रांची: डॉ. अजय कुमार के कांग्रेस में वापसी के बाद झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी में कोई खासा उत्साह नजर नहीं आया, बल्कि प्रदेश कांग्रेस खेमे में बटी दिखी. कांग्रेस स्टेट हेड क्वार्टर में शनिवार को उनके आने पर समर्थक नजदीक दिखे तो विरोधी गुट के लोग नदारद रहे. डॉ. अजय के कार्यालय में आने के दौरान 5 कार्यकारी अध्यक्ष में से मात्र एक कार्यकारी अध्यक्ष ही नजर आए. उनसे मुलाकात करने डॉ. अजय नहीं गए. बल्कि उन्हें ही डॉ. अजय से मिलने आना पड़ा.
हालांकि उनके समर्थक उनके करीब दिखे तो उनका विरोध करने वाले गुट के एक भी नेता कार्यकर्ता नजर नहीं आए. यहां तक की प्रदेश कांग्रेस के 5 कार्यकारी अध्यक्षों में मात्र एक कार्यकारी अध्यक्ष मानस सिन्हा की मौजूदगी रही. डॉ. अजय के कांग्रेस में वापसी को लेकर प्रदेश प्रवक्ता राजेश गुप्ता छोटू ने कहा कि वह अपनी अंतरात्मा की आवाज सुनकर पार्टी में वापस आए हैं. उनका स्वागत है. उनके सहयोग से संगठन को और धारदार बनाने में मदद मिलेगी.
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वहीं कांग्रेस स्टेट हेड क्वार्टर के कॉन्फ्रेंस हॉल में डॉ. अजय से उनके समर्थकों ने मुलाकात की और उनका स्वागत किया, जिसके बाद वह खुद मीडिया विभाग के रूप में पहुंचे और पार्टी प्रवक्ताओं से मुलाकात कर हालचाल लिया. हालांकि पार्टी प्रवक्ताओं ने उनका स्वागत किया. प्रदेश प्रवक्ता शमशेर आलम ने कहा कि शीर्ष नेतृत्व का निर्णय सर्वोपरि है और उम्मीद जताई है कि पार्टी में सक्रिय रहकर प्रदेश से लेकर पंचायत तक संगठन को मजबूत करने में उनकी भागीदारी का फायदा मिलेगा.
बता दें कि 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी का बेहतर प्रदर्शन नहीं होने के बाद डॉ. अजय के खिलाफ जमकर विरोध हुआ था. नौबत यहां तक आ गई थी कि उनकी सुरक्षा के लिए पुलिस को भी कांग्रेस भवन में तैनात किया गया था. फिर भी डॉ. अजय के विरोधी और समर्थक आमने सामने आ गए थे और जमकर धक्का-मुक्की और हंगामा हुआ था. जिसके बाद डॉ. अजय ने अपने पद से इस्तीफा देते हुए पार्टी का साथ छोड़ दिया था.