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कोरोना से टूटी 72 साल की परंपरा, मोरहाबादी मैदान में नहीं हुआ रावण दहन - Ravana combustion program in ranchi

रांची में कोविड-19 के कारण मोराबादी मैदान में रावण दहन का कार्यक्रम का आयोजन नहीं किया गया, जिसके कारण लोगों को चेहरे पर मायूसी है. साथ ही साथ व्यापार करने वाले लोगों पर इसका व्यापक असर पड़ा है.

bad condition of vendors due to corona in ranchi
bad condition of vendors due to corona in ranchi
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Published : Oct 26, 2020, 5:32 PM IST

रांची: राजधानी के ऐतिहासिक मोरहाबादी मैदान में होने वाले रावण दहन कार्यक्रम पिछले 72 सालों से किया जा रहा है. इस बार कोविड-19 के कारण यह आयोजन नहीं किया गया, जिसके लोगों में मायूसी देखने को मिली.

देखें पूरी खबर


क्या है स्थानीय लोगों का कहना

स्थानीय लोगों का कहना है वैश्विक महामारी कोरोना के कारण हुए लॉकडाउन की वजह से पहले ही काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा है. ऐसे में एक उम्मीद थी कि रावण दहन का कार्यक्रम होगा, तो वो इसका लुत्फ उठाएंगे. लेकिन रावण दहन का कार्यक्रम नहीं होने से वो काफी निराश हैं.

यह भी पढ़ें : पोम्पियो भारत आकर 'टू प्लस टू' वार्ता में लेंगे हिस्सा

रोजगार पर प्रभाव

आइसक्रीम बेचकर जीवन यापन चलाने वाले बुजुर्ग व्यक्ति ने कहा कि इस साल छोटे व्यापारियों के लिए दुखों का साल रहा है. कोविड-19 के कारण इस बार तमाम आयोजनों पर रोक लगा दी गई, जिसके कारण उन लोगों के रोजगार पर असर पड़ा है. उन्हें उम्मीद थी कि रावण दहन कार्यक्रम में उन्हें कुछ राहत मिलेगी, लेकिन ऐसा नहीं हो सका.


व्यापारियों के रोजगार पर प्रभाव

राजधानी रांची के मोराबादी मैदान में लगभग 72 सालों से रावण दहन का कार्यक्रम किया जाता रहा है. लेकिन इस बार कोविड-19 के कारण आयोजन नहीं किया गया. इस आयोजन में शहरी और ग्रामीण इलाकों से लगभग लाखों की संख्या में रावण दहन के कार्यक्रम को देखने के लिए पहुंचते हैं, जिससे ठेले, खोमचे कि जीवन यापन जुड़ी हुई रहती है. लेकिन इस बार आयोजन नहीं होने के कारण छोटे व्यापारियों के व्यापार पर काफी असर पड़ा है.

रांची: राजधानी के ऐतिहासिक मोरहाबादी मैदान में होने वाले रावण दहन कार्यक्रम पिछले 72 सालों से किया जा रहा है. इस बार कोविड-19 के कारण यह आयोजन नहीं किया गया, जिसके लोगों में मायूसी देखने को मिली.

देखें पूरी खबर


क्या है स्थानीय लोगों का कहना

स्थानीय लोगों का कहना है वैश्विक महामारी कोरोना के कारण हुए लॉकडाउन की वजह से पहले ही काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा है. ऐसे में एक उम्मीद थी कि रावण दहन का कार्यक्रम होगा, तो वो इसका लुत्फ उठाएंगे. लेकिन रावण दहन का कार्यक्रम नहीं होने से वो काफी निराश हैं.

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रोजगार पर प्रभाव

आइसक्रीम बेचकर जीवन यापन चलाने वाले बुजुर्ग व्यक्ति ने कहा कि इस साल छोटे व्यापारियों के लिए दुखों का साल रहा है. कोविड-19 के कारण इस बार तमाम आयोजनों पर रोक लगा दी गई, जिसके कारण उन लोगों के रोजगार पर असर पड़ा है. उन्हें उम्मीद थी कि रावण दहन कार्यक्रम में उन्हें कुछ राहत मिलेगी, लेकिन ऐसा नहीं हो सका.


व्यापारियों के रोजगार पर प्रभाव

राजधानी रांची के मोराबादी मैदान में लगभग 72 सालों से रावण दहन का कार्यक्रम किया जाता रहा है. लेकिन इस बार कोविड-19 के कारण आयोजन नहीं किया गया. इस आयोजन में शहरी और ग्रामीण इलाकों से लगभग लाखों की संख्या में रावण दहन के कार्यक्रम को देखने के लिए पहुंचते हैं, जिससे ठेले, खोमचे कि जीवन यापन जुड़ी हुई रहती है. लेकिन इस बार आयोजन नहीं होने के कारण छोटे व्यापारियों के व्यापार पर काफी असर पड़ा है.

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