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धनबाद सीडीपीओ को झारखंड हाई कोर्ट से मिली राहत, अदालत ने याचिका की निष्पादित

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Published : Jun 4, 2020, 10:31 PM IST

आंगनबाड़ी सेविका के चयन में धांधली करने के आरोप में धनबाद की सीडीपीओ प्रीति रानी के खिलाफ दर्ज खिलाफ दर्ज एफआईआर को निरस्त करने की मांग को लेकर दायर सीआरएमपी याचिका पर सुनवाई हुई. अदालत ने याचिका निष्पादित कर दी है.

jharkhand high court
झारखंड हाई कोर्ट

रांची: झारखंड हाई कोर्ट के न्यायाधीश अनिल कुमार चौधरी की अदालत में आंगनबाड़ी सेविका के चयन में धांधली करने के आरोपी धनबाद की सीडीपीओ प्रीति रानी के द्वारा दायर सीआरएमपी याचिका पर सुनवाई हुई. न्यायाधीश ने अपने आवासीय कार्यालय से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवाई की. वहीं, सरकार के अधिवक्ता और याचिकाकर्ता के अधिवक्ता अपने आवास से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अपना पक्ष रखे.

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सुनवाई के दौरान पुलिस द्वारा सौंपी गई फाइनल फॉर्म रिपोर्ट को अदालत में देखा गया. इसमें पुलिस ने जांच में पाया है कि सीडीपीओ के ऊपर लगाए गए आरोप सिद्ध नहीं होते हैं. अदालत ने उस रिपोर्ट को देखते हुए याचिका को निष्पादित कर दिया है. बता दें कि आंगनवाड़ी सेविका के चयन में वर्ष 2016 में उन पर धांधली करने का आरोप लगाया गया था. जिसकी सीडी तैयार कर डीसी को सौंपी गई थी. उसी आधार पर सीडीपीओ पर एफआईआर दर्ज कर पुलिस को जांच करने को कहा गया था. सीडीपीओ ने उसी मामले में हाईकोर्ट में सीआरएमपी याचिका दायर की थी. उस याचिका पर सुनवाई के उपरांत अदालत ने पुलिस रिपोर्ट देखने के बाद याचिका निष्पादित कर दी गई है.

रांची: झारखंड हाई कोर्ट के न्यायाधीश अनिल कुमार चौधरी की अदालत में आंगनबाड़ी सेविका के चयन में धांधली करने के आरोपी धनबाद की सीडीपीओ प्रीति रानी के द्वारा दायर सीआरएमपी याचिका पर सुनवाई हुई. न्यायाधीश ने अपने आवासीय कार्यालय से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवाई की. वहीं, सरकार के अधिवक्ता और याचिकाकर्ता के अधिवक्ता अपने आवास से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अपना पक्ष रखे.

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सुनवाई के दौरान पुलिस द्वारा सौंपी गई फाइनल फॉर्म रिपोर्ट को अदालत में देखा गया. इसमें पुलिस ने जांच में पाया है कि सीडीपीओ के ऊपर लगाए गए आरोप सिद्ध नहीं होते हैं. अदालत ने उस रिपोर्ट को देखते हुए याचिका को निष्पादित कर दिया है. बता दें कि आंगनवाड़ी सेविका के चयन में वर्ष 2016 में उन पर धांधली करने का आरोप लगाया गया था. जिसकी सीडी तैयार कर डीसी को सौंपी गई थी. उसी आधार पर सीडीपीओ पर एफआईआर दर्ज कर पुलिस को जांच करने को कहा गया था. सीडीपीओ ने उसी मामले में हाईकोर्ट में सीआरएमपी याचिका दायर की थी. उस याचिका पर सुनवाई के उपरांत अदालत ने पुलिस रिपोर्ट देखने के बाद याचिका निष्पादित कर दी गई है.

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