रांची: डोरंडा मामले पर झारखंड हाईकोर्ट में शुक्रवार को सुनवाई हुई. यह सुनवाई मुख्य न्यायाधीश डॉ रवि रंजन और न्यायाधीश अपरेश कुमार सिंह की अदालत में हुई. झारखंड हाई कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेते हुए महिलाओं की सुरक्षा और नेशनल लॉ कॉलेज में भी हुए सामूहिक दुष्कर्म मामले को लेकर सरकार पर तल्ख टिप्पणी की है. अदालत ने कहा है कि शहर का लॉ एंड ऑर्डर सही नहीं है.
डोरंडा में 6 वर्षीय बच्ची के साथ दुष्कर्म और हत्या के साथ-साथ नेशनल लॉ कॉलेज की छात्रा के साथ सामूहिक दुष्कर्म मामले में सुनवाई हुई. कोर्ट ने डोरंडा मामले पर आईजी सीआईडी को अगले शुक्रवार को अदालत में उपस्थित होकर पूरी जानकारी देने को कहा है. नेशनल लॉ कॉलेज मामले पर अदालत ने कहा कि जिस दिन घटना हुई उसके कुछ ही दिन के बाद वहां फायरिंग हुई थी. घटना के कुछ दिन बाद ही फायरिंग होना यह बताता है कि रांची की कानून व्यवस्था ठीक नहीं है, जबकि डीजीपी ने अदालत को सुरक्षा की दृष्टिकोण से सुनिश्चित किया था.
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अधिवक्ता राजीव कुमार ने होई कोर्ट को डोरंडा मामले में 6 साल की बच्ची के साथ हुए दुष्कर्म और शहर में लगातार हो रहे छेड़छाड़ और नेशनल लॉ कॉलेज में हुए घटना को लेकर अवगत कराया, जिसपर हाई कोर्ट ने सभी मामले पर दुख व्यक्त करते हुए सभी मामलों पर त्वरित कार्रवाई करने का आदेश दिया. वहीं, अधिवक्ता राजीव कुमार ने बताया कि केंद्र सरकार ने निर्भया फंड के तहत लगभग 10 करोड़ रुपए के फंड दिए थे, लेकिन बड़ी दुख की बात है कि झारखंड सरकार महिलाओं के प्रति उदासीन है, जिसके कारण निर्भया फंड का उपयोग झारखंड में नहीं किया गया. अदालत ने पक्षों को सुनने के बाद ही आईजी सीआईडी को अगले शुक्रवार को हाजिर होकर जवाब देने का आदेश दिया है.