रांची: झारखंड राज्य हिन्दू धार्मिक न्यास बोर्ड के द्वारा पूर्व से चल रहे विभिन्न मंदिरों के प्रबंधन समिति को भंग कर नयी समिति बनाए जाने का विरोध तेज होता जा रहा है. पहाड़ी मंदिर प्रबंधन समिति को भंग कर नवगठित प्रबंधन समिति बनाए जाने के खिलाफ शुक्रवार को राजधानी रांची की सड़कों पर बड़ी संख्या में लोग उतरकर इसका विरोध करते देखे गए. पहाड़ी मंदिर से अल्बर्ट एक्का चौक तक जुलूस की शक्ल में हाथों में मशाल लिए निकले इन लोगों ने इस दौरान जहां झारखंड राज्य हिन्दू धार्मिक न्यास बोर्ड के इस फैसले का जमकर विरोध किया, वहीं सरकार से मंदिरों का राजनीतिकरण नहीं करने का अनुरोध किया.
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स्वामी दिव्यानंद महाराज ने इस दौरान मीडियाकर्मियों को संबोधित करते हुए कहा कि यह विरोध मंदिरों के राजनीतिकरण का है. हम कोई संगठन या मंदिर समिति नहीं बल्कि सभी सामाजिक संगठनों और सामान्य शिव भक्त हैं. यह विषय केवल पहाड़ी मंदिर का नहीं, राज्य के सभी धार्मिक स्थलों का है. यदि सरकार या न्यास बोर्ड को परिवर्तन और लाभ से ही मतलब है तो पहले सदस्यता अभियान चलाया जाना चाहिए था. फिर चुनाव करा कर मंदिरों के पदाधिकारी का चयन किया जाए. तानाशाही व्यवस्था कभी भी फायदेमंद नहीं हो सकती है.
इस मौके पर सामाजिक कार्यकर्ता मुनचुन राय ने कहा कि राज्य हिन्दू धार्मिक न्यास बोर्ड में साधु संतों को धार्मिक व्यक्तियों, धर्म ग्रंथों, संस्कृत के ज्ञाता, शिक्षाविद, सेवानिवृत न्यायाधीश जैसे समाज के सम्मानित व्यक्तियों को स्थान मिलता और उनकी तात्कालिक कमेटी बनाकर फिर सदस्यता अभियान चलाकर चुनाव कराया जाता तो इसका स्वागत किया जाता. लेकिन जिस तरह से आनन-फानन में कमेटी का गठन हुआ है, इससे साफ लगता है कि सरकार की मंशा ठीक नहीं है. सामाजिक कार्यकर्ता रमेश सिंह ने कहा कि जिस तरह से नवगठित कमेटी में राजनीतिक पार्टी के नेताओं को भर दिया गया है. उससे साफ लगता है कि न्यास बोर्ड द्वारा मंदिरों की समितियां को गलत तरीके से भंग किया गया है और मनमाने तरीके से बिना पूर्व की समितियों से कोई संवाद किए ऐसे लोगों को नई समिति का सदस्य बनाया गया है. जिनका उन मंदिरों से कोई संबंध नहीं रहा है.
नवगठित पहाड़ी मंदिर प्रबंधन समिति की 18 सितंबर को बैठक: विरोध के बीच नवगठित पहाड़ी मंदिर प्रबंधन समिति ने 18 सितंबर को अपनी पहली बैठक बुलाई है. जाहिर तौर पर जिस तरह से विरोध के स्वर फूटे हैं, उससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि यह बैठक सामान्य बैठक की तरह आयोजित नहीं हो सकेगी. जिसे भांपते हुए झारखंड राज्य हिन्दू धार्मिक न्यास बोर्ड ने जिला प्रशासन को चिट्ठी लिखकर बैठक के दौरान विधि व्यवस्था बनाए रखने के लिए समुचित व्यवस्था करने का आग्रह किया है. धार्मिक न्यास बोर्ड के सदस्य और नवगठित पहाड़ी मंदिर प्रबंधन समिति के सचिव राकेश सिन्हा ने अनुमंडल पदाधिकारी को पत्र भेजकर बैठक के दौरान समुचित विधि व्यवस्था बनाए रखने के लिए कहा है.