रांची: भारत पर चीन के कायराना हमले को देखते हुए स्वास्थ्य क्षेत्र से जुड़े लोगों ने भी चाइना के प्रति अपना आक्रोश जाहिर किया है. भारत और चीन के बीच हुई हिंसक झड़प में भारत के 20 जवान शहीद होने के बाद राजधानी में एसोसिएशन ऑफ हेल्थ केयर प्रोवाईडर्स ने आक्रोश व्यक्त किया है. साथ ही चीनी निर्मित चिकित्सा उपकरण और सामान न खरीदने का संकल्प लिया है.
एसोसिएशन ऑफ हेल्थ केयर प्रोवाइडर्स झारखंड इकाई के अध्यक्ष जोगेश गंभीर ने भी निजी अस्पतालों के संचालकों के साथ बैठक कर यह निर्णय लिया कि निजी अस्पताल अपने सप्लायर्स को ऐसे चिकित्सा उपकरण की मांग करे, जो चाइना के बाहर बनते हों.
चिकित्सा उपकरण वेंटिलेटर, मॉनिटर, ईसीजी मशीन, अल्ट्रासाउंड, सीटी स्कैन, एमआरआई, कैथ लैब इत्यादि जैसे सभी मेडिकल उपकरणों को चीन से न मंगाकर अन्य देशों से मंगाए, ताकि चीन को आर्थिक रुप से कमजोर हो सके और देश के डॉक्टर्स भी चीन के साथ इस लड़ाई में साथ दे सकें.
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पिछले दिनों चीन के भारत पर किए गए हमले को लेकर पूरे देश में विरोध किया जा रहा है और चाइनीस सामान और मोबाइल ऐप को बहिष्कार कर शहीद हुए जवानों को सच्ची श्रद्धांजलि दी जा रही है. वहीं इस लड़ाई में अब झारखंड के चिकित्सक भी सामने आए हैं और इसी के मद्देनजर शुक्रवार को झारखंड इकाई के एसोसिएशन ऑफ हेल्थ प्रोवाइडर्स के अध्यक्ष योगेश गंभीर ने एक बैठक कर निजी अस्पतालों से चीनी उपकरणों के बहिष्कार करने की अपील की है.