रांची: रविवार देर शाम राजधानी रांची में सैकड़ों की संख्या में चिकित्सकों ने विरोध प्रदर्शन करते हुए रिम्स अस्पताल से करम टोली चौक स्थित आईएमए भवन तक कैंडल मार्च निकाला. कैंडल मार्च में शामिल चिकित्सकों ने झारखंड में लगातार हो रहे डॉक्टरों पर हमले पर कार्रवाई और मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट लागू करने की मांग की.
इस विरोध प्रदर्शन में डॉक्टर से संबंधित सारे संगठन शामिल रहे. रविवार को निकाले गए कैंडल मार्च में आईएमए, झासा(JSHSA), रिम्स टीचर एसोसिएशन, जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन(JDA), चेंबर ऑफ कॉमर्स और एएचपीआई सहित सभी स्वास्थ्य संगठन की महिला विंग शामिल रहा.
कैंडल मार्च में शामिल डॉक्टरों ने कहा कि जिस प्रकार से पिछले दिनों हजारीबाग, गढ़वा, रांची, लोहरदगा और धनबाद में चिकित्सकों पर हमले हुए हैं. इससे राज्य भर के चिकित्सक भय के वातावरण में काम करने को विवश हैं. डॉक्टरों ने कहा यदि डॉक्टरों को सुरक्षा नहीं दी गई तो ऐसे में राज्य की स्वास्थ्य व्यवस्था कैसे मजबूत हो पाएगी.
कैंडल मार्च में शामिल डॉक्टरों ने कहा कि देश के 23 राज्यों में मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट को लागू कर दिया गया है. ऐसे में झारखंड सरकार को मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट लागू करने में क्या परेशानी है. चिकित्सकों ने कहा कि मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट के लागू होने से सिर्फ चिकित्सकों को ही नहीं बल्कि मरीजों को भी लाभ मिलेगा. वहीं क्लीनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट(CEA) को भी राज्य में लागू किया जाए. जिससे राज्य में स्वास्थ्य व्यवस्था समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुंच सके.
रामगढ़ में भी डॉक्टरों का प्रदर्शनः रामगढ़ में सरकारी और प्राइवेट डॉक्टरों ने सुभाष चौक से थाना चौक तक अपनी लंबित मांगों के लिए कैंडल मार्च किया है. सुभाष चौक से लेकर गांधी चौक तक कैंडल मार्च में आईएमए और झारखंड राज्य स्वास्थ्य सेवा संघ, रामगढ़ इकाई के प्राइवेट एवं सरकारी चिकित्सकगण, हॉस्पिटल बोर्ड ऑफ इंडिया, झारखंड लेबोरेटरी टेक्नीशियन एसोसिएशन के सदस्यगण, अस्पतालों के संचालक एवं स्वास्थ्य कर्मी शामिल हुए.
मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट लागू करना, क्लिनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट में जरूरी सुधार करना, बायोमेट्रिक अटेंडेंस से वेतन का नहीं जोड़ा जाना एवं पिछले दिनों राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में चिकित्सकों के साथ हिंसा एवं अमर्यादित भाषा का प्रयोग में शामिल दोषी व्यक्तियों पर कानून संगत कार्रवाई, ये सारी डॉक्टरों की मांग है. कुछ मांगों पर विभाग एवं सरकार से संघ के प्रतिनिधिमंडल के साथ वार्ता के बाद सहमति बन रही है.