रांची: झारखंड के वित्त मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव ने 3 मार्च 2022 को अपने कार्यकाल का तीसरा बजट सदन पटल पर रखा है. इस बजट को शगुन वाला बजट भी कहा जा रहा है. क्योंकि इसकी राशि एक लाख एक हजार एक सौ एक करोड़ (1,01,101 करोड़) रखी गयी है. वित्तीय वर्ष 2021-22 की तुलना में बजट राशि 9,824 करोड़ ज्यादा है. पिछले साल भी वित्त मंत्री ने 3 मार्च को ही बजट पेश किया था.
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वित्त मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव ने अपने संबोधन की शुरूआत अर्थशास्त्री कौटिल्य की उक्ति से की. उन्होंने कहा कि प्रजा सुखे सुखं राज्ञ: प्रजानां तु हिते हितम्, नात्मप्रियं हितं राज्ञ: प्रजानां तु प्रियं हितम्. यानी प्रजा के सुख में ही राजा का सुख निहित है. इस बजट में सरकार ने सामाजिक प्रक्षेत्र पर विशेष फोकस किया है. वित्तीय वर्ष 2021-22 की तुलना में स्वास्थ्य सेक्टर में 27 प्रतिशत, पेयजल में 20 प्रतिशत, शिक्षा में 6.5 प्रतिशत और खाद्यान्न वितरण में 21 प्रतिशत की बढ़ोतरी की गई है. कुल बजट राशि की तुलना में शिक्षा पर 10 प्रतिशत से ज्यादा राशि खर्च की जाएगी.
वित्त मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव ने बताया कि कोरोना काल में वित्तीय वर्ष 2020-21 में देश के जीडीपी में 7.3 प्रतिशत गिरावट की तुलना में झारखंड में सिर्फ 4.7 प्रतिशत की गिरावट दर्ज हुई है. लिहाजा, इस वित्तीय वर्ष में कोंसटेंट प्राइज पर विकास दर 8.8 प्रतिशत रहने का अनुमान है. जबकि वित्तीय वर्ष 2022-23 में कोंसटेंट और करेंट प्राइस पर 6.15 और 10.72 प्रतिशत विकास दर का अनुमान है. खास बात है कि राजकोषीय घाटा 11 हजार 286 करोड़ होना का अनुमान है जो आगामी वित्तीय वर्ष के अनुमानित GSDP का 2.81 प्रतिशत है.