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नहीं हटाए जाएंगे अनुबंधित श्रमिक मित्र, एनएचएआई की मनमानी से खतरे में कांची नहर

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Published : Mar 10, 2022, 9:50 PM IST

अनुबंध समाप्त होने के बाद रोजगार खोने की चिंता में डूबे श्रमिक मित्रों के लिए अच्छी खबर है. विधानसभा के बजट सत्र की कार्यवाही के दौरान श्रम मंत्री सत्यानंद भोक्ता ने इसकी घोषणा की.

Budget session of Jharkhand Legislative Assembly
Budget session of Jharkhand Legislative Assembly

रांची: श्रम मंत्री सत्यानंद भोक्ता ने सदन में किस बात की घोषणा की है कि साल 2015 में प्रखंड स्तर पर नियुक्त 526 श्रमिक मित्रों की अनुबंध अवधि समाप्त होने के बावजूद आगे भी सेवा ली जाएगी. विधायक सरयू राय ने ध्यानाकर्षण के दौरान इस मामले को उठाया था.

ये भी पढ़ें- सदन में बोले शिक्षा मंत्री, सरकारी स्कूलों में विधायक-अधिकारी के बच्चे पढ़ेंगे तो बदल जाएगी व्यवस्था

उन्होंने कहा कि पहले श्रमिक मित्रों को प्रखंड स्तर पर अनुबंध पर रखा गया था. लेकिन अब उन्हें हटा दिया गया है. क्योंकि उन लोगों ने सरकार से न्यूनतम मजदूरी की मांग की थी. ऐसा करना जायज नहीं है. पूर्व में जारी अधिसूचना में भी 3 साल की बाध्यता का जिक्र नहीं था. इसलिए उन सभी को काम का अवसर देना चाहिए. इस पर विभागीय मंत्री सत्यानंद भोक्ता ने कहा कि श्रमिक मित्रों को न्यूनतम मजदूरी पर नहीं रखा गया है उन्हें प्रत्येक निबंधन पर ₹15 मिलता है और 50 से ज्यादा निबंधन करने पर प्रति निबंधन ₹20 मिलता है. उन्होंने सदन को भरोसा दिलाया कि सभी श्रमिक मित्रों को पंचायत स्तर पर एडजस्ट कर लिया जाएगा.

ध्यानाकर्षण के दौरान खिजरी से कांग्रेस विधायक राजेश कच्छप ने रांची टाटा पथ पर तमाड़ में एनएचएआई की मनमानी की वजह से कांची नहर सिंचाई परियोजना पर खतरे का जिक्र किया. उन्होंने कहा कि नहर के बाएं तरफ सड़क चौड़ीकरण के बजाय दाहिने तरफ किया जा रहा है. जिसकी वजह से नहर पर ही खतरा मंडरा रहा है. इस पर प्रभारी मंत्री बादल पत्रलेख ने कहा कि 31 जनवरी 2022 को स्थानीय विधायक विकास मुंडा की मौजूदगी में एसडीओ ऑफिस में बैठक हुई थी. जिसमें भू अर्जन पर चर्चा हुई थी. एनएचएआई के परियोजना निदेशक भी मौजूद थे. इस पर हस्तक्षेप करते हुए तमाड़ विधायक विकास मुंडा ने कहा कि उस मीटिंग में जो निर्देश दिए गए थे, उसका पालन नहीं हो रहा है. सड़क को दूसरी तरफ चौड़ा किया जा रहा है. इसकी वजह से फोरलेन कैनाल के पास आ गया है. सिक्स लेन बनने पर नहर पर सड़क शिफ्ट हो जाएगा. इसलिए एलाइनमेंट को चेंज करना चाहिए.

राजेश कच्छप ने कहा कि यह बेहद गंभीर मसला है. इसकी जांच विधानसभा की कमेटी से करानी चाहिए. हाई कोर्ट और सरकार के निर्देश के बावजूद ऐसा हो रहा है. सत्ताधारी दलों के अन्य विधायकों के दबाव के बाद प्रभारी मंत्री बादल पत्रलेख ने कहा कि इस मामले को दिखा लिया जाएगा.

रांची: श्रम मंत्री सत्यानंद भोक्ता ने सदन में किस बात की घोषणा की है कि साल 2015 में प्रखंड स्तर पर नियुक्त 526 श्रमिक मित्रों की अनुबंध अवधि समाप्त होने के बावजूद आगे भी सेवा ली जाएगी. विधायक सरयू राय ने ध्यानाकर्षण के दौरान इस मामले को उठाया था.

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उन्होंने कहा कि पहले श्रमिक मित्रों को प्रखंड स्तर पर अनुबंध पर रखा गया था. लेकिन अब उन्हें हटा दिया गया है. क्योंकि उन लोगों ने सरकार से न्यूनतम मजदूरी की मांग की थी. ऐसा करना जायज नहीं है. पूर्व में जारी अधिसूचना में भी 3 साल की बाध्यता का जिक्र नहीं था. इसलिए उन सभी को काम का अवसर देना चाहिए. इस पर विभागीय मंत्री सत्यानंद भोक्ता ने कहा कि श्रमिक मित्रों को न्यूनतम मजदूरी पर नहीं रखा गया है उन्हें प्रत्येक निबंधन पर ₹15 मिलता है और 50 से ज्यादा निबंधन करने पर प्रति निबंधन ₹20 मिलता है. उन्होंने सदन को भरोसा दिलाया कि सभी श्रमिक मित्रों को पंचायत स्तर पर एडजस्ट कर लिया जाएगा.

ध्यानाकर्षण के दौरान खिजरी से कांग्रेस विधायक राजेश कच्छप ने रांची टाटा पथ पर तमाड़ में एनएचएआई की मनमानी की वजह से कांची नहर सिंचाई परियोजना पर खतरे का जिक्र किया. उन्होंने कहा कि नहर के बाएं तरफ सड़क चौड़ीकरण के बजाय दाहिने तरफ किया जा रहा है. जिसकी वजह से नहर पर ही खतरा मंडरा रहा है. इस पर प्रभारी मंत्री बादल पत्रलेख ने कहा कि 31 जनवरी 2022 को स्थानीय विधायक विकास मुंडा की मौजूदगी में एसडीओ ऑफिस में बैठक हुई थी. जिसमें भू अर्जन पर चर्चा हुई थी. एनएचएआई के परियोजना निदेशक भी मौजूद थे. इस पर हस्तक्षेप करते हुए तमाड़ विधायक विकास मुंडा ने कहा कि उस मीटिंग में जो निर्देश दिए गए थे, उसका पालन नहीं हो रहा है. सड़क को दूसरी तरफ चौड़ा किया जा रहा है. इसकी वजह से फोरलेन कैनाल के पास आ गया है. सिक्स लेन बनने पर नहर पर सड़क शिफ्ट हो जाएगा. इसलिए एलाइनमेंट को चेंज करना चाहिए.

राजेश कच्छप ने कहा कि यह बेहद गंभीर मसला है. इसकी जांच विधानसभा की कमेटी से करानी चाहिए. हाई कोर्ट और सरकार के निर्देश के बावजूद ऐसा हो रहा है. सत्ताधारी दलों के अन्य विधायकों के दबाव के बाद प्रभारी मंत्री बादल पत्रलेख ने कहा कि इस मामले को दिखा लिया जाएगा.

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