रांची: ईडी ने रांची में भारतीय सेना के जमीन घोटाले की जांच तेज कर दी है. मामले में झारखंड के इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपर और व्यवसायी विष्णु अग्रवाल से ईडी ने दूसरी बार पूछताछ की है. बताया जा रहा है कि अग्रवाल के अलावा, ईडी ने भारतीय सेना के स्वामित्व वाली या उसके नियंत्रण वाली रांची में भूमि की बिक्री और खरीद के संबंध में दो वरिष्ठ राजस्व अधिकारियों से भी पूछताछ की है. हालांकि, उनके नाम सामने नहीं आ पाए हैं.
दूसरी बार हुई पूछताछ: जानकारी के अनुसार विष्णु अग्रवाल से मुख्य रूप से सिरमटोली चौक स्थित भूमि खरीद से संबंधित सवाल किए गए. सूत्रों के अनुसार भूमि की बिक्री और खरीद को सत्यापित और निष्पादित करने वाले राजस्व अधिकारियों से भी ईडी ने पूछताछ की है. फरवरी 2018 में विष्णु अग्रवाल ने महुआ मित्रा और संजय कुमार घोष से 3.75 एकड़ जमीन खरीदी थी और 24.37 करोड़ रुपये का भुगतान किया था. यह सिरमटोली चौक स्थित प्रमुख भूमि है और यह भूमि भारतीय सेना के कब्जे में है. बाद में विष्णु अग्रवाल ने जमीन की रजिस्ट्री के आधार पर जमीन के मालिकाना हक का दावा किया. इससे पहले भी पिछले वर्ष इसी मामले में ईडी ने विष्णु अग्रवाल से पूछताछ की थी.
क्या है मामला: दरअसल, रांची में भारतीय सेना का महत्वपूर्ण बेस है और पिछले कुछ वर्षों में जमीन के एक बड़े हिस्से पर कथित रूप से कब्जा कर लिया गया और धोखे से बेच दिया गया. मामले में विष्णु अग्रवाल, कोलकाता के कारोबारी अमित अग्रवाल, प्रदीप बागची, रांची के पूर्व सब रजिस्टार घासीराम पिंगूआ, वर्तमान सब रजिस्टार वैभव मणि त्रिपाठी के ठिकानें पर ईडी ने पिछले डाल चार नवंबर को छापेमारी की थी. बरियातू थाना में नगर निगम के बयान पर दर्ज एफआईआर के आधार पर ईडी ने करमटोली में 4.55 एकड़ जमीन के गलत तरीके से बेचे जाने के मामले में ईसीआईआर दर्ज की थी. मामले में विष्णु अग्रवाल की भूमिका पूरी तरह से संदिग्ध पाई गई है.