रांचीः झारखंड में शेल कंपनियों और अवैध खनन के जरिये की गई मनी लाउंड्रिंग संबंधी याचिका को रफा दफा करने के लिए राजीव कुमार की गिरफ्तारी से जुड़े मामले में ईडी ने शुक्रवार को चार्जशीट दायर कर दी है(ED filed chargesheet ). इस मामले में शिकायतकर्ता अमित अग्रवाल और गिरफ्तार आरोपी राजीव कुमार दोनों के ही खिलाफ चार्जशीट दायर की गई है.
ईडी ने अपनी चार्जशीट में अमित अग्रवाल को आरोपी नंबर एक बनाया है. ईडी के इतिहास में ऐसा पहली बार है जब किसी केस के शिकायतकर्ता को ही आरोपी नंबर एक बना दिया गया. अमित अग्रवाल की शिकायत पर कोलकाता पुलिस ने राजीव कुमार को 50 लाख नकदी के साथ 31 जुलाई को गिरफ्तार किया था. 10 अगस्त को इस केस में रांची जोनल ऑफिस में ईडी ने मनी लाउंड्रिंग का केस दर्ज किया था. केस में शेल कंपनियों के मामले में याचिकाकर्ता शिवशंकर शर्मा और अधिवक्ता राजीव कुमार को आरोपी बनाया गया था. शुक्रवार को ईडी की विशेष अदालत में एजेंसी ने चार्जशीट दायर की.
अमित अग्रवाल ने घूस आफर की, जिसे राजीव कुमार ने स्वीकाराः ईडी ने अपने अपने चार्जशीट में जिक्र किया है कि अमित अग्रवाल ने शेल कंपनियों से जुड़ी याचिका को मैनेज करने के लिए राजीव कुमार को घूस आफर की थी, जिसे झारखंड हाई कोर्ट के अधिवक्ता राजीव कुमार ने स्वीकार किया था. लेकिन बाद में कोलकाता के कारोबारी अमित अग्रवाल ने कोलकाता पुलिस में अपने प्रभाव का इस्तेमाल करते हुए राजीव कुमार को गिरफ्तार करवा दिया था. घूस लेने और उसे स्वीकार करने के कारण दोनों को ईडी ने आरोपी बताया है. ईडी ने इस मामले में शुक्रवार को अमित अग्रवाल को रिमांड अवधि खत्म होने के एक दिन पहले ही न्यायिक हिरासत में भेज दिया.
राजीव कुमार गिरफ्तारी मामले में कोलकाता पुलिस ने हस्ताक्षर में किया फर्जीवाड़ाः शेल कंपनियों और अवैध खनन मामले में याचिकाकर्ता के वकील राजीव कुमार की गिरफ्तारी के मामले में कोलकाता पुलिस की भूमिका संदेह के घेरे में है. ईडी राजीव कुमार की गिरफ्तारी के बाद मनी लाउंड्रिंग के मामले की जांच कर रही है. जांच के दौरान बयान में राजीव कुमार के बेटे अभेद कुमार ने यह बताया है कि कोलकाता पुलिस ने उसके पिता राजीव कुमार की गिरफ्तारी के बाद जो गिरफ्तारी ज्ञापन कोर्ट में जमा किया था, उसपर किए गए हस्ताक्षर उनके नहीं हैं. अभेद कुमार ने बताया है कि कोलकाता पुलिस के किसी पेपर या गिरफ्तारी ज्ञापन पर उसने हस्ताक्षर नहीं किए थे.
अमित अग्रवाल को भेजा गया न्यायिक हिरासत में: वहीं दूसरी तरफ कोलकाता के कारोबारी अमित अग्रवाल की रिमांड अवधि पूरी होने के बाद उन्हें ईडी ने विशेष अदालत में पेश किया जहां से उन्हें न्यायिक हिरासत में रांची के बिरसा मुंडा केंद्रीय कारागार भेज दिया गया. अमित अग्रवाल को ईडी ने गिरफ्तार करने के बाद 7 दिनों का रिमांड लेकर उससे पूछताछ की थी.