रांची: राज्य के लोगों को राइट टू सर्विस का लाभ मिले और सरकारी संस्थानों में व्याप्त भ्रष्टाचार का खत्मा हो. इसे लेकर राज्य सरकार की ओर से हाल ही में कई कदम उठाए गए थे. इसी कड़ी में इस साल 26 फरवरी को धनबाद नगर निगम में एंटी करप्शन ब्यूरो ने कार्रवाई की थी. इस संबंध में नगर विकास और आवास विभाग के सचिव विनय कुमार चौबे ने गुरुवार को धनबाद नगर निगम के नगर आयुक्त को एक सप्ताह के अंदर एसीबी की आपत्तियों के खिलाफ रिपोर्ट देने का आदेश दिया है.
एंटी करप्शन ब्यूरो की ओर से उठाए गए आपत्तियों पर धनबाद नगर निगम के जवाब से नगर विकास और आवास विभाग मंत्रिमंडल सचिवालय और निगरानी विभाग को अवगत कराया जाएगा. फरवरी महीने में एंटी करप्शन ब्यूरो के विशेष जांच दल द्वारा औचक जांच के दौरान स्वच्छ भारत मिशन, भवन शाखा, स्थापना शाखा, राजस्व, ट्रेड लाइसेंस, जल शाखा में अनियमितता पाई थी.
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एसीबी ने जांच में स्वच्छ भारत मिशन में 1 हजार 355 लाभुकों को 12 हजार की जगह 18 हजार के भुगतान की गड़बड़ी पाई थी. भवन शाखा में एक शिकायत के खिलाफ कोई भी कागजात उपलब्ध नहीं कराया जा सका. जांच के दौरान इंजीनियर भी अनुपस्थित थे. वहीं बार-बार कहने के बावजूद स्थापना शाखा के प्रभारी ने उन पदाधिकारियों की सूची उपलब्ध नहीं कराई जो जांच के दिन कार्यालय आए थे. इसके साथ ही होर्डिंग के मामले में नगर निगम की ओर से कोई जानकारी नहीं दी गई. 3 हजार आवेदन होर्डिंग के लिए लंबित पाए गए थे. कई पदाधिकारियों के टेबल पर ट्रेड लाइसेंस से संबंधित लगभग 500 आवेदन लंबित पाए गए थे और इसको लेकर संतोषप्रद जवाब नहीं दिया गया था. जल शाखा में कई कनेक्शन का आवेदन लंबित पाया गया जबकि सारी प्रक्रिया पूरी हो गई थी.
बता दें, नगर विकास और आवास विभाग में पदस्थापित उप सचिव अखिलेश कुमार इस जांच के लिए नोडल पदाधिकारी बनाए गए थे और उनकी मौजूदगी में यह जांच एंटी करप्शन ब्यूरो के विशेष दल की ओर से किया गया.