रांचीः झारखंड की राज्य सभा की दो सीटों के लिए जून में चुनाव होगा. खास बात यह है कि ये दोनों सीट भाजपा के सांसदों महेश पोद्दार और मुख्तार अब्बास नकवी का कार्यकाल पूरा होने से रिक्त हो रही है. राज्य में दलों के विधायकों की अंकगणित ऐसी है कि एक सीट महागठबंधन के पाले में जाना तय है लेकिन दूसरी सीट के लिए भाजपा के पास पर्याप्त विधायक भले न हो लेकिन उसके पास इतने विधायक जरूर हैं कि वह दूसरी सीट जीतने के बेहद करीब है. ऐसे में सत्ताधारी गठबंधन से राज्यसभा की कंफर्म जीत वाली पहली प्राथमिकता का उम्मीदवार किस दल से हो, इसके लिए झामुमो और कांग्रेस के बीच बयानों का दौर शुरू हो गया है.
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हेमंत सरकार में वित्त मंत्री और कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष रामेश्वर उरांव ने साफ किया है कि विधानसभा चुनाव के लिए जब झामुमो कांग्रेस और राजद के नेता बैठे थे तो उस वक्त राज्यसभा को लेकर कोई बात नहीं हुई थी. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रामेश्वर उरांव ने कहा कि राज्य सभा को लेकर कांग्रेस के रूख का फैसला पार्टी आलाकमान करेगा पर यह बिल्कुल सच है कि उस वक्त भविष्य में होने वाले राज्यसभा चुनाव को लेकर कोई बात नहीं हुई थी.
कांग्रेस कोटे से हेमंत सरकार में मंत्री रामेश्वर उरांव ने कहा कि वैसे व्यक्ति को राज्य सभा जाना चाहिए जो परिपक्व हो, उसका विजन वृहद हो. रामेश्वर उरांव ने कहा कि वैसे तो कोई संवैधनिक बाध्यता नहीं है और देश के किसी हिस्से का रहने वाला व्यक्ति राज्य सभा में झारखंड से उम्मीदवार हो सकता है परंतु वह झारखंड से हो तो सबसे बेहतर होगा.
झामुमो नेता के बयान से आई थी राजनीतिक गर्माहटः झामुमो के वरिष्ठ नेता और सोरेन परिवार के बेहद करीबी सुप्रियो भट्टाचार्य ने दो दिन पहले यह कहा था कि विधानसभा चुनाव 2019 के पूर्व जब महागठबंधन अपना स्वरूप ले रहा था, तभी तय हो गया था कि राज्य सभा की 3 टर्म में पहली प्राथमिकता वाली सीट पर झामुमो का उम्मीदवार होगा और दूसरी सीट पर हम अन्य सहयोगी दल के उम्मीदवार को जीत दिलाने की कोशिश करेंगे.
वर्ष 2020 में दिशोम गुरु शिबू सोरेन राज्य सभा चुनाव में उम्मीदवार थे और चुनाव जीतकर राज्यसभा पहुंचे थे जबकि महागठबंधन के दूसरे उम्मीदवार कांग्रेस के शहजादा अनवर की करारी हार हुई थी और भाजपा के दीपक प्रकाश जीत दर्ज कर राज्य सभा गए थे. कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता राकेश सिन्हा ने भी सुप्रियो भट्टाचार्य के बयान का जवाब देते हुए कहा था कि पिछली दफा शिबू सोरेन राज्य सभा गए थे इसलिए इस बार कांग्रेस की बारी है.
उरांव ने उठाया योग्यता का सवालः इधर झारखंड से राज्य सभा सीट के मसले पर वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव ने योग्यता का सवाल उठाया है. उनका कहना है कि गठबंधन ऐसे प्रत्याशी को भेजेगा जो इतना योग्य हो कि वो ऊपरी सदन में राज्य की बात रख सके. वह गठबंधन के चाहे जिस दल से हो. वहां किसी भी आदमी को नहीं भेज सकते क्योंकि वहां आदमी नहीं भेजना है, बल्कि विचार को बढ़ाने वाले व्यक्ति को भेजना है. इस तरह इशारों में कांग्रेस के दावे पर जोर दिया. हालांकि यह भी कहा प्रत्याशी किसी भी पार्टी का हो सकता है.