रांची: झारखंड के सबसे बड़े सरकारी हॉस्पिटल रिम्स के डॉक्टर्स अस्पताल में नई बहाली को लेकर प्रबंधन से नाराज हैं. रिम्स के वरीय डॉक्टरों का कहना है कि एक साजिश के तहत बाहर से डॉक्टरों को लाने के लिए कवायद की जा रही है जो ठीक नहीं है. ऐसे में रिम्स के एसोसिएट प्रोफेसर के पद पर वर्षों तक सेवा देने के बाद डॉक्टर्स ने प्रबंधन पर सवाल किया और कहा कि निदेशक बताएं कि उनका वास्तविक पद क्या है.
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क्या है पूरा मामला: दरअसल, पूरा मामला रिम्स में प्रोफेसर्स की बहाली को लेकर है. रिम्स में पहले से कार्यरत डॉक्टर्स नई बहाली किए जाने से नाराज हैं. क्योंकि रिम्स प्रबंधन उन पदों की बहाली कर रही है जिन पर पहले से वरिष्ठ डॉक्टर्स कार्यरत हैं. नई बहाली पर वरिष्ठ डॉक्टरों का कहना है कि रिम्स में प्रोफेसर और एसोसिएट प्रोफेसर पर रिक्ति नहीं होते हुए भी वेकैंसी निकाली गई है जो गलत है. इस पर प्रबंधन का कहना है कि जिस डॉक्टर्स ने जिस पद पर सेवा के लिए ज्वॉइन किया था उनका पद हमेशा वही रहेगा. ऐसे में वे डॉक्टर्स जिन्होंने बतौर असिस्टेंट प्रोफेसर ज्वाइन किया था और 5 से 7 सालों से ज्यादा समय से बतौर प्रोफेसर और एसोसिएट प्रोफेसर पद पर सेवा दे रहे हैं, वे अपने पद को लेकर चिंतित होने के साथ-साथ प्रबंधन से नाराज हैं.
डॉक्टरों के सवाल गंभीर: रिम्स ट्राइबल मेडिकल एसोसिएशन के डॉ. निशीथ एक्का और रिम्स मेडिसीन विभाग के एचओडी डॉ. विद्यापति ने कहा कि जब मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया, वर्तमान में राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (National Medical Commission NMC) की टीम जांच के लिए आती है तब रिम्स के डीन के हवाले से लिखित में उन्हें प्रोफेसर और एसोसिएट प्रोफेसर बताकर रिम्स में एमबीबीएस और पीजी की सीटें बढ़ाई जाती है. अब कहा जा रहा है कि उनका पद वहीं होगा जिस पर उनकी बहाली हुई थी. ऐसे में अब वह अपने वास्तविक पद की जानकारी लेंगे ताकि आनेवाले दिनों में जब NMC की टीम रिम्स आएगी तो वह अपना वास्तविक पद बता सकें.
क्या कहते हैं रिम्स के जनसंपर्क अधिकारी: रिम्स के जनसंपर्क अधिकारी डॉ. डीके सिन्हा ने कहा कि हाल के दिनों में रिम्स में 34 प्रोफेसर, 47 एसोसिएट प्रोफेसर और 13 असिस्टेंट प्रोफेसर की वेकैंसी निकलने के बाद डॉक्टरों खासकर वरिष्ठ डॉक्टरों में असमंजस की स्थिति पैदा हुई है. ऐसे में प्रबंधन से बातचीत कर इस समस्या का हल ढूंढा जाएगा. डॉ. डीके सिन्हा ने कहा कि वरिष्ठ डॉक्टरों को लगता है कि रिम्स में एम्स के तर्ज पर एपीएस यानी असेसमेंट प्रमोशन स्कीम को नजरअंदाज कर प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर की बहाली निकाली गई है.