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रांची मौसम विभाग होगा हाईटेक, जानकारी के लिए लगाए जाएंगे डॉप्लर वेदर रडार

रांची में मौसम की जानकारी के लिए अब पूराने सिस्टम में बदलाव किया जाएगा. मौसम विभाग के वैज्ञानिक आर एस शर्मा ने बताया कि अब विभाग में डी.डब्लू.आर(DWR) लगाया जाएगा, जो  थंडर स्टॉर्म, शॉर्ट टर्म वेदर फोरकास्ट की मॉनिटरिंग के लिए सबसे उन्नत उपकरण है.

रांची मौसम विभाग होगा हाईटेक
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Published : Mar 14, 2019, 11:42 PM IST

रांची: प्रदेश का मौसम विभाग अब हाईटेक होने जा रहा है, क्योंकि मौसम का सटीक अपडेट के लिए अब डॉप्लर वेदर रडार लगाए जाएंगे. इस रडार के लगने के बाद झारखंड में मौसम की गंभीर घटनाओं का बेहतर निगरानी में काफी सहयोग मिलेगा.

रांची मौसम विभाग होगा हाईटेक

रांची में मौसम की जानकारी के लिए अब पूराने सिस्टम में बदलाव किया जाएगा. मौसम विभाग के वैज्ञानिक आर एस शर्मा ने बताया कि अब विभाग में डी.डब्लू.आर(DWR) लगाया जाएगा, जो थंडर स्टॉर्म, शॉर्ट टर्म वेदर फोरकास्ट की मॉनिटरिंग के लिए सबसे उन्नत उपकरण है.

1 साल के भीतर लगाया जाएगा DWR
डीडब्ल्यूआर रडार इंस्टॉल कराने को लेकर गुरुवार को मौसम विभाग रांची के कार्यालय में बैठक की गई, जिसमें यह तय किया गया कि अगले 1 साल के भीतर इस रडार को रांची में लगा दिया जाएगा.

डॉप्लर वेदर रडार लगने से कई फायदे
मौसम विभाग के वैज्ञानिक आर एस शर्मा ने बताया कि प्री मॉनसून सीजन, सीवियर थंडर स्टॉर्म, साइक्लोन जैसे डिजास्टर का पूर्वानुमान इससे बेहतर तरीके से लगाया जा सकता है.

विमानों के आगमन और प्रस्थान में मदद
साथ ही उन्होंने बताया कि इस उपकरण के लगने से गंभीर मौसम की सारी जानकारी मिलने के साथ-साथ विमानों के आगमन और प्रस्थान के लिये भी मौसम की जानकारी उचित समय पर दी जा सकेगी.
10 करोड़ रुपए की लागत से लगेगा DWR
इस रडार को लगाने में लगभग 10 करोड़ रुपए आएगी. मौसम विभाग के इस बैठक में मौसम विज्ञान केंद्र के महानिदेशक डॉ डी प्रधान, रांची मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक एसडी कोटाल, मौसम पूर्वानुमान पदाधिकारी एससी मंडल के अलावा कई अधिकारी मौजूद रहे.

रांची: प्रदेश का मौसम विभाग अब हाईटेक होने जा रहा है, क्योंकि मौसम का सटीक अपडेट के लिए अब डॉप्लर वेदर रडार लगाए जाएंगे. इस रडार के लगने के बाद झारखंड में मौसम की गंभीर घटनाओं का बेहतर निगरानी में काफी सहयोग मिलेगा.

रांची मौसम विभाग होगा हाईटेक

रांची में मौसम की जानकारी के लिए अब पूराने सिस्टम में बदलाव किया जाएगा. मौसम विभाग के वैज्ञानिक आर एस शर्मा ने बताया कि अब विभाग में डी.डब्लू.आर(DWR) लगाया जाएगा, जो थंडर स्टॉर्म, शॉर्ट टर्म वेदर फोरकास्ट की मॉनिटरिंग के लिए सबसे उन्नत उपकरण है.

1 साल के भीतर लगाया जाएगा DWR
डीडब्ल्यूआर रडार इंस्टॉल कराने को लेकर गुरुवार को मौसम विभाग रांची के कार्यालय में बैठक की गई, जिसमें यह तय किया गया कि अगले 1 साल के भीतर इस रडार को रांची में लगा दिया जाएगा.

डॉप्लर वेदर रडार लगने से कई फायदे
मौसम विभाग के वैज्ञानिक आर एस शर्मा ने बताया कि प्री मॉनसून सीजन, सीवियर थंडर स्टॉर्म, साइक्लोन जैसे डिजास्टर का पूर्वानुमान इससे बेहतर तरीके से लगाया जा सकता है.

विमानों के आगमन और प्रस्थान में मदद
साथ ही उन्होंने बताया कि इस उपकरण के लगने से गंभीर मौसम की सारी जानकारी मिलने के साथ-साथ विमानों के आगमन और प्रस्थान के लिये भी मौसम की जानकारी उचित समय पर दी जा सकेगी.
10 करोड़ रुपए की लागत से लगेगा DWR
इस रडार को लगाने में लगभग 10 करोड़ रुपए आएगी. मौसम विभाग के इस बैठक में मौसम विज्ञान केंद्र के महानिदेशक डॉ डी प्रधान, रांची मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक एसडी कोटाल, मौसम पूर्वानुमान पदाधिकारी एससी मंडल के अलावा कई अधिकारी मौजूद रहे.

Intro:रांची
हितेश

अब रांची के मौसम विभाग में लगेंगे डॉप्लर वेदर रडार। इस रडार के लगने के बाद झारखंड में मौसम की गंभीर घटनाएं की बेहतर निगरानी में काफी सहयोग करेगा।

इसको लेकर मौसम विभाग के वैज्ञानिक आर एस शर्मा ने बताया कि डी.डब्लू.आर(DWR) रडार मौसम में थंडर स्टॉर्म, शॉर्ट टर्म वेदर फोरकास्ट की मॉनिटरिंग के लिए सबसे उन्नत उपकरणों में से एक है।
इस रडार के लगने से पूरे झारखंड को यह रडार कवर करेगा और खास करके प्री मॉनसून सीजन, सीवियर थंडर स्टॉर्म, साइक्लोन जैसे डिजास्टर का पूर्वानुमान किया जा सकेगा।


Body:साथ ही उन्होंने बताया कि इस उपकरण के लगने से गंभीर मौसम की सारी जानकारी तो मिलेगी ही साथ ही विमानों के आगमन और प्रस्थान के लिये भी मौसम की जानकारी उचित समय पर दी जाएगी।

डॉप्लर रडार के इंस्टॉल होने से किसी भी डिजास्टर का पूर्वानुमान किया जा सकता है और इस की मॉनिटरिंग भी बहुत सटीक तरीके से की जाएगी इसके अलावा 24 घंटे ऑब्जर्वेशन सुविधा इस रडार के लगने से रांची मौसम केंद्र में हो जाएगी।


Conclusion:डीडब्ल्यूआर रडार इंस्टॉल कराने को लेकर आज मौसम विभाग रांची के कार्यालय में बैठक की गई जिसमें यह तय किया गया कि अगले 1 साल के भीतर इस रडार को रांची में लगा दिया जाएगा।
इसको लगाने में लागत लगभग 10 करोड़ रुपए के आसपास बताई गई।

इस बैठक में मौसम विज्ञान केंद्र(आई एम डी) के महानिदेशक डॉ डी प्रधान रांची मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक एसडी कोटाल, मौसम वैज्ञानिक आर एस शर्मा, मौसम पूर्वानुमान पदाधिकारी एससी मंडल, सहायक मौसम वैज्ञानिक रवि कुमार सहित कई मौसम विभाग के विशेषज्ञ एवं कर्मचारी मौजूद रहे।
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