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झारखंड राज्य स्थापना विशेष: 22 साल में क्यों नहीं हो पाया पर्यटन का पूर्ण विकास, जानें क्या कहती है सरकार

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Published : Nov 6, 2022, 8:46 PM IST

Updated : Nov 6, 2022, 10:24 PM IST

झारखंड राज्य गठन के 22 साल हो गए हैं (Jharkhand in 22 years) लेकिन, अथाह प्राकृतिक संपदा होने के बावजूद राज्य पर्यटन क्षेत्र में काफी पीछे है (Development Status of Tourism in Jharkhand). हालांकि, वर्तमान सरकार का दावा है कि पर्यटन क्षेत्र के विकास के लिए कई काम किया जा रहे हैं जिससे न केवल राज्य सरकार बल्कि राज्यवासियों का भी विकास होगा.

Development Status of Tourism in Jharkhand
Development Status of Tourism in Jharkhand

रांची: झारखंड राज्य प्राकृतिक संपदा से संपन्न है. प्रकृति के द्वारा दिए गए वन और पहाड़ यहां की खूबसूरती को चार चांद लगाते हैं. इसके बावजूद राज्य की सरकार झारखंड के खूबसूरत झरने, नदी, पहाड़, पठार जैसी संपदाओं का भरपूर उपयोग नहीं कर पा रही (Development Status of Tourism in Jharkhand). जबकि अन्य राज्य जैसे कैरल, गुजरात, असम, छत्तीसगढ़ में यहां से कम प्राकृतिक संपदा है, फिर भी इन राज्यों में प्रकृतिक संपदाओं का उपयोग कर पर्यटन का विकास किया जा रहा है.

ये भी पढ़ें: झारखंड राज्य स्थापना विशेष: कैसे सुधरे शिक्षा व्यवस्था, पढ़ाने से ज्यादा आंदोलन करते रहे हैं शिक्षक

झारखंड की प्राकृतिक खूबसूरती की छटा छोड़ती रांची जिले में ही कई ऐसे जलप्रपात हैं जो लोगों को आकर्षित करते हैं. हुंडरू फॉल, जोन्हा फॉल, दशम फॉल, पंचघाघ फॉल सहित कई ऐसे जलप्रपात हैं, जो लोगों को आकर्षित करती है लेकिन यह सभी जलप्रपात राज्य के जंगलों और सुदूर इलाकों में हैं. जहां पर सरकार को नक्सलवाद और अपराध जैसी चुनौतियां झेलनी पड़ती है. भीषण जंगलों में पर्यटन स्थल होने की वजह से कई बार पर्यटक राज्य के खूबसूरती को देखने से वंचित रह जाते हैं.

देखें स्पेशल स्टोरी


क्या कहते हैं विभागीय सचिव: झारखंड में पर्यटन के क्षेत्र में आ रही समस्या को लेकर ईटीवी भारत ने जब पर्यटन विभाग के सचिव मनोज कुमार से बात की तो उन्होंने बताया कि पर्यटन के क्षेत्र में राज्य सरकार दो चीजों पर काम कर रही है. पहला प्रोडक्ट और दूसरा पब्लिसिटी. प्रोडक्ट के मामले में देखें तो सरकार के पास पर्यटन स्थल की कमी नहीं है. हालांकि, कई पर्यटन स्थल को अभी भी बेहतर बनाने की आवश्यकता है. जिसपर सरकार काम कर रही है. पब्लिसिटी को लेकर भी राज्य सरकार राज्य के सभी प्रमुख शहरों और स्थानों पर पोस्टर और डिजिटल बोर्ड लगा रही है ताकि जो भी लोग झारखंड पहुंचे हैं. वह झारखंड के पर्यटन स्थलों को जान सके और वहां पर जाकर घूम सके ताकि राज्य सरकार के राजस्व में लाभ हो. वहीं उन्होंने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में स्थिति जो पर्यटन स्थल हैं वहां पर सुरक्षा की चुनौती जरूर है लेकिन, राज्य सरकार इसको लेकर गंभीर है.

होम स्टे स्कीम लाएगी सरकार: पर्यटन विभाग के सचिव मनोज कुमार ने बताया कि पर्यटन के क्षेत्र में लोगों को यह समझने की आवश्यकता है कि यही एक ऐसा क्षेत्र है जो सबसे ज्यादा रोजगार पैदा करता है. इसलिए ग्रामीण क्षेत्रों में बसे पर्यटन स्थल को सुंदर बनाने के लिए सरकार होम स्टे स्कीम (Home Stay Scheme) लाएगी. जिसके तहत लोग अपने घरों का रजिस्ट्रेशन कराकर शहर से आए लोगों को अपना घर किराया पर दे सकते हैं. जिससे उनके आय में भी बढ़ोतरी होगी साथ ही राज्य सरकार को राजस्व का भी मुनाफा होगा.

रूरल टूरिज्म को बढ़ावा देने की योजना: पर्यटन विभाग के सचिव मनोज कुमार ने बताया कि आज के भागमभाग के इस दौर में शहर में काम करने वाले लोग ग्रामीण क्षेत्रों में अपना समय बिताना चाहते हैं. ऐसे में रूरल टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए सरकार काम कर रही है, जिसका फायदा आने वाले कुछ दिनों में राज्यवासियों को मिल पाएगा. उन्होंने बताया कि ग्रामीण पर्यटन की क्षमता को बढ़ाने के लिए कई गांव को चिन्हित किया गया है उन स्थानों को सौंदर्यीकरण किया जाएगा. साथ ही वहां के स्थानीय व्यंजनों और ग्रामीण जनजीवन को बढ़ावा देने के लिए स्थानीय लोगों की एक समिति बनाई जाएगी जो पर्यटन विभाग के साथ मिलकर काम करेगा. इसके अलावा भी कई तरह की योजनाएं पर्यटन विभाग के द्वारा धरातल पर लाई जाएगी जिसका लाभ आम लोगों को मिलेगा.


पर्यटन मंत्री हफिजुल हसन क्या कहते हैं: झारखंड के पर्यटन मंत्री हफिजुल हसन अंसारी बताते हैं कि नई पर्यटन नीति को लागू करने के बाद राज्य के जितने भी पर्यटक स्थल हैं उसे और भी सुंदर और रमणिक बनाया जाएगा. मालूम हो कि नई पर्यटन नीति के तहत झारखंड में निवेश करने वाले को राज्य सरकार की तरफ से कई प्रकार की सुविधाएं भी दी जा रही है. वहीं न्यू टूरिज्म पॉलिसी के तहत धार्मिक पर्यटन स्थल में देवघर, पारसनाथ, मधुबन, रजरप्पा, देवरी और इटखोरी जैसे धार्मिक स्थलों में नागरिक सुविधाएं प्रदान किए जाने के अलावा सौंदर्यीकरण का भी काम किया जाएगा. वहीं इको टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए पर्यटन राज्य सरकार लगातार काम कर रही है.

रांची: झारखंड राज्य प्राकृतिक संपदा से संपन्न है. प्रकृति के द्वारा दिए गए वन और पहाड़ यहां की खूबसूरती को चार चांद लगाते हैं. इसके बावजूद राज्य की सरकार झारखंड के खूबसूरत झरने, नदी, पहाड़, पठार जैसी संपदाओं का भरपूर उपयोग नहीं कर पा रही (Development Status of Tourism in Jharkhand). जबकि अन्य राज्य जैसे कैरल, गुजरात, असम, छत्तीसगढ़ में यहां से कम प्राकृतिक संपदा है, फिर भी इन राज्यों में प्रकृतिक संपदाओं का उपयोग कर पर्यटन का विकास किया जा रहा है.

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झारखंड की प्राकृतिक खूबसूरती की छटा छोड़ती रांची जिले में ही कई ऐसे जलप्रपात हैं जो लोगों को आकर्षित करते हैं. हुंडरू फॉल, जोन्हा फॉल, दशम फॉल, पंचघाघ फॉल सहित कई ऐसे जलप्रपात हैं, जो लोगों को आकर्षित करती है लेकिन यह सभी जलप्रपात राज्य के जंगलों और सुदूर इलाकों में हैं. जहां पर सरकार को नक्सलवाद और अपराध जैसी चुनौतियां झेलनी पड़ती है. भीषण जंगलों में पर्यटन स्थल होने की वजह से कई बार पर्यटक राज्य के खूबसूरती को देखने से वंचित रह जाते हैं.

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क्या कहते हैं विभागीय सचिव: झारखंड में पर्यटन के क्षेत्र में आ रही समस्या को लेकर ईटीवी भारत ने जब पर्यटन विभाग के सचिव मनोज कुमार से बात की तो उन्होंने बताया कि पर्यटन के क्षेत्र में राज्य सरकार दो चीजों पर काम कर रही है. पहला प्रोडक्ट और दूसरा पब्लिसिटी. प्रोडक्ट के मामले में देखें तो सरकार के पास पर्यटन स्थल की कमी नहीं है. हालांकि, कई पर्यटन स्थल को अभी भी बेहतर बनाने की आवश्यकता है. जिसपर सरकार काम कर रही है. पब्लिसिटी को लेकर भी राज्य सरकार राज्य के सभी प्रमुख शहरों और स्थानों पर पोस्टर और डिजिटल बोर्ड लगा रही है ताकि जो भी लोग झारखंड पहुंचे हैं. वह झारखंड के पर्यटन स्थलों को जान सके और वहां पर जाकर घूम सके ताकि राज्य सरकार के राजस्व में लाभ हो. वहीं उन्होंने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में स्थिति जो पर्यटन स्थल हैं वहां पर सुरक्षा की चुनौती जरूर है लेकिन, राज्य सरकार इसको लेकर गंभीर है.

होम स्टे स्कीम लाएगी सरकार: पर्यटन विभाग के सचिव मनोज कुमार ने बताया कि पर्यटन के क्षेत्र में लोगों को यह समझने की आवश्यकता है कि यही एक ऐसा क्षेत्र है जो सबसे ज्यादा रोजगार पैदा करता है. इसलिए ग्रामीण क्षेत्रों में बसे पर्यटन स्थल को सुंदर बनाने के लिए सरकार होम स्टे स्कीम (Home Stay Scheme) लाएगी. जिसके तहत लोग अपने घरों का रजिस्ट्रेशन कराकर शहर से आए लोगों को अपना घर किराया पर दे सकते हैं. जिससे उनके आय में भी बढ़ोतरी होगी साथ ही राज्य सरकार को राजस्व का भी मुनाफा होगा.

रूरल टूरिज्म को बढ़ावा देने की योजना: पर्यटन विभाग के सचिव मनोज कुमार ने बताया कि आज के भागमभाग के इस दौर में शहर में काम करने वाले लोग ग्रामीण क्षेत्रों में अपना समय बिताना चाहते हैं. ऐसे में रूरल टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए सरकार काम कर रही है, जिसका फायदा आने वाले कुछ दिनों में राज्यवासियों को मिल पाएगा. उन्होंने बताया कि ग्रामीण पर्यटन की क्षमता को बढ़ाने के लिए कई गांव को चिन्हित किया गया है उन स्थानों को सौंदर्यीकरण किया जाएगा. साथ ही वहां के स्थानीय व्यंजनों और ग्रामीण जनजीवन को बढ़ावा देने के लिए स्थानीय लोगों की एक समिति बनाई जाएगी जो पर्यटन विभाग के साथ मिलकर काम करेगा. इसके अलावा भी कई तरह की योजनाएं पर्यटन विभाग के द्वारा धरातल पर लाई जाएगी जिसका लाभ आम लोगों को मिलेगा.


पर्यटन मंत्री हफिजुल हसन क्या कहते हैं: झारखंड के पर्यटन मंत्री हफिजुल हसन अंसारी बताते हैं कि नई पर्यटन नीति को लागू करने के बाद राज्य के जितने भी पर्यटक स्थल हैं उसे और भी सुंदर और रमणिक बनाया जाएगा. मालूम हो कि नई पर्यटन नीति के तहत झारखंड में निवेश करने वाले को राज्य सरकार की तरफ से कई प्रकार की सुविधाएं भी दी जा रही है. वहीं न्यू टूरिज्म पॉलिसी के तहत धार्मिक पर्यटन स्थल में देवघर, पारसनाथ, मधुबन, रजरप्पा, देवरी और इटखोरी जैसे धार्मिक स्थलों में नागरिक सुविधाएं प्रदान किए जाने के अलावा सौंदर्यीकरण का भी काम किया जाएगा. वहीं इको टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए पर्यटन राज्य सरकार लगातार काम कर रही है.

Last Updated : Nov 6, 2022, 10:24 PM IST
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