रांचीः राजधानी रांची में कोरोना संक्रमण तेजी से फैल रहा है. संक्रमण के कारण कई लोगों ने अपनी जान गवां चुके हैं. संक्रमित मरीजों को सबसे अधिक ऑक्सीजन की जरूरत पड़ रही है. इसको लेकर रांची नगर निगम ने एक हजार ऑक्सीजन सिलिंडर खरीदने का निर्णय लिया था. आरोप है कि, नगर आयुक्त की अनदेखी के कारण ये सिलिंडर नहीं खरीदा जा सका. बुधवार को मेयर आशा लकड़ा ने कहा कि निगम के नगर आयुक्त मुकेश कुमार एक हजार ऑक्सीजन सिलेंडर की खरीदारी से संबंधित आर्डर देने में आनाकानी कर रहे हैं. इसको लेकर कोर्ट जाने की बात कही है.
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मेयर ने कहा कि नगर आयुक्त जान बूझकर ऑक्सीजन सिलेंडर की खरीदारी की प्रक्रिया में अवरोध उत्पन्न कर रहे हैं. सिलिंडर खरीदने को लेकर अब तक तीन बार पत्र लिखा, जिसमें नगर आयुक्त को ऑक्सीजन सिलेंडर खरीदने का निर्देश दिया, लेकिन नगर आयुक्त ने कोई जवाब नहीं दिया. उन्होंने कहा कि पलामू उपयुक्त की ओर से टेंडर प्रक्रिया पूरी कर अप्रैल माह में ही ऑक्सीजन सिलेंडर खरीदने का आदेश दिया गया थी, जिसकी आधार पर मेदिनीनगर नगर निगम ने भी ऑक्सीजन सिलिंडर की खरीदारी की है और रांची अभी पिछड़ा है.
स्थाई समिति की विशेष बैठक में लिया गया निर्णय
मेयर ने कहा कि गंभीर मरीजों की जीवन रक्षा के लिए रांची नगर निगम को योग्य और जिम्मेदार अधिकारियों की जरूरत है. वर्तमान समय में सभी पार्षद अपने-अपने वार्ड से संबंधित समस्याओं के निदान के लिए पत्र दे रहे हैं, लेकिन नगर आयुक्त को वार्ड से संबंधित समस्याओं के समाधान को लेकर कोई चिंता नहीं है. उन्होंने कहा कि रांची नगर निगम के पास फंड की कमी है. स्थाई समिति की विशेष बैठक में एक हजार ऑक्सीजन सिलिंडर, दो एंबुलेंस, एक शव वाहन और दवाई की खरीद से संबंधित प्रस्ताव को मंजूरी दी थी. इस मामले में नगर आयुक्त को स्वतः निर्णय लेना है. इसमें विभाग से परामर्श या अतिरिक्त फंड की मांग करने की जरूरत नहीं है.
आमलोगों के जीवन के साथ नगर आयुक्त कर रहे खिलवाड़
मेयर आशा लकड़ा ने कहा कि नगर आयुक्त विपदा की इस घड़ी में ऑक्सीजन सिलिंडर की खरीद नहीं कर आमलोगों के जीवन के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं. केंद्र या राज्य सरकार आम लोगों की सुविधा के लिए नगर निगम को फंड उपलब्ध कराती है, लेकिन नगर आयुक्त आमलोगों की आवश्यकता को देखते हुए उचित निर्णय लेने में जानबूझ कर टालमटोल कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि नगर आयुक्त के इस रवैये को देखते हुए शीघ्र न्यायालय की शरण मे जाएंगे.