रांचीः राजधानी का कोकर पूजा समिति इस बार के दुर्गा पूजा में काफी चर्चा में है. इसकी मुख्य वजह है कोकर दुर्गा पूजा समिति के द्वारा 40 फीट की ऊंचाई पर बना पंडाल. इस पंडाल में केदारनाथ हादसे को दिखाया जा रहा है.
प्रशासन ने दिया था नोटिस
कोकर पूजा समिति के इस पंडाल निर्माण पर जिला प्रशासन ने समिति को नोटिस देते हुए आदेश जारी किया कि सुरक्षा के लिहाज से पंडाल आए श्रद्धालुओं को उपर जाने से रोका जाए, क्योंकि 40 फीट की उंचाई पर बना यह पंडाल श्रद्धालुओं के लिए खतरा हो सकता है. जिला प्रशासन के इस आदेश के जारी होते ही कोकर पूजा समिति और स्थानीय लोगों ने इसका कड़ा विरोध किया. समिति और स्थानीय लोगों ने सड़क तक जाम किया, साथ ही जिला प्रशासन के आदेश का विरोध करते हुए कोकर पूजा समिति ने अपना पंडाल और मां का पट तक बंद कर दिया, जिससे लोगों में काफी नाराजगी देखने को मिली.
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प्रशासन ने मजबूरन दी अनुमति
स्थानीय लोगों के विरोध को देखते हुए जिला प्रशासन को पीछे आना पड़ा. समिति द्वारा बनाए गए 40 फीट की उंचाई के पंडाल पर श्रद्धालुओं को जाने की अनुमति देनी पड़ी, लेकिन इसके साथ जिला प्रशासन ने कोकर पूजा समिति के लोगों को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर 40 फीट की उंचाई पर बने पंडाल में किसी तरह की कोई अप्रिय घटना होती है तो उसका जिम्मेदार सिर्फ और सिर्फ कोकर पूजा समिति होगी.
तकनीकी विशेषज्ञों ने बताया था असुरक्षित
रांची के एसडीओ लोकेश मिश्रा ने बताया कि जिला प्रशासन ने जब पंडाल का निरीक्षण किया तो उसे असुरक्षित पाया गया. उसके बाद बिल्डिंग डिवीजन के टेक्निकल एक्सपर्ट्स से भी पंडाल की जांच कराई गई, जिसमें उन्होंने लिखित रिपोर्ट में यह दिया कि पंडाल का जो पहाड़नुमा प्रारूप है वह श्रद्धालुओं के लिए सुरक्षित नहीं है. बिल्डिंग डिवीजन के तकनीकी विशेषज्ञों की रिपोर्ट के बाद जिला प्रशासन ने अंचलाधिकारी और थाना प्रभारी के माध्यम से कोकर पूजा समिति को नोटिस दिया, लेकिन पूजा समिति ने नोटिस लेने से मना कर दिया. इसके बाद जिला प्रशासन ने लोगों के समक्ष नोटिस को चिपका दिया.
जिला प्रशासन द्वारा दिए गए नोटिस में स्पष्ट रूप से लिखा है कि तकनीकी विशेषज्ञों के मुताबिक पूजा समिति द्वारा बनाया गया पहाड़नुमा पंडाल सुरक्षित नहीं है. इसीलिए समिति के द्वारा वैकल्पिक रास्ता का उपयोग किया जाए, इसके बावजूद भी समिति के लोगों अगर पहाड़नुमा प्रारूप के पंडाल का उपयोग करते हैं तो ऐसे में अगर किसी तरह की कोई अप्रिय घटना होती है तो उसकी पूरी जिम्मेदारी समिति के लोगों की होगी.
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श्रद्धालुओं के साथ कोई अप्रिय घटना नहीं होगी!
कोकर पूजा समिति के अध्यक्ष चंचल चटर्जी का कहना है कि सरकार और जिला प्रशासन को अखबारों में विज्ञापन के माध्यम से पिछले 3 माह से सूचित किया गया था. उस वक्त जिला प्रशासन ने इसको लेकर किसी तरह की कोई रोक नहीं लगाई, लेकिन पूरा पंडाल बनने और लाखों रुपए खर्च करने के बाद जिला प्रशासन का इस तरह से रोक लगाना निश्चित रूप से गलत है. उन्होंने नोटिस को लेकर भी यह कहा कि प्रशासन ने अचानक शनिवार को नोटिस जारी कर ऊपर जाने वाले पंडाल पर रोक लगा दी, जबकि समिति के लोगों ने मजबूती को लेकर पूरा ध्यान दिया है. इसीलिए लोगों ने अपनी जिम्मेदारी पर पंडाल खुलवाने का काम किया और उन्हें पूरा भरोसा है कि माता रानी की कृपा से श्रद्धालुओं के साथ कोई अप्रिय घटना नहीं होगी.
श्रद्धालुओं ने भी खड़े किए सवाल
पूजा पंडाल में घूमने आए लोगों ने भी सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े किए हैं. लोगों ने बताया कि 40 फीट की ऊंचाई पर बनाई है. पंडाल भले ही मनोरम दिखता है लेकिन पूजा समिति के लोगों को पंडाल में वॉलिंटियर्स रखने की जरूरत है ताकि बुजुर्गों और बच्चों को किसी तरह का कोई परेशानी ना हो सके. श्रद्धालुओं ने समिति पर सवाल खड़ा करते हुए कहा कि इस तरह के पंडाल में लगातार जोखिम बना रहती है.