रांचीः झारखंड में शराब घोटाला मामले में ईडी की दबिश तेज हो गई है. जैसे-जैसे एजेंसी की जांच की दिशा आगे बढ़ेगी मामले में कई सफेदपोश लोगों के चेहरे निकल कर सामने आने की उम्मीद है. जिसे देखकर शायद ही किसी को कोई हैरानी हो. क्योंकि वे चेहरे बेहद जाने पहचाने होंगे. फिलहाल ईडी ने 26 अगस्त को योगेंद्र तिवारी और अमरेंद्र तिवारी को एजेंसी के दफ्तर तलब किया है. योगेंद्र तिवारी शराब घोटाले का किंगपिन है.
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वर्ष 2021 से थी ईडी की नजरः झारखंड में शराब घोटाले पर ईडी की नजर वर्ष 2021 से ही थी. वर्ष 2021 में दर्ज एफआईआर के आलोक में ही झारखंड की नई और पुरानी शराब नीति के तहत झारखंड में हुए शराब कारोबार और उसमें शामिल लोगों पर नजर रखने के बाद बीते बुधवार से ईडी ने अपनी कार्रवाई शुरू की. शराब घोटाले के किंगपिन योगेंद्र तिवारी ने वर्ष 2021-22 में शराब के थोक कारोबार का ठेका हासिल किया था.
30 ड्राफ्ट एक साथ बने तो ईडी को हुई आशंकाः झारखंड के सबसे बड़े शराब कारोबारी योगेंद्र तिवारी ने अपने राजनीतिक और नौकरशाही में संबंधों के जरिए राज्य में शराब के थोक कारोबार में वर्चस्व स्थापित किया था. वर्ष 2021 में सरकार की थोक शराब नीति लागू होने के बाद योगेंद्र तिवारी ने अपने सिंडिकेट के जरिए 19 जिलों में शराब के ठेकों पर वर्चस्व स्थापित किया था, तब उत्पाद विभाग को भेजे गए बैंक खातों से इस बात का खुलासा हुआ था. ईडी ने अपनी जांच में पाया था कि राज्य के 24 जिलों में से 19 जिलों में से तिवारी से संबंधित लोग ही अलग-अलग प्रतिष्ठान के नाम पर शराब के थोक व्यापार में शामिल थे. इसके लिए जामताड़ा के एक ही बैंक के शाखा से 30 करोड़ रुपए के डिमांड ड्राफ्ट बनवाए गए थे.
19 जिलों में संथाल और पांच जिलों में रांची के कारोबारियों को मिला था ठेकाः राज्य में शराब की पुरानी थोक नीति लागू होने के बाद संथाल परगना के सिंडिकेट को 19 जिलों और रांची के कारोबारियों को पांच जिलों की कमान दी गई थी. रांची, कोडरमा, सरायकेला-खरसावां, खूंटी, गुमला, गढ़वा, लातेहार, पश्चिमी सिंहभूम, पलामू, धनबाद, बोकारो, दुमका, हजारीबाग, पाकुड़, पूर्वी सिंहभूम, गिरिडीह, चतरा, गोड्डा, रामगढ़, देवघर, साहिबगंज, सिमडेगा, जामताड़ा, लोहरदगा जिले में थोक कारोबार का जिम्मा जिन कंपनियों को मिला था उसमें से अधिकांश का बैंक खाता जामताड़ा, दुमका और मिहिजाम के पते पर था. दो दिनों तक हुई छापेमारी के दौरान सैकड़ों बैंक खाते, हार्ड डिस्क, डिजिटल एवीडेंस और अरबों के निवेश की जानकारी ईडी को मिली है. ईडी की छापेमारी झारखंड के रांची, हजारीबाग, जामताड़ा, हजारीबाग, गोड्डा, देवघर, दुमका, गिरिडीह जिले में हुई. वहीं पश्चिम बंगाल के 24 परगना और कोलकाता के अलीपुर में भी ईडी ने छापेमारी की थी.
शराब कारोबारी योगेंद्र तिवारी और अमरेंद्र तिवारी के इन ठिकानों पर छापा
- तिवारी के देवघर स्थित गोदाम में छापेमारी.( यह गोदाम होटल सिद्धार्थ के समीप है)
- देवघर के बंपास टाउन स्थित तिवारी के आवास पर छापेमारी
- मैहर डेवलपर्स, वसुंधरा गार्डन, फ्लैट नंबर- 902 ए में छापेमारी
- मेसर्स मैहर डेवलपर्स के विजयपुर, दुमका ऑफिस में छापेमारी
- मेसर्स सारण अल्कोहल प्राइवेट लिमिटेड, डिस्टीलरी रोड, दुमका में छापेमारी
- दुमका मुफस्सिल में शराब गोदाम जो खाता नंबर 91 पर अवस्थित है में छापेमारी
- मेसर्स तिवारी ऑटोमोबाइल्स प्राइवेट लिमिटेड, एयरपोर्ट रोड, दुमका में छापेमारी
- मेसर्स संताल परगना बिल्डर्स प्राइवेट लिमिटेड के डी-2 हरमू हाउसिंग स्थित कार्यालय और योगेंद्र तिवारी के आवास में छापेमारी
- योगेंद्र तिवारी के भाई अमरेंद्र तिवारी के बेकरबांध, कौशिकी राधिका रीजेंसी अपार्टमेंट स्थित फ्लैट में छापा
- अमरेंद्र और योगेंद्र तिवारी के महिजाम स्टेशन रोड स्थित दो अलग-अलग घर में छापा
- मंत्री रामेश्वर उरांव के पुत्र रोहित उरांव के आवास रागिनी विल्ला, बरियातू में छापा
- नेक्सजेन के मालिक विजय कुमार सिंह का ब्लेयर अपार्टमेंट स्थित फ्लैट में छापा
- श्रवण जालान का जालान रोड, रांची अपर बाजार स्थित घर में छापा.
- विकास कुमार अग्रवाल, 95 केबी मार्ग, नियर खजांची तालाब, बोडाम बाजार, हजारीबाग में छापा
- रीतेश कुमार शर्मा, आलौकिक हाइट्स एलएलपी के पार्टनर के ग्रेवाल अपार्टमेंट, बेकरबांध, धनबाद स्थित घर पर छापा
- उमाशंकर सिंह, चांदनी चौक, ओबरिया रोड, हटिया स्थित आवास में छापा.
- गिरिडीह के पूर्व विधायक निर्भय शाहबादी और उनके बेटे वैभव शाहबादी का गिरिडीह स्थित का शाहाबादी हाउस, डॉक्टर लेन मटकपुर, गिरिडीह
- गोड्डा में पूर्व विधायक मनोहर टेकरीवाल के भाई अमर टेकरीवाल का आवास, हाउस नंबर 169, जमुआ थाना नंबर- 516
- बरनाली राय, सुकांता पाली बोरल, राजपुर, 24 परगना, बंगाल
- मनीष डालमिया और विजय डालमिया ( निदेशक मेसर्स मनीष कॉ प्राइवेट लिमिटेड) के डालमिया हाउस, 392, ब्लॉक जी, न्यू अलीपुर, कोलकाता आवास
- हरि कृष्णा चौधरी और अनिल चौधरी( निदेशक विक्रम फाइनेंस सर्विस लिमिटेड) के अलीपुर कोलकाता स्थित आवास में छापा.
- तनिष्क शोरूम, टाटा चौक, भागलपुर रोड, दुमका में छापा.
- प्राणतोष मिश्रा, दंगल पाडा, हिजला रोड, दुमका में छापा.
- पप्पू शर्मा, कुम्हार पाड़ा, दुमका में छापा.
- अनिल कुमार सिंह, कुम्हार पाड़ा, दुमका में छापा.
- आरती राय चौधरी, राय बंगला निवासी, कास्टर टाउन, देवघर में छापा.
- अजय केसरी, 14 राम मंदिर रोड, देवघर में छापा.
- विवेक मिश्रा, राय बंगाल आश्रम, केसन रोड, देवघर में छापा.
- भाजपा नेता अभिषेक झा, बीएन झा पथ, देवघर टाउन में छापा.
- कांग्रेस नेता मुन्नम सहाय, हाउस नंबर 21, वार्ड नंबर 7, परमेश्वर दयाल रोड, बारमसिया में छापा.
एक साथ कई केस को जोड़ ईडी ने दर्ज की ईसीआईआरः ईडी ने शराब सिंडिकेट बनाकर ठेके हासिल करने से जुड़े केस में कई प्राथमिकियों को मिलाकर ईसीआईआर दर्ज की थी. जानकारी के मुताबिक योगेंद्र तिवारी के खिलाफ अवैध शराब की तस्करी से जुड़े कई कांड दर्ज हैं. इसके अलावे बालू तस्करी, देवघर में जमीन हथियाने से जुड़े कांडों में भी वह आरोपी रहा है. ईडी ने योगेंद्र पर दर्ज सारे कांडों को जोड़ते हुए एक ईसीआईआर दर्ज की है. उसी के आधार पर यह करवाई चल रही है.
प्रेम प्रकाश और योगेंद्र तिवारी के बीच कारोबारी संबंधों के साक्ष्यःईडी ने पुरानी शराब नीति में योगेंद्र तिवारी, उसके भाई अमरेंद्र तिवारी से पूछताछ की थी. वहीं ईडी को जांच में प्रेम प्रकाश और योगेंद्र तिवारी के बीच कारोबारी संबंधों के साक्ष्य भी पूर्व में मिले थे. योगेंद्र तिवारी के बारे में जानकारी मिली है कि उसने अपने यहां काम करने वाले तकरीबन चार दर्जन कर्मियों के नाम पर आयकर जमा किया है. ईडी अब आगे इन मामलों में गहन पड़ताल करेगी. ईडी सूत्रों के मुताबिक शराब की पुरानी थोक नीति में शेल कंपनियों के नाम पर ठेके लेने और मनी लाउंन्ड्रिंग की पहलुओं की जांच की जा रही है. वहीं इसके साथ ही नई शराब नीति को लेकर भी जांच हो रही है. ईडी को अंदेशा है कि पुरानी नीति से लाभांवित हुए लोगों ने ही नकली होलोग्राम और मैनपावर सप्लाई का काम अपने लोगों को दिलाकर अवैध कमाई की है.
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नीतिगत निर्णयों को प्रभावित करने की जांचः ईडी राज्य में शराब कारोबार में नीतिगत निर्णयों को बदलवाने में भूमिका, शराब कंपनियों के लिए लॉबिंग में योगेंद्र तिवारी की भूमिका पर जांच शुरू की है. पूर्व में प्रेम प्रकाश से पूछताछ के दौरान शराब कारोबार से जुड़े कई कागजात, नीतियों को प्रभावित करने से जुड़े साक्ष्य और कंपनियों को शराब कारोबार दिलाने से जुड़े कागजात रख प्रेम प्रकाश से सवाल जवाब पूछे गए थे.