ETV Bharat / state

ई-सिगरेट पर लगा बैन, स्वास्थ्य विभाग ने माना सिगरेट के बराबर हानिकारक - झारखंड न्यूज

झारखंड में ई- सिगरेट पर बैन लगा दिया गया है. सरकार ने ई- सिगरेट के बिक्री से लेकर प्रचार तक को बैन कर दिया है.

ई-सिगरेट पर लगा बैन
author img

By

Published : Mar 12, 2019, 11:28 AM IST

रांचीः ई-सिगरेट का उपयोग करने वालों के लिए बुरी खबर है. राज्य में ई-सिगरेट के दुष्प्रभावों को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने ई-सिगरेट की बिक्री, निर्माण, ऑनलाइन बिक्री, वितरण, व्यापार, प्रदर्शन और विज्ञापन सभी पर बैन लगा दिया है.

स्वास्थ्य विभाग ने इसे लेकर अधिसूचना जारी कर दिया है. राज्य के सभी सिविल सर्जनों, वरीय पुलिस अधीक्षक, पुलिस अधीक्षक, औषधि निदेशक, सहित स्वास्थ्य से जुड़े सभी पदाधिकारियों को अधिसूचना की जानकारी और प्रतिलिपि भेज दी गई है. वहीं, स्वास्थ्य विभाग ने बताया कि ई सिगरेट के इस्तेमाल से वातावरण में शीशा, कोमियम, निकेल जैसे धातु जो आम सिगरेट के बराबर या उससे भी अधिक मात्रा में पाए जाते हैं, बच्चों, किशोरों और महिलाओं के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है.

ये भी पढ़ें-मिर्गी ने ले ली युवक की जान, नदी में नहाने के दौरान आया अटैक

क्या होता है ई-सिगरेट और क्यों हुआ बैन

ई-सिगरेट मुख्य रूप से पारंपरिक सिगरेट की लत को छुड़ाने के लिए उपयोग किया जाता है. जिसमें कस्टमाइजर और बैट्री का उपयोग होता है. ई-सिगरेट में निकोटिन वाला लिक्विड भी पाया जाता है, जो लोगों के स्वास्थ्य के लिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से हानिकारक माना जा रहा है. ई-सिगरेट की ज्यादातर बिक्री ऑनलाइन होती है.

रांचीः ई-सिगरेट का उपयोग करने वालों के लिए बुरी खबर है. राज्य में ई-सिगरेट के दुष्प्रभावों को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने ई-सिगरेट की बिक्री, निर्माण, ऑनलाइन बिक्री, वितरण, व्यापार, प्रदर्शन और विज्ञापन सभी पर बैन लगा दिया है.

स्वास्थ्य विभाग ने इसे लेकर अधिसूचना जारी कर दिया है. राज्य के सभी सिविल सर्जनों, वरीय पुलिस अधीक्षक, पुलिस अधीक्षक, औषधि निदेशक, सहित स्वास्थ्य से जुड़े सभी पदाधिकारियों को अधिसूचना की जानकारी और प्रतिलिपि भेज दी गई है. वहीं, स्वास्थ्य विभाग ने बताया कि ई सिगरेट के इस्तेमाल से वातावरण में शीशा, कोमियम, निकेल जैसे धातु जो आम सिगरेट के बराबर या उससे भी अधिक मात्रा में पाए जाते हैं, बच्चों, किशोरों और महिलाओं के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है.

ये भी पढ़ें-मिर्गी ने ले ली युवक की जान, नदी में नहाने के दौरान आया अटैक

क्या होता है ई-सिगरेट और क्यों हुआ बैन

ई-सिगरेट मुख्य रूप से पारंपरिक सिगरेट की लत को छुड़ाने के लिए उपयोग किया जाता है. जिसमें कस्टमाइजर और बैट्री का उपयोग होता है. ई-सिगरेट में निकोटिन वाला लिक्विड भी पाया जाता है, जो लोगों के स्वास्थ्य के लिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से हानिकारक माना जा रहा है. ई-सिगरेट की ज्यादातर बिक्री ऑनलाइन होती है.

Intro:रांची
हितेश
नोट: इस खबर पर विजुअल नहीं है। कृपया कर देख लें।

धूम्रपान रोकने के नाम पर ई सिगरेट के इस्तेमाल पर राज्य में स्वास्थ्य विभाग ने बैंड लगा दी है। स्वास्थ विभाग का मानना है कि ई- सिगरेट में मुख्य रूप से प्रोपाईलीन, ग्लाइकौल, ग्लिसरॉल जैसे पदार्थ होते हैं जो पुरुष और महिलाओं में मानसिक समस्या,हृदय रोग, गर्भावस्था के दौरान भ्रूण के विकास पर कुप्रभाव तथा कई अन्य विकारों के लिए जिम्मेदार होता है।



Body:ई- सिगरेट के दुष्प्रभाव को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने बताया कि ई सिगरेट के इस्तेमाल पर वातावरण में शीशा,कोमियम निकेल जैसे धातु जो आम सिगरेट के बराबर या उससे भी अधिक मात्रा में पाए जाते हैं जो कि बच्चों, किशोरों और महिलाओं के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है।
इसी को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने ई सिगरेट की बिक्री, निर्माण ऑनलाइन बिक्री, वितरण, व्यापार, प्रदर्शन, विपणन, विज्ञापन उपयोग सहित आयात को तत्काल प्रभाव से प्रतिबंधित कर दिया है और इसको लेकर स्वास्थ्य विभाग की ओर से अधिसूचना भी जारी कर दी गई है। जो कि राज्य के सभी सिविल सर्जनों, वरीय पुलिस अधीक्षक, पुलिस अधीक्षक, औषधि निदेशक, सहित स्वास्थ्य से जुड़े सभी पदाधिकारियों को अधिसूचना की जानकारी और प्रतिलिपि भेज दी गई है।


Conclusion:क्या होता है इ- सिगरेट।
ई सिगरेट मुख्य रूप से पारंपरिक सिगरेट की लत को छुड़ाने के लिए उपयोग किया जाता है, जिसमें कस्टमाइज़र और बैट्री का उपयोग होता है। ई सिगरेट में निकोटिन वाला लिक्विड भी पाया जाता है। जो लोगों के स्वास्थ्य के लिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से हानिकारक माना जा रहा है। ई सिगरेट की ज्यादातर बिक्री ऑनलाइन होती है, जिस पर फिलहाल झारखंड में बैंड लगा दी गई है।
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.