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रांचीः ड्रॉपआउट बच्चों को मुख्यधारा से जोड़ने की विभाग की कोशिश, स्थानीय युवाओं की होगी भागीदारी

रांची में ड्रॉपआउट बच्चों और कोरोना वायरस के दौरान ऑनलाइन पठन-पाठन से जो वंचित हुए हैं. उन बच्चों के लिए शिक्षा विभाग एक योजना के तहत 1 मार्च से सेतु शिक्षण केंद्रों का संचालन करेगा. समग्र शिक्षा अभियान के तहत ड्रॉपआउट बच्चों के लिए विशेष शिक्षण कार्यक्रम राज्य भर में चलाए जाएंगे.

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Published : Feb 22, 2021, 11:52 AM IST

dropout found a way to connect children to mainstream
ड्रॉपआउट बच्चों को मुख्यधारा से जोड़ने का उपाय ढूंढ निकाला

रांचीः ड्रॉपआउट बच्चों और कोरोना वायरस के दौरान ऑनलाइन पठन-पाठन से वंचित हुए बच्चों के लिए शिक्षा विभाग एक योजना के तहत 1 मार्च से सेतु शिक्षण केंद्रों का संचालन करेगा. समग्र शिक्षा अभियान के तहत ड्रॉपआउट बच्चों के लिए विशेष शिक्षण कार्यक्रम राज्य भर में चलाए जाएंगे. इसे लेकर स्थानीय युवाओं का भी सहयोग लिया जाएगा. स्थानीय युवा सेतु गाइड के रूप में काम करेंगे. जिन्हें पारिश्रमिक भी दी जाएगी.


ये भी पढ़ें-हार्वर्ड इंडिया कॉन्फ्रेंस में बोले सीएम, राज्य का विकास सरकार का लक्ष्य

कोरोना महामारी के कारण शिक्षा व्यवस्था पर व्यापक असर पड़ा है. सैकड़ों बच्चे स्कूल आने से वंचित हो गए हैं और अब वह स्कूल आना भी नहीं चाहते हैं. सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले ऐसे ही ड्रॉपआउट बच्चों को अब एक बार फिर मुख्यधारा से जोड़ने के उद्देश्य से शिक्षा विभाग झारखंड शैक्षिक शोध और प्रशिक्षण संस्थान जेसीईआरटी के तहत छूटे हुए पढ़ाई की भरपाई करने को लेकर जुट गया है. एक मार्च से ऐसे बच्चों को विशेष शिक्षण के लिए गांव मोहल्ले टोली में वृहद रूप से एक योजना चलाई जाएगी और सेतु शिक्षण केंद्रों का संचालन किया जाएगा. इन केंद्रों में सरकारी स्कूलों के शिक्षकों को भी प्रशिक्षण के लिए लगाया जाएगा.

4 हजार रुपये प्रतिमाह प्रोत्साहन राशि दिए जाने का प्रावधान

वहीं शिक्षित स्थानीय युवाओं को भी इसमें जोड़ा जा रहा है. इन युवाओं को सेतु गाइड बनाया जाएगा और युवाओं को जिम्मेवारी अपने क्षेत्र के सरकारी स्कूलों के बच्चों को विशेष शिक्षण का लाभ देना होगा. ये युवा सुबह शाम उन्हें पढ़ाएंगे. इसके लिए उन्हें 4,000 रुपये प्रतिमाह प्रोत्साहन राशि भी दिए जाने को लेकर प्रावधान किया गया है. इन केंद्रों की निगरानी के लिए भी प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी को निर्देश दिया गया है. लाभुक बच्चों के अभिभावक सेतु गाइड के उपस्थिति का लेखा जोखा रखेंगे.

आम सभा के जरिए सीएम करेंगे पारा शिक्षकों की परेशानियों को दूर

पारा शिक्षकों की सेवानिवृत्ति के बाद एकमुश्त राशि मिलने उनके बच्चों की उच्च शिक्षा के लिए सरकार की ओर से लोन देने के अलावे कल्याण कोष से जुड़े तमाम मामलों को लेकर मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में एक आम सभा का आयोजन किया जाएगा. इसे लेकर झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद की ओर से एक पत्र जारी किया गया है और इसकी जानकारी दी गई है.

रांचीः ड्रॉपआउट बच्चों और कोरोना वायरस के दौरान ऑनलाइन पठन-पाठन से वंचित हुए बच्चों के लिए शिक्षा विभाग एक योजना के तहत 1 मार्च से सेतु शिक्षण केंद्रों का संचालन करेगा. समग्र शिक्षा अभियान के तहत ड्रॉपआउट बच्चों के लिए विशेष शिक्षण कार्यक्रम राज्य भर में चलाए जाएंगे. इसे लेकर स्थानीय युवाओं का भी सहयोग लिया जाएगा. स्थानीय युवा सेतु गाइड के रूप में काम करेंगे. जिन्हें पारिश्रमिक भी दी जाएगी.


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कोरोना महामारी के कारण शिक्षा व्यवस्था पर व्यापक असर पड़ा है. सैकड़ों बच्चे स्कूल आने से वंचित हो गए हैं और अब वह स्कूल आना भी नहीं चाहते हैं. सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले ऐसे ही ड्रॉपआउट बच्चों को अब एक बार फिर मुख्यधारा से जोड़ने के उद्देश्य से शिक्षा विभाग झारखंड शैक्षिक शोध और प्रशिक्षण संस्थान जेसीईआरटी के तहत छूटे हुए पढ़ाई की भरपाई करने को लेकर जुट गया है. एक मार्च से ऐसे बच्चों को विशेष शिक्षण के लिए गांव मोहल्ले टोली में वृहद रूप से एक योजना चलाई जाएगी और सेतु शिक्षण केंद्रों का संचालन किया जाएगा. इन केंद्रों में सरकारी स्कूलों के शिक्षकों को भी प्रशिक्षण के लिए लगाया जाएगा.

4 हजार रुपये प्रतिमाह प्रोत्साहन राशि दिए जाने का प्रावधान

वहीं शिक्षित स्थानीय युवाओं को भी इसमें जोड़ा जा रहा है. इन युवाओं को सेतु गाइड बनाया जाएगा और युवाओं को जिम्मेवारी अपने क्षेत्र के सरकारी स्कूलों के बच्चों को विशेष शिक्षण का लाभ देना होगा. ये युवा सुबह शाम उन्हें पढ़ाएंगे. इसके लिए उन्हें 4,000 रुपये प्रतिमाह प्रोत्साहन राशि भी दिए जाने को लेकर प्रावधान किया गया है. इन केंद्रों की निगरानी के लिए भी प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी को निर्देश दिया गया है. लाभुक बच्चों के अभिभावक सेतु गाइड के उपस्थिति का लेखा जोखा रखेंगे.

आम सभा के जरिए सीएम करेंगे पारा शिक्षकों की परेशानियों को दूर

पारा शिक्षकों की सेवानिवृत्ति के बाद एकमुश्त राशि मिलने उनके बच्चों की उच्च शिक्षा के लिए सरकार की ओर से लोन देने के अलावे कल्याण कोष से जुड़े तमाम मामलों को लेकर मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में एक आम सभा का आयोजन किया जाएगा. इसे लेकर झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद की ओर से एक पत्र जारी किया गया है और इसकी जानकारी दी गई है.

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