ETV Bharat / state

Ranchi News: आदिवासी समाज से जुड़े डॉक्टरों का जुटान, मेडिकल क्षेत्र में बढ़ रहे हैं आगे, रच सकते कई कीर्तिमान - रांची न्यूज

रविवार को रांची में आदिवासी समाज से जुड़े डॉक्टर एकजुट हुए. एकजुट होने के बाद आदिवासियों से जुड़ी समस्याओं और आने वाली परेशानियों को लेकर सभी डॉक्टरों ने वार्ता की. कार्यक्रम में यह संदेश दिया गया कि सुदूर एवं ग्रामीण क्षेत्रों में रह रहे आदिवासियों को स्वास्थ्य लाभ पहुंचाना उनकी पहली प्राथमिकता होगी.

Doctors associated with tribal society engaged in Ranchi
Doctors associated with tribal society engaged in Ranchi
author img

By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Sep 4, 2023, 9:55 AM IST

Updated : Sep 4, 2023, 10:17 AM IST

देखें वीडियो

रांची: राजधानी में रविवार को झारखंड और विभिन्न राज्यों के आदिवासी समाज से जुड़े डॉक्टर एकजुट हुए. संथाल परगना, कोल्हान क्षेत्र, दक्षिणी छोटानागपुर सहित विभिन्न प्रमंडल, जिलों और अन्य राज्यों से आदिवासी समाज के डॉक्टरों ने एकजुट होकर चिकित्सा के क्षेत्र में आ रहे बदलाव को लेकर चर्चा की. संथाल डॉक्टर एसोसिएशन (एसडीए) के तत्वाधान में सभी डॉक्टर एकजुट हुए और आदिवासी समाज के चिकित्सकों की समस्या और आने वाली दिक्कतों के बारे में एक दूसरे से रूबरू हुए.

ये भी पढ़ेंः सिर्फ 22 डॉक्टरों के सहारे झारखंड का पाकुड़ जिला, लाखों रुपए वेतन देने पर भी नहीं आना चाहता कोई चिकित्सक

संथाल डॉक्टर एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉक्टर जगरनाथ हेमब्रम ने बताया कि 6 वर्ष पूर्व इस संथाल डॉक्टर्स एसोसिएशन का गठन किया गया था. इसका मुख्य उद्देश्य था आदिवासी समाज के हुनरमंद चिकित्सकों को समाज के सामने लाना, ताकि स्वास्थ्य क्षेत्र में बेहतर काम कर रहे आदिवासी समाज के योगदान को देश के हर प्लेटफॉर्म पर बताया जा सके.

संथाल डॉक्टर एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉक्टर हेंब्रम ने बताया कि झारखंड सहित विभिन्न राज्यों में आदिवासी समाज आज भी पिछडे़ हैं और शिक्षा से वह कोसों दूर हैं. इसी उद्देश्य के साथ देश के आदिवासी समाज को शिक्षा से जोड़ने और विभिन्न क्षेत्रों में बेहतर करने वाले आदिवासी युवाओं की मदद करने के उद्देश्य से संथाल डॉक्टर एसोसिएशन काम कर रहा है.

डॉक्टर हेंब्रम ने बताया कि आदिवासी समाज एक ऐसा समाज है जो जंगलों और पहाड़ों के बीच रहता है. उनकी भाषा और संस्कृति अलग होती है. ऐसे में कई बार सुदूर एवं ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले आदिवासियों के स्वास्थ्य की समुचित जांच नहीं हो पाती है, क्योंकि आम समाज के डॉक्टर या मेडिकल स्टाफ जनजाति व आदिवासी लोगों की भाषा तक नहीं समझ पाते. ऐसे में संथाल डॉक्टर्स एसोसिएशन सुदूर क्षेत्रों में जाकर आदिवासियों की भाषाओं को समझते हुए उनका समुचित इलाज करते हैं और आने वाले दिनों में आदिवासियों के विकास के लिए विभिन्न कार्य कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में मेडिकल के क्षेत्र में आदिवासी समाज के चिकित्सक कई नई कीर्तिमान रचेंगे.

संथाल डॉक्टर्स एसोसिएशन के महासचिव श्याम सोरेन ने बताया कि इस तरह के कार्यक्रम के माध्यम से आदिवासी समाज के डॉक्टर्स और मेडिकल से जुड़े लोगों की आर्थिक एवं सामाजिक मदद की जाएगी. जिससे सुदूर एवं ग्रामीण क्षेत्रों में रह रहे आदिवासियों को स्वास्थ्य लाभ मिल सके. कार्यक्रम में आए धनबाद मेडिकल कॉलेज के वृष चिकित्सक लाल बाबू टुडू ने कहा कि आज भी कई ऐसे क्षेत्र हैं जहां पर आदिवासी विकास से कोसों दूर हैं. इसीलिए आदिवासी समाज शिक्षा, स्वास्थ्य सहित विभिन्न सुविधाओं से महरुम रहते हैं. उन्होंने कहा कि जरूरत है कि झारखंड के सुदूर एवं ग्रामीण क्षेत्रों में आदिवासी समाज से जुड़े लोगों के विकास के लिए राज्य एवं केंद्र की सरकार ध्यान दे ताकि आदिवासी समाज से भी देश में बड़े-बड़े चिकित्सक उभर कर सामने आ सके.

देखें वीडियो

रांची: राजधानी में रविवार को झारखंड और विभिन्न राज्यों के आदिवासी समाज से जुड़े डॉक्टर एकजुट हुए. संथाल परगना, कोल्हान क्षेत्र, दक्षिणी छोटानागपुर सहित विभिन्न प्रमंडल, जिलों और अन्य राज्यों से आदिवासी समाज के डॉक्टरों ने एकजुट होकर चिकित्सा के क्षेत्र में आ रहे बदलाव को लेकर चर्चा की. संथाल डॉक्टर एसोसिएशन (एसडीए) के तत्वाधान में सभी डॉक्टर एकजुट हुए और आदिवासी समाज के चिकित्सकों की समस्या और आने वाली दिक्कतों के बारे में एक दूसरे से रूबरू हुए.

ये भी पढ़ेंः सिर्फ 22 डॉक्टरों के सहारे झारखंड का पाकुड़ जिला, लाखों रुपए वेतन देने पर भी नहीं आना चाहता कोई चिकित्सक

संथाल डॉक्टर एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉक्टर जगरनाथ हेमब्रम ने बताया कि 6 वर्ष पूर्व इस संथाल डॉक्टर्स एसोसिएशन का गठन किया गया था. इसका मुख्य उद्देश्य था आदिवासी समाज के हुनरमंद चिकित्सकों को समाज के सामने लाना, ताकि स्वास्थ्य क्षेत्र में बेहतर काम कर रहे आदिवासी समाज के योगदान को देश के हर प्लेटफॉर्म पर बताया जा सके.

संथाल डॉक्टर एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉक्टर हेंब्रम ने बताया कि झारखंड सहित विभिन्न राज्यों में आदिवासी समाज आज भी पिछडे़ हैं और शिक्षा से वह कोसों दूर हैं. इसी उद्देश्य के साथ देश के आदिवासी समाज को शिक्षा से जोड़ने और विभिन्न क्षेत्रों में बेहतर करने वाले आदिवासी युवाओं की मदद करने के उद्देश्य से संथाल डॉक्टर एसोसिएशन काम कर रहा है.

डॉक्टर हेंब्रम ने बताया कि आदिवासी समाज एक ऐसा समाज है जो जंगलों और पहाड़ों के बीच रहता है. उनकी भाषा और संस्कृति अलग होती है. ऐसे में कई बार सुदूर एवं ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले आदिवासियों के स्वास्थ्य की समुचित जांच नहीं हो पाती है, क्योंकि आम समाज के डॉक्टर या मेडिकल स्टाफ जनजाति व आदिवासी लोगों की भाषा तक नहीं समझ पाते. ऐसे में संथाल डॉक्टर्स एसोसिएशन सुदूर क्षेत्रों में जाकर आदिवासियों की भाषाओं को समझते हुए उनका समुचित इलाज करते हैं और आने वाले दिनों में आदिवासियों के विकास के लिए विभिन्न कार्य कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में मेडिकल के क्षेत्र में आदिवासी समाज के चिकित्सक कई नई कीर्तिमान रचेंगे.

संथाल डॉक्टर्स एसोसिएशन के महासचिव श्याम सोरेन ने बताया कि इस तरह के कार्यक्रम के माध्यम से आदिवासी समाज के डॉक्टर्स और मेडिकल से जुड़े लोगों की आर्थिक एवं सामाजिक मदद की जाएगी. जिससे सुदूर एवं ग्रामीण क्षेत्रों में रह रहे आदिवासियों को स्वास्थ्य लाभ मिल सके. कार्यक्रम में आए धनबाद मेडिकल कॉलेज के वृष चिकित्सक लाल बाबू टुडू ने कहा कि आज भी कई ऐसे क्षेत्र हैं जहां पर आदिवासी विकास से कोसों दूर हैं. इसीलिए आदिवासी समाज शिक्षा, स्वास्थ्य सहित विभिन्न सुविधाओं से महरुम रहते हैं. उन्होंने कहा कि जरूरत है कि झारखंड के सुदूर एवं ग्रामीण क्षेत्रों में आदिवासी समाज से जुड़े लोगों के विकास के लिए राज्य एवं केंद्र की सरकार ध्यान दे ताकि आदिवासी समाज से भी देश में बड़े-बड़े चिकित्सक उभर कर सामने आ सके.

Last Updated : Sep 4, 2023, 10:17 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.