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चुनावी तैयारियों को लेकर EC ने की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए की समीक्षा, चुनाव के दौरान खर्चों पर होगी विशेष निगरानी

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Published : Oct 31, 2019, 9:49 PM IST

झारखंड विधानसभा चुनाव को लेकर भारत निर्वाचन आयोग ने कमर कस ली है. गुरुवार को भारत निर्वाचन आयोग ने राज्य के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के साथ-साथ सभी जिलों के निर्वाचन पदाधिकारियों के साथ बैठक की, जिसमें चुनाव से जुड़े कई अहम मुद्दों पर चर्चा की गई.

EC ने की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग

रांची: झारखंड में होने वाले विधानसभा चुनावों के मद्देनजर भारत निर्वाचन आयोग ने राज्य के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी, अपर मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी और सभी जिलों के निर्वाचन पदाधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बैठक की. इस दौरान चुनाव प्रक्रिया में राजनीतिक दलों और अभ्यर्थियों द्वारा किए जाने वाले निर्वाचन व्यय और मीडिया के रोल को लेकर आयोग ने कई दिशा निर्देश दिए.

आयोग ने राज्य के सभी चुनावी मशीनरी को निर्देश दिया कि चुनाव के दौरान पूरी सतर्कता और निगरानी बरती जाए. बैठक में राजनीतिक विज्ञापन से जुड़े मामले, पेड न्यूज और मीडिया द्वारा आचार संहिता के उल्लंघन से संबंधित मामलों पर भी चर्चा हुई. बता दें कि जिला स्तर पर एमसीएमसी पहले ही गठित कर ली गई है.

इसे भी पढ़ें:- आगामी विधानसभा चुनाव: पदाधिकारियों ने राजनीतिक पार्टियों के साथ की बैठक, दिए कई आदेश

विज्ञापनों का प्री सर्टिफिकेशन जरूरी
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में यह बताया गया कि चुनाव प्रक्रिया के दौरान अभ्यर्थी द्वारा इलेक्ट्रॉनिक और सोशल मीडिया पर दिए जाने वाले विज्ञापनों का जिला स्तर पर गठित एमसीएमसी कमेटी से प्री सर्टिफिकेशन अनिवार्य है. वहीं, राजनीतिक दलों द्वारा इलेक्ट्रॉनिक और सोशल मीडिया पर विज्ञापन प्रसारण प्रसारण के लिए राज्य स्तर पर गठित एमसीएमसी से प्री सर्टिफिकेशन लेना भी जरूरी है. भारत निर्वाचन आयोग ने अधिकारियों को पेड न्यूज को लेकर विशेष ध्यान देने का निर्देश दिया. उन्होंने बताया कि मोबाइल पर प्रचारित- प्रसारित किए जाने वाले बल्क एसएमएस और बल्क कॉलिंग का भी प्री सर्टिफिकेशन कराना होगा.

दरअसल चुनाव के दौरान एसएमएस बल्क कॉलिंग प्रचार प्रसार का महत्वपूर्ण माध्यम बन गया. इस संबंध में अब इनका प्री सर्टिफिकेशन कराना अनिवार्य होगा, साथ ही सर्विस प्रोवाइडर को इसपर होने वाले व्यय की जानकारी भी देनी होगी.

इसे भी पढ़ें:- झारखंड कैबिनेट ने 12 प्रस्तावों पर लगाई मुहर, आंगनबाड़ी सहायिका, सेविका को मिला तोहफा, अडानी को मिली जमीन

चुनाव व्यय की होगी गहन निगरानी
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से जिले के निर्वाचन पदाधिकारियों की कई शंकाओं का भी समाधान किया गया. निर्वाचन व्यय के संबंध में यह भी कहा गया कि हर प्रकाशक को सूचित किया जा सकता है कि उनके चुनाव प्रचार से संबंधित सामग्री की तीन प्रतियां एमसीएमसी को शाम तक उपलब्ध कराई जाए.

प्रमंडल स्तर पर चुनाव की तैयारियों की होगी समीक्षा
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग खत्म होने के बाद मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी विनय कुमार चौबे ने सभी जिला निर्वाचन पदाधिकारियों को संबोधित किया. उनके द्वारा बारी-बारी से राज्य के प्रमंडल में चुनाव संबंधित किए जा रहे कार्यों की समीक्षा की जाएगी. पहले चरण में उत्तरी छोटानागपुर और संथाल परगना प्रमंडल की समीक्षा होगी. वीडियो कांफ्रेंसिंग के दौरान राज्य के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी विनय कुमार चौबे अपर मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कृपानन्द झा समेत अन्य अधिकारी शामिल हुए.

रांची: झारखंड में होने वाले विधानसभा चुनावों के मद्देनजर भारत निर्वाचन आयोग ने राज्य के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी, अपर मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी और सभी जिलों के निर्वाचन पदाधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बैठक की. इस दौरान चुनाव प्रक्रिया में राजनीतिक दलों और अभ्यर्थियों द्वारा किए जाने वाले निर्वाचन व्यय और मीडिया के रोल को लेकर आयोग ने कई दिशा निर्देश दिए.

आयोग ने राज्य के सभी चुनावी मशीनरी को निर्देश दिया कि चुनाव के दौरान पूरी सतर्कता और निगरानी बरती जाए. बैठक में राजनीतिक विज्ञापन से जुड़े मामले, पेड न्यूज और मीडिया द्वारा आचार संहिता के उल्लंघन से संबंधित मामलों पर भी चर्चा हुई. बता दें कि जिला स्तर पर एमसीएमसी पहले ही गठित कर ली गई है.

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विज्ञापनों का प्री सर्टिफिकेशन जरूरी
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में यह बताया गया कि चुनाव प्रक्रिया के दौरान अभ्यर्थी द्वारा इलेक्ट्रॉनिक और सोशल मीडिया पर दिए जाने वाले विज्ञापनों का जिला स्तर पर गठित एमसीएमसी कमेटी से प्री सर्टिफिकेशन अनिवार्य है. वहीं, राजनीतिक दलों द्वारा इलेक्ट्रॉनिक और सोशल मीडिया पर विज्ञापन प्रसारण प्रसारण के लिए राज्य स्तर पर गठित एमसीएमसी से प्री सर्टिफिकेशन लेना भी जरूरी है. भारत निर्वाचन आयोग ने अधिकारियों को पेड न्यूज को लेकर विशेष ध्यान देने का निर्देश दिया. उन्होंने बताया कि मोबाइल पर प्रचारित- प्रसारित किए जाने वाले बल्क एसएमएस और बल्क कॉलिंग का भी प्री सर्टिफिकेशन कराना होगा.

दरअसल चुनाव के दौरान एसएमएस बल्क कॉलिंग प्रचार प्रसार का महत्वपूर्ण माध्यम बन गया. इस संबंध में अब इनका प्री सर्टिफिकेशन कराना अनिवार्य होगा, साथ ही सर्विस प्रोवाइडर को इसपर होने वाले व्यय की जानकारी भी देनी होगी.

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चुनाव व्यय की होगी गहन निगरानी
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से जिले के निर्वाचन पदाधिकारियों की कई शंकाओं का भी समाधान किया गया. निर्वाचन व्यय के संबंध में यह भी कहा गया कि हर प्रकाशक को सूचित किया जा सकता है कि उनके चुनाव प्रचार से संबंधित सामग्री की तीन प्रतियां एमसीएमसी को शाम तक उपलब्ध कराई जाए.

प्रमंडल स्तर पर चुनाव की तैयारियों की होगी समीक्षा
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग खत्म होने के बाद मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी विनय कुमार चौबे ने सभी जिला निर्वाचन पदाधिकारियों को संबोधित किया. उनके द्वारा बारी-बारी से राज्य के प्रमंडल में चुनाव संबंधित किए जा रहे कार्यों की समीक्षा की जाएगी. पहले चरण में उत्तरी छोटानागपुर और संथाल परगना प्रमंडल की समीक्षा होगी. वीडियो कांफ्रेंसिंग के दौरान राज्य के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी विनय कुमार चौबे अपर मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कृपानन्द झा समेत अन्य अधिकारी शामिल हुए.

Intro:इससे जुड़ा फोटो और वीडियो रैप से गया है

रांची। प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनावों के मद्देनजर भारत निर्वाचन आयोग के द्वारा राज्य के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी, अपर मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी और सभी जिलों के निर्वाचन पदाधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बैठक की गई। इस दौरान चुनाव प्रक्रिया में राजनीतिक दलों और अभ्यर्थियों द्वारा किए जाने वाले निर्वाचन व्यय और मीडिया के रोल को लेकर आयोग ने कई दिशा निर्देश दिए। आयोग ने राज्य के समस्त चुनावी मशीनरी को निर्देश दिया कि चुनाव के दौरान पूरी सतर्कता और निगरानी बरती जाए। इस दौरान राजनीतिक विज्ञापन से जुड़े मामले, पेड न्यूज और मीडिया द्वारा आचार संहिता के उल्लंघन से संबंधित मामलों पर भी चर्चा हुई। बता दें कि जिला स्तर पर एमसीएमसी पहले ही गठित कर ली गई है।

विज्ञापनों का प्री सर्टिफिकेशन जरूरी
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के यह बताया गया कि चुनाव प्रक्रिया के दौरान अभ्यर्थी द्वारा इलेक्ट्रॉनिक और सोशल मीडिया पर दिए जाने वाले विज्ञापनों का जिला स्तर पर गठित एमसीएमसी कमेटी से फ्री सर्टिफिकेशन अनिवार्य है। वहीं राजनीतिक दलों द्वारा इलेक्ट्रॉनिक और सोशल मीडिया पर विज्ञापन प्रसारण प्रसारण के लिए राज्य स्तर पर गठित एमसीएमसी से प्री सर्टिफिकेशन लेना जरूरी है। साथ ही पेड न्यूज को लेकर भी विशेष नजर रखने का निर्देश दिया गया। मोबाइल पर प्रचारित प्रसारित किए जाने वाले बल्क एसएमएस और बल्क कॉलिंग का भी प्री सर्टिफिकेशन कराना होगा।


Body:दरअसल निर्वाचन के दौरान एसएमएस बल कॉलिंग प्रचार प्रसार का महत्वपूर्ण माध्यम बन गया। इस संबंध में अब इनका फ्री सर्टिफिकेशन कराना अनिवार्य होगा। साथ ही सर्विस प्रोवाइडर द्वारा इन पर होने वाले व्यय की जानकारी भी देनी होगी।

चुनाव व्यय की होगी गहन निगरानी
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से जिलों के ने जिला निर्वाचन पदाधिकारियों की कई शंकाओं का भी समाधान किया गया। निर्वाचन व्यय के संबंध में यह भी कहा गया कि हर प्रकाशक को सूचित किया जा सकता है कि उनके चुनाव प्रचार से संबंधित सामग्री तीन प्रतियां एमसीएमसी को शाम को उपलब्ध कराई जाए।


Conclusion:प्रमंडल स्तर पर निर्वाचन तैयारियों की होगी समीक्षा
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग समाप्त होने के बाद मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी विनय कुमार चौबे ने सभी जिला निर्वाचन पदाधिकारियों को संबोधित किया। उनके द्वारा बारी-बारी से राज्य के पहुंचे प्रमंडल में चुनाव संबंधित किए जा रहे कार्यों की समीक्षा की जाएगी। पहले चरण में उत्तरी छोटानागपुर और संथाल परगना प्रमंडल की समीक्षा होगी। वीडियो कांफ्रेंसिंग के दौरान प राज्य के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी विनय कुमार चौबे अपर मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कृपानन्द झा समेत अन्य अधिकारी शामिल हुए।
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