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Ranchi News: रांची में तेज हवा और बारिश, बिजली आपूर्ति चरमराई

गुरुवार को रांची में बारिश और तूफान का असर शहर की बिजली व्यवस्था पर पड़ा. तेज हवा और बारिश के कारण रांची में बिजली आपूर्ति चरमरा गयी. कई इलाकों में पेड़ गिरने और तार टूटने के कारण शहर के कई हिस्से अंधेरे में डूब गये.

Due to Storm and rain in Ranchi power supply stalled in capital
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Published : Mar 17, 2023, 7:24 AM IST

Updated : Mar 17, 2023, 9:06 AM IST

रांचीः राजधानी में तेज हवा के साथ बारिश से बिजली व्यवस्था प्रभावित हुई. बेमौसम बारिश ने सबसे ज्यादा शहर की बिजली आपूर्ति पर बुरा असर डाला. शहर में जगह जगह बिजली के तार पर पेड़ गिरने से बिजली गुल रही.

इसे भी पढ़ें- Weather Update Jharkhand: मंगलवार से फिर बदलेगा झारखंड में मौसम का मिजाज, 17 मार्च तक कई जिलों में बारिश की संभावना

तेज हवा के कारण जगह जगह गिरे पेड़ को हटाने में बिजलीकर्मी देर रात तक मशक्कत करते रहे. जिस वजह से शहर के विभिन्न इलाकों में बिजली कई घंटों तक गुल रही और शहर अंधेरे में डूबा रहा. रांची प्रक्षेत्र के महाप्रबंधक पीके श्रीवास्तव ने बताया कि मेन रोड सहित राजधानी के विभिन्न इलाकों में पेड़ गिरने की सूचना जैसे जैसे आ रही है. बिजली विभाग की टीम उन इलाकों में पेड़ों को हटाकर बिजली व्यवस्था सुचारू की जा रही है.

अंधेरे में डूबी राजधानी, बिजली व्यवस्था सुचारू करने में लगे रहे कर्मीः गुरुवार देर रात तक राजधानी का अधिकांश हिस्सा अंधेरे में डूबा रहा, जिस वजह से लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ा. जानकारी के मुताबिक सुजाता चौक के नजदीक पेड़ गिरने से काफी देर तक बिजली आपूर्ति ठप रही. वहीं बहु बाजार, चुटिया, समलोंग, बेल बगान, कोकर सुंदर विहार में शाम 4 बजे से ही बिजली नहीं होने के वजह से लोग घंटों परेशान रहे. इसी तरह की शिकायत शहर के आदर्श नगर कोकर, हैदर अली रोड कोकर, चुटिया केतारी बगान में रहने वाले लोगों ने किया.

बिजली विभाग के अधिकारियों के अनुसार तेज हवा और बारिश की वजह से लोकल फॉल्ट की शिकायतें आई हैं. इसके कारण से बिजली आपूर्ति में बाधा पहुंची. विभाग की टीम लगी हुई है. शुक्रवार सुबह तक बिजली आपूर्ति पूर्व की भांति दुरुस्त हो जाएगी. बिजली विभाग के लिए मार्च से जून महीना काफी अहम माना जाता है क्योंकि इस महीने में तेज हवा के साथ ओलावृष्टि और बिजली गिरने की शिकायतें आती रहती हैं. जिससे बिजली उपकरण के क्षति होने की संभावना बनी रहती है.

झारखंड वज्रपात के लिहाज से काफी संवेदनशील है, जिसके कारण हर वर्ष मानसून के समय और उससे पहले वज्रपात की घटनाएं होती रहती हैं. इस वजह से आम जनमानस के साथ-साथ बिजली विभाग के लिए भी यह समय किसी सिरदर्द से कम नहीं है. हालांकि आकाशीय बिजली से बचने के लिए बिजली विभाग द्वारा कई तरह के प्रबंध किए गए हैं, मगर ऐन वक्त पर यह सारी व्यवस्थाएं धरी की धरी रह जाती हैं. दरअसल भौगोलिक कारणों से झारखंड में वज्रपात की घटनाएं समतल इलाकों की तुलना में अधिक होती हैं, जिस दौरान तेज हवा के साथ बारिश भी होती है.

रांचीः राजधानी में तेज हवा के साथ बारिश से बिजली व्यवस्था प्रभावित हुई. बेमौसम बारिश ने सबसे ज्यादा शहर की बिजली आपूर्ति पर बुरा असर डाला. शहर में जगह जगह बिजली के तार पर पेड़ गिरने से बिजली गुल रही.

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तेज हवा के कारण जगह जगह गिरे पेड़ को हटाने में बिजलीकर्मी देर रात तक मशक्कत करते रहे. जिस वजह से शहर के विभिन्न इलाकों में बिजली कई घंटों तक गुल रही और शहर अंधेरे में डूबा रहा. रांची प्रक्षेत्र के महाप्रबंधक पीके श्रीवास्तव ने बताया कि मेन रोड सहित राजधानी के विभिन्न इलाकों में पेड़ गिरने की सूचना जैसे जैसे आ रही है. बिजली विभाग की टीम उन इलाकों में पेड़ों को हटाकर बिजली व्यवस्था सुचारू की जा रही है.

अंधेरे में डूबी राजधानी, बिजली व्यवस्था सुचारू करने में लगे रहे कर्मीः गुरुवार देर रात तक राजधानी का अधिकांश हिस्सा अंधेरे में डूबा रहा, जिस वजह से लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ा. जानकारी के मुताबिक सुजाता चौक के नजदीक पेड़ गिरने से काफी देर तक बिजली आपूर्ति ठप रही. वहीं बहु बाजार, चुटिया, समलोंग, बेल बगान, कोकर सुंदर विहार में शाम 4 बजे से ही बिजली नहीं होने के वजह से लोग घंटों परेशान रहे. इसी तरह की शिकायत शहर के आदर्श नगर कोकर, हैदर अली रोड कोकर, चुटिया केतारी बगान में रहने वाले लोगों ने किया.

बिजली विभाग के अधिकारियों के अनुसार तेज हवा और बारिश की वजह से लोकल फॉल्ट की शिकायतें आई हैं. इसके कारण से बिजली आपूर्ति में बाधा पहुंची. विभाग की टीम लगी हुई है. शुक्रवार सुबह तक बिजली आपूर्ति पूर्व की भांति दुरुस्त हो जाएगी. बिजली विभाग के लिए मार्च से जून महीना काफी अहम माना जाता है क्योंकि इस महीने में तेज हवा के साथ ओलावृष्टि और बिजली गिरने की शिकायतें आती रहती हैं. जिससे बिजली उपकरण के क्षति होने की संभावना बनी रहती है.

झारखंड वज्रपात के लिहाज से काफी संवेदनशील है, जिसके कारण हर वर्ष मानसून के समय और उससे पहले वज्रपात की घटनाएं होती रहती हैं. इस वजह से आम जनमानस के साथ-साथ बिजली विभाग के लिए भी यह समय किसी सिरदर्द से कम नहीं है. हालांकि आकाशीय बिजली से बचने के लिए बिजली विभाग द्वारा कई तरह के प्रबंध किए गए हैं, मगर ऐन वक्त पर यह सारी व्यवस्थाएं धरी की धरी रह जाती हैं. दरअसल भौगोलिक कारणों से झारखंड में वज्रपात की घटनाएं समतल इलाकों की तुलना में अधिक होती हैं, जिस दौरान तेज हवा के साथ बारिश भी होती है.

Last Updated : Mar 17, 2023, 9:06 AM IST
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