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IMA के आह्वान पर मिक्सोपेथी के खिलाफ रांची के चिकित्सकों की भूख हड़ताल - रांची में चिकित्सकों की हंगर स्ट्राइक

राष्ट्रीय आईएमए के आह्वान पर मिक्सोपेथी के खिलाफ रांची के चिकित्सकों भूख हड़ताल ने भी किया. जहां भूख हड़ताल पर बैठे चिकित्सकों ने कहा अगर देश में डॉक्टरों की संख्या कम है तो उसे बढ़ाने पर विचार किया जाना चाहिए.

doctor sitting on hunger strike in ranchi
हंगर स्ट्राइक पर बैठे चिकित्सक
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Published : Feb 8, 2021, 12:16 PM IST

रांची: राष्ट्रीय आईएमए के आह्वान पर झारखंड इकाई के आइएमए ने भी एक दिवसीय भूख हड़ताल आयोजन किया. भूख हड़ताल के माध्यम से चिकित्सकों ने यह मांग किया कि मिक्सोपेथी संबंधित कानून को वापस लिया जाए.

हंगर स्ट्राइक पर बैठे चिकित्सक
हंगर स्ट्राइक पर बैठे चिकित्सकों का कहना है सभी पद्धति का अपना-अपना महत्व होता है. बीमारियों के हिसाब से सभी पद्धति के चिकित्सकों का महत्व और भी बढ़ जाता है. लेकिन सरकार सभी पद्धति को आपस में मिलाकर खिचड़ी बनाने में लगी है, जिससे किसी भी पद्धति की अपनी पहचान नहीं रह पाएगी. इससे समाज में मरीजों को भी नुकसान होगा.

इसे भी पढ़ें-दो नाबालिग सहेलियों ने आपस में रचाई शादी, बालिग होने तक अलग रहने पर हुईं राजी

डॉक्टरों की संख्या कम
हंगर स्ट्राइक पर बैठे चिकित्सकों का कहना है कि अगर देश में डॉक्टरों की संख्या कम है तो उसे बढ़ाने पर विचार किया जाना चाहिए. साथ ही मेडिकल कॉलेज बढ़ाने पर विचार करना चाहिए. विरोध प्रदर्शन कर रहे डॉक्टरों ने कहा कि मिक्सोपैथी जैसे पद्धति से चिकित्सकीय इलाज का स्तर घटेगा. साथ ही साथ मरीजों को भी परेशानी बढ़ेगी, इसलिए भूख हड़ताल के माध्यम से डॉक्टरों ने सरकार से यह अपील किया की चिकित्सा व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए मिक्सोपैथी जैसी पद्धति को कभी भी लागू नहीं किया जाए.

रांची: राष्ट्रीय आईएमए के आह्वान पर झारखंड इकाई के आइएमए ने भी एक दिवसीय भूख हड़ताल आयोजन किया. भूख हड़ताल के माध्यम से चिकित्सकों ने यह मांग किया कि मिक्सोपेथी संबंधित कानून को वापस लिया जाए.

हंगर स्ट्राइक पर बैठे चिकित्सक
हंगर स्ट्राइक पर बैठे चिकित्सकों का कहना है सभी पद्धति का अपना-अपना महत्व होता है. बीमारियों के हिसाब से सभी पद्धति के चिकित्सकों का महत्व और भी बढ़ जाता है. लेकिन सरकार सभी पद्धति को आपस में मिलाकर खिचड़ी बनाने में लगी है, जिससे किसी भी पद्धति की अपनी पहचान नहीं रह पाएगी. इससे समाज में मरीजों को भी नुकसान होगा.

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डॉक्टरों की संख्या कम
हंगर स्ट्राइक पर बैठे चिकित्सकों का कहना है कि अगर देश में डॉक्टरों की संख्या कम है तो उसे बढ़ाने पर विचार किया जाना चाहिए. साथ ही मेडिकल कॉलेज बढ़ाने पर विचार करना चाहिए. विरोध प्रदर्शन कर रहे डॉक्टरों ने कहा कि मिक्सोपैथी जैसे पद्धति से चिकित्सकीय इलाज का स्तर घटेगा. साथ ही साथ मरीजों को भी परेशानी बढ़ेगी, इसलिए भूख हड़ताल के माध्यम से डॉक्टरों ने सरकार से यह अपील किया की चिकित्सा व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए मिक्सोपैथी जैसी पद्धति को कभी भी लागू नहीं किया जाए.

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