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Navratri 2023: नवरात्रि में इस तरह करें कन्या पूजन, घर में आएगी सुख, समृद्धि और शांति - कन्या पूजन की विधि

नवरात्र में कन्या पूजन का विशेष महत्व होता है. इसे लेकर श्रद्धालु बेहद ही उत्साहित हैं. कन्या पूजन की विशेष विधि होती है और नवरात्रि में कन्या पूजन के अलग-अलग महत्व हैं. Importance of Kanya Pujan in Navratri

Kanya Pujan in Navratri
Kanya Pujan in Navratri
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Oct 20, 2023, 5:07 PM IST

Updated : Oct 20, 2023, 7:12 PM IST

नवरात्रि में कन्या पूजन का विशेष महत्व

रांची: सनातन धर्म में कन्या पूजन का विशेष महत्व है. नवरात्रि के मौके पर शक्तिस्वरूपा की पूजा की जाती है. इस दौरान कन्या पूजन का बहुत महत्व माना जाता है. कहा जाता है कि नवरात्रि की षष्ठी को देवी मां एक छोटी कन्या के रूप में अवतरित होती हैं, जिन्हें हम मां कात्यायनी कहते हैं. माता का यह अवतार विशेष माना जाता है. वैसे तो कन्या पूजन और भोजन नवरात्रि के सभी नौ दिनों किया जाता है, लेकिन षष्ठी से नवमी तक कन्या पूजन बहुत लाभकारी माना जाता है.

यह भी पढ़ें: Navratri 2023: हाथी पर सवार होकर आ रही हैं शक्तिस्वरूपा, मां दुर्गा की आराधना में जुटे भक्त

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार दो वर्ष तक की कन्या का श्रृंगार करना, उसकी पूजा करना और उसे भोजन कराना अत्यंत लाभकारी होता है. पौराणिक ग्रंथों में इसका विस्तार से वर्णन किया गया है. स्वामी सत्यनारायण सौमित्र जी महाराज कहते हैं कि वेदों का आरंभ मातृशक्ति की आराधना से हुआ. इसे देव माना जाता है. तात्पर्य यह है कि सम्पूर्ण सृष्टि की शक्ति नारी ही है. उस शक्ति नारी के बिना भगवान भी अधूरे हैं. इसलिए सभी लोगों को इस शक्ति को नमन करना चाहिए.

Kanya Pujan in Navratri
ETV BHARAT GFX

सदियों से चली आ रही है कन्या पूजन की परंपरा: वक्त भले ही तेजी से बदल रहा हो, लेकिन आस्था अब भी वैसी ही है. इसके पीछे कई कारण हैं. नवरात्र की षष्ठी पर कन्या पूजन करने वाली श्रद्धालु प्रीति अग्रवाल का कहना है कि इसका लाभ जन्म-जन्मांतर तक मिलता है. बचपन में कभी हमने भी अपने परिवार के सदस्यों को कन्या पूजन करते देखा था, वह परंपरा आज भी कायम है. श्रद्धालु सीमा टाटिया छोटी बच्ची को देवी का विभिन्न रूप मानती हैं और कहती हैं कि इसकी पूजा से पूरे साल सुख, शांति और समृद्धि मिलती है. इसी तरह श्रद्धालु नैना का कहना है कि जिस घर में बेटी जन्म लेती है, वह लक्ष्मी कहलाती है, जो सुख-समृद्धि लाती है.

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नवरात्रि में कन्या पूजन का विशेष महत्व

रांची: सनातन धर्म में कन्या पूजन का विशेष महत्व है. नवरात्रि के मौके पर शक्तिस्वरूपा की पूजा की जाती है. इस दौरान कन्या पूजन का बहुत महत्व माना जाता है. कहा जाता है कि नवरात्रि की षष्ठी को देवी मां एक छोटी कन्या के रूप में अवतरित होती हैं, जिन्हें हम मां कात्यायनी कहते हैं. माता का यह अवतार विशेष माना जाता है. वैसे तो कन्या पूजन और भोजन नवरात्रि के सभी नौ दिनों किया जाता है, लेकिन षष्ठी से नवमी तक कन्या पूजन बहुत लाभकारी माना जाता है.

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धार्मिक मान्यताओं के अनुसार दो वर्ष तक की कन्या का श्रृंगार करना, उसकी पूजा करना और उसे भोजन कराना अत्यंत लाभकारी होता है. पौराणिक ग्रंथों में इसका विस्तार से वर्णन किया गया है. स्वामी सत्यनारायण सौमित्र जी महाराज कहते हैं कि वेदों का आरंभ मातृशक्ति की आराधना से हुआ. इसे देव माना जाता है. तात्पर्य यह है कि सम्पूर्ण सृष्टि की शक्ति नारी ही है. उस शक्ति नारी के बिना भगवान भी अधूरे हैं. इसलिए सभी लोगों को इस शक्ति को नमन करना चाहिए.

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सदियों से चली आ रही है कन्या पूजन की परंपरा: वक्त भले ही तेजी से बदल रहा हो, लेकिन आस्था अब भी वैसी ही है. इसके पीछे कई कारण हैं. नवरात्र की षष्ठी पर कन्या पूजन करने वाली श्रद्धालु प्रीति अग्रवाल का कहना है कि इसका लाभ जन्म-जन्मांतर तक मिलता है. बचपन में कभी हमने भी अपने परिवार के सदस्यों को कन्या पूजन करते देखा था, वह परंपरा आज भी कायम है. श्रद्धालु सीमा टाटिया छोटी बच्ची को देवी का विभिन्न रूप मानती हैं और कहती हैं कि इसकी पूजा से पूरे साल सुख, शांति और समृद्धि मिलती है. इसी तरह श्रद्धालु नैना का कहना है कि जिस घर में बेटी जन्म लेती है, वह लक्ष्मी कहलाती है, जो सुख-समृद्धि लाती है.

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Last Updated : Oct 20, 2023, 7:12 PM IST
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