ETV Bharat / state

ED Action in Jharkhand: बाबूलाल मरांडी बोले- भ्रष्ट सत्ताधीशों का ठिकाना है होटवार जेल, झामुमो ने बताया केंद्र की साजिश

ईडी ने शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो और उनके पीए समेत कई अधिकारियों के बारे में जानकारी मांगी है. (ED letter to Jharkhand government) ईडी की इस चिट्ठी से झारखंड की सियासत और गर्म हो गई है. जहां जेएमएम इसे केंद्र की साजिश बता रहा है वहीं, बीजेपी नेता बाबूलाल मरांडी कहते हैं कि भष्ट सत्ताधीशों का ठिकाना होटवार जेल है.

ED action in Jharkhand
ED action in Jharkhand
author img

By

Published : Oct 13, 2022, 5:36 PM IST

रांची: ईडी की एक चिट्ठी से झारखंड की सियासत, ब्यूरोक्रेसी और कारोबारियों में खलबली मची हुई है (ED letter to Jharkhand government). एजेंसी ने शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो, उनके पीए पवन कुमार समेत कई आईएएस, आईपीएस, डीएमओ, भू-राजस्व अधिकारी और कोयला/क्रशर कारोबारियों का ब्यौरा पुलिस मुख्यालय से मांगी है. ईडी की इस कार्रवाई के बाद झारखंड का राजनीतिक पारा फिर चढ़ गया है. झारखंड बीजेपी विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने इसको लेकर ट्वीट किया है.

ये भी पढ़ें- ED की रडार पर झारखंड के एक और मंत्री, जगरनाथ महतो समेत कई अधिकारियों के बारे में ईडी ने मांगी जानकारी

बाबूलाल ने ट्वीट कर लिखा है कि "मैंने पहले ही कहा है गिरफ्तार अमित अग्रवाल के सारे कॉल डिटेल्स खंगाले जाएं, सारा मामला शीशे की तरह साफ हो जाएगा. राज्य की जड़ों को कुतरने वाले इन भ्रष्ट सत्ताधीशों का असली ठिकाना होटवार ही है". उन्होंने लिखा है कि भ्रष्टाचार की परतें खुल रही हैं. अब शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो और उनके पीए भी ईडी जांच के दायरे में हैं. अमित अग्रवाल की गिरफ्तारी के बाद पूर्व आईएएस केके खंडेलवाल, दीपील झा, गिरिडीह एसपी अमित रेणु समेत अन्य कारोबारियों की जानकारी मांगी गई है. जाहिर है मनी लॉन्ड्रिंग और शेल कंपनियों के द्वारा काली कमाई एक संगठित गिरोह के माध्यम से होता रहा है.

  • भ्रष्टाचार की परतें खुल रही है, अब शिक्षा मंत्री श्री @Jagarnathji_mla और उनके पीए भी ईडी के जांच के दायरे में हैं।
    अमित अग्रवाल की गिरफ्तारी के बाद पूर्व आईएएस केके खंडेलवाल, दिलीप झा, गिरिडीह एसपी अमित रेणु समेत अन्य कारोबारियों की जानकारी मांगी गई है।
    जाहिर है मनी लॉन्ड्रिंग

    — Babulal Marandi (@yourBabulal) October 13, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

दूसरी तरफ सत्ताधारी दल झामुमो के नेता मनोज पांडेय का कहना है कि एक साजिश के तहत पूरी कवायद केंद्र के इशारे पर की जा रही है. उन्होंने कहा कि झामुमो के बड़े नेताओं को टारगेट किया जा रहा है. शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो की संपत्ति का ब्यौरा पब्लिक डोमेन में है. यह उनकी लोकप्रियता से घबराहट का नतीजा है. देश के सभी गैर भाजपा शासित राज्यों में यही हथकंडा अपनाया जा रहा है. पार्टी को न्यायालय पर पूरा भरोसा है. उन्होंने कहा कि खनन पदाधिकारी के रूप में विभूति कुमार की पोस्टिंग पूर्ववर्ती रघुवर सरकार के कार्यकाल में हुई थी. सेवानिवृत आईएएस केके खंडेलवाल का मामला भी पूर्व की सरकार के कार्यकाल का है.

आपको बता दें कि कोलकाता के कारोबारी अमित अग्रवाल ईडी की रिमांड पर (ED action in Jharkhand) हैं. ईडी ने कोर्ट को बताया था कि अमित अग्रवाल को अंदेशा था कि पीआईएल संख्या 4290/2021 की सुनवाई के दौरान झारखंड हाई कोर्ट कभी भी उनकी कंपनी के जरिए हुए मनी लॉन्ड्रिंग की जांच का आदेश दे सकता था. इसलिए अपने एफआईआर में सरकारी अफसर, कोर्ट के अफसर और जजों को मैनेज करने का जिक्र किया ताकि झारखंड हाई कोर्ट इस पीआईएल को साजिश बताते हुए खारिज कर दे. इसी मकसद से अमित अग्रवाल ने अपने बैंक खाते से 60 लाख रुपए निकाले और अधिवक्ता राजीव कुमार को ट्रैप करने के लिए 50 लाख रुपए दिये. इसलिए इस मामले में अमित अग्रवाल के साथ-साथ राजीव कुमार भी कानूनी रूप से सजा के दायरे में आते हैं. ईडी ने कहा है कि एक हजार करोड़ से ज्यादा के हुए अवैध माइनिंग में अमित अग्रवाल की भागीदारी के भी साक्ष्य मिले हैं. इनकी कंपनी के जरिए मनी लॉन्ड्रिंग हुई है. ईडी अब अमित अग्रवाल से पूछताछ कर रही है. वह जानना चाह रही है कि इस पूरे साजिश में और कौन-कौन शामिल हैं. जानकारी मिल रही है कि ईडी को कई दूसरे नेताओं अधिकारियों और कारोबारियों के खिलाफ भी मनी लॉन्ड्रिंग कर अवैध संपत्ति अर्जित करने की शिकायत मिली है. आने वाले समय में कई चौंकाने वाले मामले सामने आ सकते हैं.

रांची: ईडी की एक चिट्ठी से झारखंड की सियासत, ब्यूरोक्रेसी और कारोबारियों में खलबली मची हुई है (ED letter to Jharkhand government). एजेंसी ने शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो, उनके पीए पवन कुमार समेत कई आईएएस, आईपीएस, डीएमओ, भू-राजस्व अधिकारी और कोयला/क्रशर कारोबारियों का ब्यौरा पुलिस मुख्यालय से मांगी है. ईडी की इस कार्रवाई के बाद झारखंड का राजनीतिक पारा फिर चढ़ गया है. झारखंड बीजेपी विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने इसको लेकर ट्वीट किया है.

ये भी पढ़ें- ED की रडार पर झारखंड के एक और मंत्री, जगरनाथ महतो समेत कई अधिकारियों के बारे में ईडी ने मांगी जानकारी

बाबूलाल ने ट्वीट कर लिखा है कि "मैंने पहले ही कहा है गिरफ्तार अमित अग्रवाल के सारे कॉल डिटेल्स खंगाले जाएं, सारा मामला शीशे की तरह साफ हो जाएगा. राज्य की जड़ों को कुतरने वाले इन भ्रष्ट सत्ताधीशों का असली ठिकाना होटवार ही है". उन्होंने लिखा है कि भ्रष्टाचार की परतें खुल रही हैं. अब शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो और उनके पीए भी ईडी जांच के दायरे में हैं. अमित अग्रवाल की गिरफ्तारी के बाद पूर्व आईएएस केके खंडेलवाल, दीपील झा, गिरिडीह एसपी अमित रेणु समेत अन्य कारोबारियों की जानकारी मांगी गई है. जाहिर है मनी लॉन्ड्रिंग और शेल कंपनियों के द्वारा काली कमाई एक संगठित गिरोह के माध्यम से होता रहा है.

  • भ्रष्टाचार की परतें खुल रही है, अब शिक्षा मंत्री श्री @Jagarnathji_mla और उनके पीए भी ईडी के जांच के दायरे में हैं।
    अमित अग्रवाल की गिरफ्तारी के बाद पूर्व आईएएस केके खंडेलवाल, दिलीप झा, गिरिडीह एसपी अमित रेणु समेत अन्य कारोबारियों की जानकारी मांगी गई है।
    जाहिर है मनी लॉन्ड्रिंग

    — Babulal Marandi (@yourBabulal) October 13, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

दूसरी तरफ सत्ताधारी दल झामुमो के नेता मनोज पांडेय का कहना है कि एक साजिश के तहत पूरी कवायद केंद्र के इशारे पर की जा रही है. उन्होंने कहा कि झामुमो के बड़े नेताओं को टारगेट किया जा रहा है. शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो की संपत्ति का ब्यौरा पब्लिक डोमेन में है. यह उनकी लोकप्रियता से घबराहट का नतीजा है. देश के सभी गैर भाजपा शासित राज्यों में यही हथकंडा अपनाया जा रहा है. पार्टी को न्यायालय पर पूरा भरोसा है. उन्होंने कहा कि खनन पदाधिकारी के रूप में विभूति कुमार की पोस्टिंग पूर्ववर्ती रघुवर सरकार के कार्यकाल में हुई थी. सेवानिवृत आईएएस केके खंडेलवाल का मामला भी पूर्व की सरकार के कार्यकाल का है.

आपको बता दें कि कोलकाता के कारोबारी अमित अग्रवाल ईडी की रिमांड पर (ED action in Jharkhand) हैं. ईडी ने कोर्ट को बताया था कि अमित अग्रवाल को अंदेशा था कि पीआईएल संख्या 4290/2021 की सुनवाई के दौरान झारखंड हाई कोर्ट कभी भी उनकी कंपनी के जरिए हुए मनी लॉन्ड्रिंग की जांच का आदेश दे सकता था. इसलिए अपने एफआईआर में सरकारी अफसर, कोर्ट के अफसर और जजों को मैनेज करने का जिक्र किया ताकि झारखंड हाई कोर्ट इस पीआईएल को साजिश बताते हुए खारिज कर दे. इसी मकसद से अमित अग्रवाल ने अपने बैंक खाते से 60 लाख रुपए निकाले और अधिवक्ता राजीव कुमार को ट्रैप करने के लिए 50 लाख रुपए दिये. इसलिए इस मामले में अमित अग्रवाल के साथ-साथ राजीव कुमार भी कानूनी रूप से सजा के दायरे में आते हैं. ईडी ने कहा है कि एक हजार करोड़ से ज्यादा के हुए अवैध माइनिंग में अमित अग्रवाल की भागीदारी के भी साक्ष्य मिले हैं. इनकी कंपनी के जरिए मनी लॉन्ड्रिंग हुई है. ईडी अब अमित अग्रवाल से पूछताछ कर रही है. वह जानना चाह रही है कि इस पूरे साजिश में और कौन-कौन शामिल हैं. जानकारी मिल रही है कि ईडी को कई दूसरे नेताओं अधिकारियों और कारोबारियों के खिलाफ भी मनी लॉन्ड्रिंग कर अवैध संपत्ति अर्जित करने की शिकायत मिली है. आने वाले समय में कई चौंकाने वाले मामले सामने आ सकते हैं.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.