रांची: झारखंड में कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की बातों से यह स्पष्ट हो गया है कि इस साल झारखंड में सरहुल और रामनवमी का जुलूस नहीं निकलेगा. बजट सत्र के समापन भाषण के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि फिर से संक्रमण बढ़ रहा है, रांची और जमशेदपुर में ज्यादा मामले सामने आए हैं, इसको लेकर सरकार गंभीर है, इसी वजह से झारखंड में अब तक जुलूस और भीड़ भाड़ पर रोक जारी है, ताजा हालात को देखते हुए आज ही आपदा प्रबंधन विभाग के अधिकारियों के साथ समीक्षा की गई है, इसलिए जरूरी है कि हालात नियंत्रण में आने तक भीड़ भाड़ पर रोक लगा रहे.
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मुख्यमंत्री ने कहा कि भगवान ना करे झारखंड में लॉकडाउन की स्थितियां हो, इसलिए सजग रहने की जरूरत है. कोरोना के विकराल रूप की आहट सुनाई दे रही है, इसी को देखते हुए पिछले दिनों प्रधानमंत्री ने अलग-अलग राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए मीटिंग की थी. उस मीटिंग में पीएम को राज्य के हालात से अवगत कराया गया था. फिलहाल हालात ठीक नहीं हैं. कुछ दिन बाद ही किसी नतीजे पर पहुंचा जाएगा. समापन भाषण के दौरान मुख्यमंत्री ने वित्तीय वर्ष 2021 22 के बजट की खासियत गिनाई. उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र में क्रय शक्ति बढ़ाने पर जोर रहेगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड में करीब 35% पद खाली हैं, अब तक यहां सरकारें जुगाड़ पर चलती रही, लेकिन हमारी सरकार लॉन्ग टर्म प्लान पर आगे बढ़ रही है.
सरकार पदाधिकारियों को हांकेगी
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि उनकी सरकार पदाधिकारियों को हांकेगी, इसको लेकर उन्होंने तर्क भी दिया. मुख्यमंत्री ने कहा कि जनप्रतिनिधियों की क्षेत्र में मजबूत पकड़ होती है. उनकी सरकार सत्ता पक्ष हो या विपक्ष सभी विधायकों के भावनाओं का ख्याल रखेगी. मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार को भी आड़े हाथों लिया. मुख्यमंत्री ने कहा कि एक तरफ केंद्र सरकार वन नेशन वन टैक्स की बात करती है, दूसरी तरफ अलग-अलग राज्यों में मनरेगा मजदूरों को अलग-अलग मजदूरी मिलती है. उन्होंने कहा कि पूर्व में डबल इंजन की सरकार थी. पूर्ववर्ती सरकार ने जरूर लाइन खींची, लेकिन वह टेढ़ी-मेढ़ी हो गई, उसे सीधा करना है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि हर जिला में मेडिकल कॉलेज आने वाले समय में दिखेगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि राम मंदिर बनाने के लिए सभी मदद कर रहे हैं, चुकी झारखंड को भी मजबूत बनाना है, इसलिए सभी लोगों की हिस्सेदारी जरूरी है.