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काम का बोझ या मेहरबानी: कम अधिकारियों के चलते विकास कार्यों पर पड़ रहा असर, कुछ को मलाईदार पद देने पर उठ रहे सवाल - झारखंड में गुड गवर्नेंस

झारखंड में कम अधिकारियों के चलते विकास कार्यों पर असर पड़ रहा है. वहीं, कुछ अधिकारियों को मलाईदार पद देने पर विपक्ष सवाल खड़े कर रहा है. मंत्री का कहना है कि रिक्तियां जल्द भरी जाएंगी.

shortage of officers in jharkhand
झारखंड में अधिकारियों की कमी
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Published : Aug 25, 2021, 9:16 PM IST

Updated : Aug 26, 2021, 11:36 AM IST

रांची: झारखंड में 'गुड गवर्नेंस' की राह में सबसे बड़ा रोड़ा भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों की संख्या का काफी कम होना है. राज्य में भारतीय प्रशासनिक सेवा कैडर में 217 पद सृजित हैं. इनमें अभी 154 पद पर आईएएस कार्यरत हैं. इसमें 12 अधिकारी केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर हैं. ऐसे में 63 पद अभी भी खाली है. ऐसे में सरकार की मजबूरी कहें या कुछ और एक-एक अधिकारी के जिम्मे कई विभाग हैं.

यह भी पढ़ें: झारखंड घोटाला कथा: ...तो क्या एक और पूर्व मुख्यमंत्री की जेल यात्रा की लिखी जा रही है स्क्रिप्ट

प्रभावित हो रहा कामकाज

आईएएस से नीचे राज्य प्रशासनिक सेवा से जुड़े पदाधिकारियों का भी यही हाल है. हालत यह है कि कई पदाधिकारी रांची से दुमका तक पोस्टेड हैं. ऐसे में सहज अंदाजा लगाया जा सकता है कि कामकाज कितना प्रभावित हो रहा होगा. रांची नियोजनालय के सहायक निदेशक रांची से लेकर दुमका तक का कार्यभार संभाल रहे हैं. रांची नियोजनालय के तीन नियोजन पदाधिकारी के सृजित पदों पर एकमात्र कार्यरत नियोजन पदाधिकारी नीरु कुमारी की मानें तो अधिकारियों की कमी के कारण कामकाज पर असर पड़ता है. वहीं सामाजिक कार्यकर्ता एस अली ने सरकार के कामकाज पर सवाल खड़ा करते हुए कहा कि एक-एक अधिकारी को पांच-पांच विभाग देना मजबूरी है या कुछ और यह सरकार को खुद देखना चाहिए.

देखें स्पेशल रिपोर्ट

सत्तापक्ष और विपक्ष आमने-सामने

राज्य में कुछ अधिकारियों को मलाईदार पद देने पर विपक्ष सरकार की मंशा पर सवाल उठा रहा है. पूर्व मंत्री और वर्तमान बीजेपी विधायक अमर कुमार बाउरी ने सरकार की कार्यप्रणाली पर हमला बोलते हुए कहा कि जब युद्ध के मैदान में सौ सेनापति हैं और उसमें आप कुछ को लेकर चलेंगे तो हार तो निश्चित है. उसी तरह विकास कार्यों में जब तक सभी अधिकारी को नहीं लगाएंगे तब तक कैसे विकास योजनाओं को धरातल पर ला पाएंगे.

shortage of officers in jharkhand
अधिकारियों के पास विभाग

मंत्री बोले-जल्द भरेंगे रिक्तियां

इधर, कैबिनेट मंत्री आलमगीर आलम ने भी माना कि अधिकारियों की कमी के कारण कामकाज पर प्रभाव पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि निचले स्तर के अधिकारी और कर्मी की रिक्ति को राज्य सरकार जल्द पूरा करेगी. लेकिन, आईएएस रैंक के अधिकारी को भारत सरकार से समन्वय बनाकर ही काम करना होगा. उन्होंने एक अधिकारी पर कई विभाग की जिम्मेवारी के पीछे बड़े पैमाने पर रिक्ति होना वजह बताया है.

राज्य में बड़े पैमाने पर रिक्त पद हैं. कार्मिक एवं प्रशासनिक विभाग ने हाल ही में विभागवार रिक्तियों का आकलन कराया है जिसके तहत करीब पांच लाख से अधिक पद खाली हैं जिसमें क्लर्क से लेकर आईएएस रैंक के पद शामिल हैं. इन सबके बीच कुछ ऐसे भी अधिकारी हैं जो सरकार के कृपापात्र बनने के कारण कई महत्वपूर्ण जिम्मेदारी को संभाल रहे हैं. वहीं, कुछ ऐसे भी अधिकारी हैं जो सरकार की नजरों से ओझल हैं.

रांची: झारखंड में 'गुड गवर्नेंस' की राह में सबसे बड़ा रोड़ा भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों की संख्या का काफी कम होना है. राज्य में भारतीय प्रशासनिक सेवा कैडर में 217 पद सृजित हैं. इनमें अभी 154 पद पर आईएएस कार्यरत हैं. इसमें 12 अधिकारी केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर हैं. ऐसे में 63 पद अभी भी खाली है. ऐसे में सरकार की मजबूरी कहें या कुछ और एक-एक अधिकारी के जिम्मे कई विभाग हैं.

यह भी पढ़ें: झारखंड घोटाला कथा: ...तो क्या एक और पूर्व मुख्यमंत्री की जेल यात्रा की लिखी जा रही है स्क्रिप्ट

प्रभावित हो रहा कामकाज

आईएएस से नीचे राज्य प्रशासनिक सेवा से जुड़े पदाधिकारियों का भी यही हाल है. हालत यह है कि कई पदाधिकारी रांची से दुमका तक पोस्टेड हैं. ऐसे में सहज अंदाजा लगाया जा सकता है कि कामकाज कितना प्रभावित हो रहा होगा. रांची नियोजनालय के सहायक निदेशक रांची से लेकर दुमका तक का कार्यभार संभाल रहे हैं. रांची नियोजनालय के तीन नियोजन पदाधिकारी के सृजित पदों पर एकमात्र कार्यरत नियोजन पदाधिकारी नीरु कुमारी की मानें तो अधिकारियों की कमी के कारण कामकाज पर असर पड़ता है. वहीं सामाजिक कार्यकर्ता एस अली ने सरकार के कामकाज पर सवाल खड़ा करते हुए कहा कि एक-एक अधिकारी को पांच-पांच विभाग देना मजबूरी है या कुछ और यह सरकार को खुद देखना चाहिए.

देखें स्पेशल रिपोर्ट

सत्तापक्ष और विपक्ष आमने-सामने

राज्य में कुछ अधिकारियों को मलाईदार पद देने पर विपक्ष सरकार की मंशा पर सवाल उठा रहा है. पूर्व मंत्री और वर्तमान बीजेपी विधायक अमर कुमार बाउरी ने सरकार की कार्यप्रणाली पर हमला बोलते हुए कहा कि जब युद्ध के मैदान में सौ सेनापति हैं और उसमें आप कुछ को लेकर चलेंगे तो हार तो निश्चित है. उसी तरह विकास कार्यों में जब तक सभी अधिकारी को नहीं लगाएंगे तब तक कैसे विकास योजनाओं को धरातल पर ला पाएंगे.

shortage of officers in jharkhand
अधिकारियों के पास विभाग

मंत्री बोले-जल्द भरेंगे रिक्तियां

इधर, कैबिनेट मंत्री आलमगीर आलम ने भी माना कि अधिकारियों की कमी के कारण कामकाज पर प्रभाव पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि निचले स्तर के अधिकारी और कर्मी की रिक्ति को राज्य सरकार जल्द पूरा करेगी. लेकिन, आईएएस रैंक के अधिकारी को भारत सरकार से समन्वय बनाकर ही काम करना होगा. उन्होंने एक अधिकारी पर कई विभाग की जिम्मेवारी के पीछे बड़े पैमाने पर रिक्ति होना वजह बताया है.

राज्य में बड़े पैमाने पर रिक्त पद हैं. कार्मिक एवं प्रशासनिक विभाग ने हाल ही में विभागवार रिक्तियों का आकलन कराया है जिसके तहत करीब पांच लाख से अधिक पद खाली हैं जिसमें क्लर्क से लेकर आईएएस रैंक के पद शामिल हैं. इन सबके बीच कुछ ऐसे भी अधिकारी हैं जो सरकार के कृपापात्र बनने के कारण कई महत्वपूर्ण जिम्मेदारी को संभाल रहे हैं. वहीं, कुछ ऐसे भी अधिकारी हैं जो सरकार की नजरों से ओझल हैं.

Last Updated : Aug 26, 2021, 11:36 AM IST
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