रांची: सुपर साइक्लोन अम्फान के कारण पश्चिम बंगाल में भारी तबाही मची है. यह तूफानी चक्रवात दोपहर में ओडिशा के बालासोर समुद्र तट पर पहुंचा तेज हवा और मूसलाधार बारिश के कारण तटीय इलाके में बड़ी तबाही मची है. जिसका आंशिक असर झारखंड में भी देखने को मिला है. इस सुपर साइक्लोन से खेतों में लगे फसलों पर कितना असर पड़ेगा इसको लेकर बिरसा कृषि विश्वविद्यालय के कृषि मौसम वैज्ञानिक डॉ. ए. वदूद ने जानकारी दी.
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उन्होंने कहा कि खरीफ फसल की बुआई को लेकर किसान अपने को तैयार करना शुरू कर दें. क्योंकि मानसून केरला में 1 जून तक दस्तक देगा और झारखंड में 18 से 20 जून तक प्रवेश कर जाएगा. इसको लेकर किसान भाई अपने खेतों को धान की बुआई के लेकर पूरी तरह से तैयार करने में जुट जाएं. धान की सीधी बुआई करने का जो समय होता है, 30 जून तक पूरा कर लें.
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कृषि मौसम वैज्ञानिक डा.ए. वदूद ने कहा कि निचली जमीन को छोड़कर किसान भाई टांड़ की जमीन पर धान के अलावे मक्का, दलहन, तिलहनी फसलों की भी रोपाई कर सकते हैं. क्योंकि धान की खेती में अत्यधिक पानी की आवश्यकता होती है. ऐसे में निचली जमीनों पर धान की खेती की पैदावार अच्छी होती है. बाकी मध्यम और टांड़ वाली जमीन पर धान की पैदावार थोड़ी कम होती है. ऐसे में किसान उन जमीनों पर मक्का और दलहनी तिलहनी फसलों की भी बुआई कर सकते हैं.