रांची: प्रदेश के डीजीपी एमपी राव ने सोमवार को कहा के लॉक डाउन के बावजूद लोगों का लगभग 15% अनावश्यक मूवमेंट हुआ है. उन्होंने कहा कि इस तरह के संक्रमण से बचने के लिए लोगों को सरकार के दिशा निर्देश का पालन करना चाहिए. उन्होंने कहा कि ऐसे में पुलिस की भूमिका भी थोड़ी अलग है. उन्होंने कहा कि पुलिस की भूमिका किसी तरह से लॉ एंड ऑर्डर स्थापित करने वाली नहीं है. यह एक मेडिकल इमरजेंसी है, ऐसे में पुलिस को डरा-धमका कर कुछ नहीं करना है बल्कि अवेयरनेस क्रिएट करना है.
पुलिस अपना सकती है सख्त रवैया
हालांकि उन्होंने कहा कि सोमवार को दिन में लोग सड़क पर मोटरसाइकिल चलाते नजर आए. उन्होंने कहा कि अगर यही स्थिति बनी रही तब पुलिस सख्त रवैया अपना सकती है. उन्होंने कहा कि यह सीधा निर्देश है कि इमरजेंसी सिचुएशन में 5 से अधिक लोगों को नहीं रहना है. ऐसे में उन्हें ना तो मैदान में खेलने जाना है और ना बैठकर गप्पे मारनी हैं.
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आलाधिकारियों की हुई बैठक
डीजीपी राव ने कहा कि सोमवार को बहुत से युवक मोटरसाइकिल से घूमते नजर आए जबकि न तो शैक्षणिक संस्थान खुले हैं और ना बाजार. यहां तक कि मनोरंजन के केंद्र भी बंद है, ऐसे में वे युवक क्यों घूम रहे थे. दरअसल सोमवार को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कोरोना वायरस से उत्पन्न उहापोह की स्थिति को लेकर एक महत्वपूर्ण बैठक बुलाई थी. प्रोजेक्ट बिल्डिंग में आयोजित इस बैठक में डीजीपी राव, चीफ सेक्रेटरी डीके तिवारी और अन्य विभागों के प्रधान सचिव भी मौजूद रहे.