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झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन को चुनाव आयोग का शोकॉज नोटिस, खुद को खनन पट्टा जारी करने के मामले में पूछा-कार्रवाई क्यों न की जाए

भारत निर्वाचन आयोग ने झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन को खुद को पत्थर खदान खनन पट्टा आवंटित करने के मामले में शोकॉज नोटिस भेजा है. इसमें चुनाव आयोग ने पूछा है कि कारण स्पष्ट करिए आपके खिलाफ कार्रवाई क्यों न की जाए.

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सीएम हेमंत सोरेन
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Published : May 2, 2022, 8:43 PM IST

Updated : May 2, 2022, 10:14 PM IST

रांचीः झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रहीं हैं. बहुचर्चित ऑफिस ऑफ प्रॉफिट मामले में भारत निर्वाचन आयोग ने झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन को शोकॉज नोटिस भेजा. खुद को पत्थर खदान खनन पट्टा आवंटित करने के मामले में भेजे गए नोटिस में भारत निर्वाचन आयोग ने पूछा है कि इस मामले में कार्रवाई क्यों न की जाए. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को दस मई तक नोटिस का जवाब देना होगा.

ये भी पढ़ें-चुनाव आयोग को भेजे गए सीएम पर आरोपों से जुड़े दस्तावेज, अब क्या होगा आगे ?

भारत निर्वाचन आयोग ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को भेजे गए नोटिस में सीएम से कहा है कि कारण स्पष्ट करिए कि खुद को खदान का पट्टा आवंटित करने के मामले में आपके खिलाफ कार्रवाई क्यों न की जाए. भारत निर्वाचन आयोग के नोटिस में कहा गया है कि प्रथम दृष्टया आपकी ओर से किया गया कार्य आरपी एक्ट की धारा 9A का उल्लंघन करता प्रतीत होता है. यह धारा जन प्रतिनिधि की अयोग्यता से संबंधित है. न्यूज एजेंसी एएनआई ने इस संबंध में ट्वीट किया है.

  • EC sends notice to Jharkhand CM Hemant Soren asking him to explain why action shouldn't be taken against him for having a mining lease issued in his favour, which prima facie violates Section 9A of the RP Act. Section 9A deals with disqualification for govt contracts.

    (File pic) pic.twitter.com/0CQ29NvYl7

    — ANI (@ANI) May 2, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

इससे पहले पिछले महीने भारत निर्वाचन आयोग ने झारखंड के मुख्य सचिव से खदान खनन पट्टा आवंटन के मामले में प्रमाणित दस्तावेज मांगे थे. जिसे मुख्य सचिव ने आयोग की ओर से निर्धारित अवधि से तीन दिन पहले ही रिपोर्ट भेज दी थी. तभी से अटकलों का बाजार गर्म था.

  • Last month ECI had also contacted the Chief Secretary, asking the government to authenticate the documents related to mining lease allotment.

    — ANI (@ANI) May 2, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

ये है पूरा मामलाः इससे पहले पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने फरवरी में राज्यपाल रमेश बैस से मिलकर शिकायत की थी कि सीएम के पद पर रखते हुए जेएमएम कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन ने माइनिंग लीज ली है. इसपर राज्यपाल ने धारा 191 और 192 के तहत अपनी संवैधानिक शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए शिकायती पत्र को चुनाव आयोग के पास भेजा था. इसके बाद चुनाव आयोग ने झारखंड के मुख्य सचिव से खदान लीज आवंटन रिपोर्ट मांगी थी.

रांचीः झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रहीं हैं. बहुचर्चित ऑफिस ऑफ प्रॉफिट मामले में भारत निर्वाचन आयोग ने झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन को शोकॉज नोटिस भेजा. खुद को पत्थर खदान खनन पट्टा आवंटित करने के मामले में भेजे गए नोटिस में भारत निर्वाचन आयोग ने पूछा है कि इस मामले में कार्रवाई क्यों न की जाए. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को दस मई तक नोटिस का जवाब देना होगा.

ये भी पढ़ें-चुनाव आयोग को भेजे गए सीएम पर आरोपों से जुड़े दस्तावेज, अब क्या होगा आगे ?

भारत निर्वाचन आयोग ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को भेजे गए नोटिस में सीएम से कहा है कि कारण स्पष्ट करिए कि खुद को खदान का पट्टा आवंटित करने के मामले में आपके खिलाफ कार्रवाई क्यों न की जाए. भारत निर्वाचन आयोग के नोटिस में कहा गया है कि प्रथम दृष्टया आपकी ओर से किया गया कार्य आरपी एक्ट की धारा 9A का उल्लंघन करता प्रतीत होता है. यह धारा जन प्रतिनिधि की अयोग्यता से संबंधित है. न्यूज एजेंसी एएनआई ने इस संबंध में ट्वीट किया है.

  • EC sends notice to Jharkhand CM Hemant Soren asking him to explain why action shouldn't be taken against him for having a mining lease issued in his favour, which prima facie violates Section 9A of the RP Act. Section 9A deals with disqualification for govt contracts.

    (File pic) pic.twitter.com/0CQ29NvYl7

    — ANI (@ANI) May 2, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

इससे पहले पिछले महीने भारत निर्वाचन आयोग ने झारखंड के मुख्य सचिव से खदान खनन पट्टा आवंटन के मामले में प्रमाणित दस्तावेज मांगे थे. जिसे मुख्य सचिव ने आयोग की ओर से निर्धारित अवधि से तीन दिन पहले ही रिपोर्ट भेज दी थी. तभी से अटकलों का बाजार गर्म था.

  • Last month ECI had also contacted the Chief Secretary, asking the government to authenticate the documents related to mining lease allotment.

    — ANI (@ANI) May 2, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

ये है पूरा मामलाः इससे पहले पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने फरवरी में राज्यपाल रमेश बैस से मिलकर शिकायत की थी कि सीएम के पद पर रखते हुए जेएमएम कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन ने माइनिंग लीज ली है. इसपर राज्यपाल ने धारा 191 और 192 के तहत अपनी संवैधानिक शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए शिकायती पत्र को चुनाव आयोग के पास भेजा था. इसके बाद चुनाव आयोग ने झारखंड के मुख्य सचिव से खदान लीज आवंटन रिपोर्ट मांगी थी.

Last Updated : May 2, 2022, 10:14 PM IST
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