रांचीः लोकसभा के अधीनस्थ पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय की विधान संबंधी संसदीय समिति की बैठक गुरुवार को नई दिल्ली में संपन्न हुई. जिसमें रांची सांसद संजय सेठ शामिल हुए. इस बैठक में मुख्य रूप से पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय की कार्यपद्धति और गतिविधियों पर विस्तृत चर्चा हुई.
इसके साथ ही यह बताया गया कि पृथ्वी प्रणाली विज्ञान, पृथ्वी के सभी पांच घटकों वायुमंडल, जलमंडल, हिमांग मंडल, स्थल मंडल और जैव मंडल तथा उनकी जटिल अंतर क्रियाओं से संबंधित है. पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय मौसम, जलवायु, समुद्रतटीय दशा, जल विज्ञान और भूकंप विज्ञान संबंधी सेवाएं प्रदान करने के लिए पृथ्वी प्रणाली विज्ञान से संबंधित सभी पहलुओं को समग्र रूप से संबोधित करता है. इन सेवाओं में चक्रवात, तूफानी लहरों, बाढ़, लू, आकाशीय बिजली जैसी विभिन्न प्राकृतिक आपदाओं के लिए पूर्वानुमान और चेतावनी या सुनामी और भूकंप की निगरानी के लिए सतर्कता शामिल है.
आपदा से बचाव के लिए झारखंड के पहाड़ी क्षेत्र का हो अध्ययन- संजय सेठः पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय की संसदीय समिति की बैठक में झारखंड पर चर्चा हुई. सांसद संजय सेठ ने सुझाव देते हुए कहा कि पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय कृषि क्षेत्र से जुड़े लोगों के लिए कैसे उपयोगी हो, इस पर हम सब को गंभीरतापूर्वक विचार करना चाहिए. हम अधिक से अधिक आमजनों के लिए काम करें, इस दिशा में हमारा फोकस होना चाहिए.
रांची सांसद संजय सेठ ने कहा कि झारखंड में आकाशीय बिजली जैसी बड़ी प्राकृतिक आपदा हमेशा आती रहती है. इसका पूर्वानुमान हो और कैसे इससे बचा जाए, इन दोनों ही विषयों पर गंभीरतापूर्वक काम करने की आवश्यकता है ताकि झारखंड जैसे पहाड़ी क्षेत्रों में होने वाले जानमाल के नुकसान से बचा जा सके. उन्होंने कहा कि देश में भूकंप आने की घटनाओं में वृद्धि हुई है, इसके मुख्य कारण क्या हैं और आमजनों के बीच जागरुकता लाने तथा कैसे इससे बचा जा सकता है, इस विषय पर भी गहन अध्ययन करना चाहिए. इसके अलावा सांसद ने उड्डयन सहित कई अन्य विषयों पर अपने महत्वपूर्ण सुझाव दिए. सांसद संजय सेठ ने बताया कि यह बैठक बहुउद्देशीय सोच के साथ आयोजित हुई है और इसके सकारात्मक परिणाम हमें आमजनों के बीच देखने को मिलेंगे.