रांची: करमटोली के पास सेना की जमीन का फर्जी दस्तावेज बनाकर खरीद फरोख्त के दौरान हुए मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ईडी की कार्रवाई लगातार चल रही है. इस कड़ी में आज ईडी की टीम झारखंड हाईकोर्ट के अधिवक्ता हिमांशु कुमार मेहता से पूछताछ कर रही है.
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जांच के दौरान यह बात सामने आई है कि उन्होंने सेना के कब्जे वाली जमीन का गलत दस्तावेज बनाकर जयंत कर्नाड को जमीन के बदले किराया लेने का हकदार बनाया था. उन पर यह भी आरोप है कि बाद में उन्होंने इसी जमीन की बिक्री से मिली रकम का एक बड़ा हिस्सा भी लिया था. इसी मसले पर ईडी की टीम ने उन्हें कोर्ट में पेश किये गये तमाम दस्तावेज के साथ बुलाया है.
कई लोगों को ईडी ने किया गिरफ्तार: दरअसल, सेना की जमीन की खरीद बिक्री मामले में हेरा-फेरी के खुलासे के बाद ईडी की टीम ने चर्चित व्यवसायी अमित अग्रवाल समेत कई को गिरफ्तार किया था. जांच के दौरान ईडी ने जयंत कर्नाड से जमीन के दस्तावेज की मांग की थी. लेकिन वो दस्तावेज नहीं दे पाए. कर्नाड ने ईडी को बताया था कि इससे जुड़े सारे दस्तावेज उनके वकील हिमांशु कुमार मेहता के पास हैं.
सेना की जमीन को बेचने का आरोप: आपको बता दें कि ईडी की जांच में खुलासा हुआ है कि कर्नाड गलत कागजात बनाकर सेना की जमीन का मालिक बन बैठा. बाद में उसने 16 लोगों को यह जमीन 2.55 करोड़ रु. में बेच दी थी. बाद में इसी जमीन का फर्जी कागज बनाकर प्रदीप बागची नामक शख्स ने कोलकाता के जगतबंधु टी स्टेट के मालिक दिलीप घोष को बेच दी थी. इसी मामले में रांची के तत्कालीन डीसी छवि रंजन पर हेराफेरी में सांठगांठ का आरोप लगा था. जो फिलहाल अभी सलाखों के पीछे हैं.