 2.45 करोड़ रुपये नकद बरामद किए गए थे. इसी मामले को लेकर ईडी ने वीरेंद्र राम के ठिकानों पर मंगलवार से छापेमारी शुरू की है.
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कहां-कहां हो रही है रेड: ईडी सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार वीरेंद्र राम के कुल 24 ठिकानों पर एक साथ ईडी की टीम ने छापेमारी की है. यह 24 ठिकाने देश की राजधानी दिल्ली, झारखंड की राजधानी रांची के साथ-साथ जमशेदपुर हिसार और सिवान में स्थित है. ग्रामीण विकास विभाग के चीफ इंजीनियर विरेंद्र राम सरकार के काफी चहेते माने जाते हैं. उनके यहां ईडी की छापेमारी से हड़कंप मचा हुआ है.
जांच के दौरान यह बात सामने आई है कि चीफ इंजीनियर वीरेंद्र राम के पास काफी नामी और बेनामी संपत्ति है. जमशेदपुर के शिव गंगा अपार्टमेंट और मानगो के वसुंधरा स्टेट में भी उनका एक-एक फ्लैट है. इसके अलावा जमशेदपुर के ही ग्रीन वाटिका में उनके दो डुप्लेक्स हैं. पटना, दिल्ली जैसे शहरों में भी उनकी कई संपत्तियां हैं जो बेनामी है. हाउसिंग बोर्ड में रहते हुए भी वीरेंद्र राम पर कई तरह की अनियमितता के आरोप लगे थे. इसके बावजूद वह सरकार के चहेते बने रहे और प्रमुख पदों पर विराजमान रहे.
साल 2019 में हुई थी रेड: साल 2019 में एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम ने वीरेंद्र राम के जमशेदपुर स्थित कई ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की थी इस छापेमारी में 2.45 करोड़ रुपये नगद मिले थे. जांच में यह बात सामने आई थी कि बरामद पैसे वीरेंद्र राम के द्वारा कमाई गई अवैध संपत्ति थी.
पत्नी लड़ना चाहती थी चुनाव: सत्ता के गलियारे से लेकर अफसरशाही तक वीरेंद्र राम की काफी मजबूत पकड़ है. उनकी पत्नी जमशेदपुर या रांची से चुनाव भी लड़ना चाहती थी. हालांकि, बात नहीं बनी जिसकी वजह से उनका चुनाव लड़ने का सपना अधूरा रह गया.