रांची: विद्यार्थियों, कर्मचारियों और विश्वविद्यालय के पदाधिकारियों के स्वास्थ्य संबंधी जानकारी रखने के अलावा उनके स्वास्थ्य समस्याओं का निवारण करने के लिए डॉक्टर श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय राज्य का एकलौता ऐसा विश्वविद्यालय है, जहां यूनिवर्सिटी क्लीनिक व्यवस्थित तरीके से संचालित हो रहा है. कोरोना महामारी के दौरान भी इस विश्वविद्यालय के इस क्लीनिक से विश्वविद्यालय से जुड़े कर्मचारियों को काफी फायदा मिला है.
यूनिवर्सिटी क्लीनिक व्यवस्थित
रांची विश्वविद्यालय से अलग कर गठन किए गए डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास के साथ-साथ कई गतिविधियों में हमेशा ही बेहतर रहा है. राज्य का ऐसा पहला विश्वविद्यालय है, जहां विद्यार्थियों कर्मचारियों और कॉलेज के पदाधिकारियों के लिए विशेष रूप से यूनिवर्सिटी क्लीनिक व्यवस्थित किया गया है. यूनिवर्सिटी क्लीनिक के जरिए विद्यार्थियों और कॉलेज से संबंधित तमाम पदाधिकारियों का स्वास्थ्य संबंधित जांच किया जाता है. स्थिति बिगड़ने पर उन्हें कॉलेज और विश्वविद्यालय कैंपस से तुरंत अस्पताल भेजा जाता है.
इस क्लीनिक में सप्ताह में 5 दिन रिम्स के विशेषज्ञ चिकित्सक बैठते हैं. एक नर्स 14 घंटा अपनी सेवा देते हैं. इसके जरिए स्वास्थ्य संबंधी तमाम जानकारियां और आपात स्थिति से निपटने के लिए तमाम उपकरण है. जिसका उपयोग किसी भी परेशानी को चिन्हित करने के लिए किया जाता है. एक वर्ष पहले इस क्लीनिक का उद्घाटन किया गया था और आज अपने विद्यार्थियों के लिए काफी फायदेमंद साबित हो रहा है. विद्यार्थियों के साथ-साथ कर्मचारियों के परिजन विश्वविद्यालय के पदाधिकारियों के परिजन भी यहां पहुंचते है और स्वास्थ्य संबंधित जांच करवाते हैं. चिंताजनक स्थिति पाए जाने पर उन्हें अस्पताल रेफर किया जाता है. विशेषज्ञ चिकित्सकों की ओर से उन्हें परामर्श दिया जाता है. किसी भी आपात स्थिति पर कॉलेज से ही उन्हें अस्पताल भेजा जाता है. यूनिवर्सिटी क्लीनिक कई मायनों में फायदेमंद साबित हो रहा है.
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विश्वविद्यालय के कुलपति संतुष्ट
विश्वविद्यालय के कुलपति समेत कई पदाधिकारी इस क्लीनिक से काफी संतुष्ट है. इनका मानना है कि इस क्लीनिक का पॉजिटिव रिस्पांस मिल रहा है. विद्यार्थियों के अलावा अन्य लोग भी यहां आकर हेल्थ चेकअप करवाते हैं. कार्यरत नर्स भी कहती हैं कि प्रतिदिन चिकित्सक यहां पहुंचते हैं और परामर्श देते हैं. राज्य का यह पहला विश्वविद्यालय है, जहां इस तरीके से क्लीनिक संचालित किया जा रहा है. जो वाकई में विश्वविद्यालय प्रबंधन का सराहनीय कदम है. कोविड दौर में भी विश्वविद्यालय क्लीनिक विद्यार्थियों, कर्मचारियों और कॉलेज पदाधिकारियों के लिए लाभकारी साबित हुआ है. सर्दी, खांसी और बुखार जैसे लक्षण वाले मरीजों का इलाज भी यहां हुआ है और उन्हें परामर्श देकर दवाई दिया गया है. जटिल स्थिति होने पर तीन से चार कर्मचारियों को अस्पताल भेजा गया है.