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अस्पतालों में निर्बाध बिजली आपूर्ति हो, इसकी वैकल्पिक व्यवस्था करेंः बन्ना गुप्ता - चांडिल डैम के जलस्तर पर नजर

चक्रवात यास से झारखंड का बड़ा हिस्सा प्रभावित हुआ है. चक्रवात से उत्पन्न होने वाली अप्रिय स्थिति से निपटने के लिए झारखंड के आपदा प्रबंधन मंत्री बन्ना गुप्ता ने अलग-अलग विभागों के अधिकारियों को जरूरी निर्देश दिए हैं. इसके तहत अस्पतालों में निर्बाध बिजली आपूर्ति के लिए वैकल्पिक व्यवस्था बनाने के भी निर्देश दिए हैं.

Disaster Management Minister said Power supply in hospitals should not disrupt due to cyclone Yaas
अस्पतालों में निर्बाध बिजली आपूर्ति हो, इसकी वैकल्पिक व्यवस्था करें
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Published : May 25, 2021, 8:30 PM IST

रांचीः चक्रवात यास से झारखंड राज्य का बड़ा हिस्सा प्रभावित हुआ है. इसको लेकर रामगढ़, दुमका, रांची, गोड्डा और धनबाद के साथ कई तटवर्ती जिलों में बारिश हो रही है. हालांकि चक्रवात से प्रदेश में जानमाल के नुकसान की कोई खबर नहीं मिली है. हालांकि किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटने के लिए प्रशासन अलर्ट है. चक्रवात से उत्पन्न होने वाली किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटने के लिए कदम उठाए गए हैं. झारखंड के आपदा प्रबंधन मंत्री बन्ना गुप्ता ने भी इस संबंध में कई निर्देश अलग-अलग विभागों के अधिकारियों को दिए हैं.

ये भी पढ़ें-यास का असर: झारखंड के कई जिलों में तेज हवा के साथ बारिश, 72 घंटों के लिए अलर्ट जारी

झारखंड के आपदा प्रबंधन मंत्री ने दिए ये निर्देश

  • साइक्लोन यास के चलते विद्युत आपूर्ति बाधित होने की प्रबल संभावना है, इसलिए सभी अस्पतालों में विद्युत आपूर्ति की वैकल्पिक व्यवस्था की जाए.
  • विद्युत विभाग बिजली आपूर्ति बाधित होने की स्थिति में उसे जल्द से जल्द बहाल करने की तैयारी रखे.
  • बिजली आपूर्ति बाधित होने की स्थिति में पेयजलापूर्ति भी बाधित होने की आशंका है, ऐसे में पेयजलापूर्ति विभाग इसे ससमय बहाल करने की तैयारी रखे.
  • साइक्लोन के चलते दूरसंचार सेवा पर प्रभाव पड़ने की स्थिति में दूरसंचार की वैकल्पिक व्यवस्था जैसे सेटेलाइट फोन, वायरलेस कम्युनिकेशन के साधन तैयार रखे जाएं और दूरसंचार सेवा को जल्द से जल्द बहाल किया जाए.
  • तेज हवा और अति वृष्टि एवं तटवर्ती इलाकों में बाढ़ के फलस्वरूप लोगों के घर ध्वस्त होने की स्थिति में प्रभावित क्षेत्र में शेल्टर कैंप बनाकर पीड़ित परिवार को वहां रखा जाए.
  • चक्रवात के चलते किसी का घर टूटता है तो उसके लिए तत्काल प्लास्टिक सीट उपलब्ध कराई जाए और NDRF के नॉर्म के तहत सहायता पहुंचाई जाए.
  • सड़कों पर पेड़ों के गिर जाने के फलस्वरूप आवागमन बाधित होने की स्थिति में आवागमन तत्काल बहाल करने के लिए तैयारी की जाए.
  • जिन जिलों में ऑक्सीजन प्रोडक्शन और रीफिलिंग इकाइयां स्थापित हैं, वहां सुनिश्चित किया जाए कि अन्य जिलों और राज्यों को ऑक्सीजन की निर्बाध आपूर्ति हो.
  • साइक्लोन के फलस्वरूप आवश्यक वस्तुओं की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित करने की कार्रवाई की जाए.
  • स्वर्णरेखा, खरकई और चांडिल डैम के जलस्तर पर नजर रखी जाए.
  • बचाव टीम को अलर्ट मोड पर रखें, साथ ही पानी के लेवल की जानकारी अपडेट करते रहें. आवश्यकतानुसार पानी रिलीज करने के पूर्व आपसी सहमति जरूर बना लें ताकि किसी भी प्रकार की जानमाल की क्षति न हो.
  • वन विभाग और NH की टीम आपसी तालमेल स्थापित करते हुए अलर्ट मोड पर रहे, जिससे पेड़ के टूटकर गिरने या अन्य किसी प्रकार के हादसे होने पर त्वरित राहत पहुंचाई जा सके.
  • सभी सदर अस्पताल, CHC, PHC में विद्युत आपूर्ति, आवयश्क दवाओं की उपलब्धता और स्वास्थ्यकर्मियों की ड्यूटी सुनिश्चित करें.
  • आरक्षी अधीक्षक कार्यालय, उपायुक्त कार्यालय और जेल समेत अन्य जरूरी सरकारी संस्थाओं में विद्युत आपूर्ति बाधित न हो, ये सुनिश्चित करें.
  • सभी विद्युत स्टेशन एवं सब स्टेशन में टीम को अलर्ट मोड पर रखें ताकि जरूरत पड़ने पर तत्काल राहत उपलब्ध कराई जा सके.
  • सुरक्षा टीम और आवश्यक अधिकारियों के वाहन की उपलब्धता और सुरक्षा सुनिश्चित करें.

रांचीः चक्रवात यास से झारखंड राज्य का बड़ा हिस्सा प्रभावित हुआ है. इसको लेकर रामगढ़, दुमका, रांची, गोड्डा और धनबाद के साथ कई तटवर्ती जिलों में बारिश हो रही है. हालांकि चक्रवात से प्रदेश में जानमाल के नुकसान की कोई खबर नहीं मिली है. हालांकि किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटने के लिए प्रशासन अलर्ट है. चक्रवात से उत्पन्न होने वाली किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटने के लिए कदम उठाए गए हैं. झारखंड के आपदा प्रबंधन मंत्री बन्ना गुप्ता ने भी इस संबंध में कई निर्देश अलग-अलग विभागों के अधिकारियों को दिए हैं.

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झारखंड के आपदा प्रबंधन मंत्री ने दिए ये निर्देश

  • साइक्लोन यास के चलते विद्युत आपूर्ति बाधित होने की प्रबल संभावना है, इसलिए सभी अस्पतालों में विद्युत आपूर्ति की वैकल्पिक व्यवस्था की जाए.
  • विद्युत विभाग बिजली आपूर्ति बाधित होने की स्थिति में उसे जल्द से जल्द बहाल करने की तैयारी रखे.
  • बिजली आपूर्ति बाधित होने की स्थिति में पेयजलापूर्ति भी बाधित होने की आशंका है, ऐसे में पेयजलापूर्ति विभाग इसे ससमय बहाल करने की तैयारी रखे.
  • साइक्लोन के चलते दूरसंचार सेवा पर प्रभाव पड़ने की स्थिति में दूरसंचार की वैकल्पिक व्यवस्था जैसे सेटेलाइट फोन, वायरलेस कम्युनिकेशन के साधन तैयार रखे जाएं और दूरसंचार सेवा को जल्द से जल्द बहाल किया जाए.
  • तेज हवा और अति वृष्टि एवं तटवर्ती इलाकों में बाढ़ के फलस्वरूप लोगों के घर ध्वस्त होने की स्थिति में प्रभावित क्षेत्र में शेल्टर कैंप बनाकर पीड़ित परिवार को वहां रखा जाए.
  • चक्रवात के चलते किसी का घर टूटता है तो उसके लिए तत्काल प्लास्टिक सीट उपलब्ध कराई जाए और NDRF के नॉर्म के तहत सहायता पहुंचाई जाए.
  • सड़कों पर पेड़ों के गिर जाने के फलस्वरूप आवागमन बाधित होने की स्थिति में आवागमन तत्काल बहाल करने के लिए तैयारी की जाए.
  • जिन जिलों में ऑक्सीजन प्रोडक्शन और रीफिलिंग इकाइयां स्थापित हैं, वहां सुनिश्चित किया जाए कि अन्य जिलों और राज्यों को ऑक्सीजन की निर्बाध आपूर्ति हो.
  • साइक्लोन के फलस्वरूप आवश्यक वस्तुओं की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित करने की कार्रवाई की जाए.
  • स्वर्णरेखा, खरकई और चांडिल डैम के जलस्तर पर नजर रखी जाए.
  • बचाव टीम को अलर्ट मोड पर रखें, साथ ही पानी के लेवल की जानकारी अपडेट करते रहें. आवश्यकतानुसार पानी रिलीज करने के पूर्व आपसी सहमति जरूर बना लें ताकि किसी भी प्रकार की जानमाल की क्षति न हो.
  • वन विभाग और NH की टीम आपसी तालमेल स्थापित करते हुए अलर्ट मोड पर रहे, जिससे पेड़ के टूटकर गिरने या अन्य किसी प्रकार के हादसे होने पर त्वरित राहत पहुंचाई जा सके.
  • सभी सदर अस्पताल, CHC, PHC में विद्युत आपूर्ति, आवयश्क दवाओं की उपलब्धता और स्वास्थ्यकर्मियों की ड्यूटी सुनिश्चित करें.
  • आरक्षी अधीक्षक कार्यालय, उपायुक्त कार्यालय और जेल समेत अन्य जरूरी सरकारी संस्थाओं में विद्युत आपूर्ति बाधित न हो, ये सुनिश्चित करें.
  • सभी विद्युत स्टेशन एवं सब स्टेशन में टीम को अलर्ट मोड पर रखें ताकि जरूरत पड़ने पर तत्काल राहत उपलब्ध कराई जा सके.
  • सुरक्षा टीम और आवश्यक अधिकारियों के वाहन की उपलब्धता और सुरक्षा सुनिश्चित करें.
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