रांचीः झारखंड में बर्ड फ्लू के किसी भी संभावित खतरे को टालने के लिए पशुपालन विभाग और इंस्टीट्यूट ऑफ एनिमल हेल्थ एंड प्रोडक्शन ने कमर कस ली है (Department alert to deal with bird flu). दिसंबर से कुक्कुटों का सैंपल लेकर जांच के लिए कोलकाता के लैब भेजा जाएगा. रांची के कांके स्थित इंस्टीट्यूट ऑफ एनिमल हेल्थ एंड प्रोडक्शन के निदेशक डॉ बिपिन महथा ने इसके लिए सभी जिला कुक्कुट पदाधिकारी को निर्देश जारी कर दिया है.
2018 में गोड्डा में मिला था बर्ड फ्लू का कंफर्म केसः इंस्टीट्यूट ऑफ एनिमल हेल्थ एंड प्रोडक्शन के निदेशक डॉ बिपिन महथा ने बताया कि ऐसा देखा गया है कि जाड़े की शुरुआत होते ही देश में बर्ड फ्लू के मामले आने लगते हैं. उन्होंने बताया कि वर्ष 2018 में गोड्डा में बर्ड फ्लू के कंफर्म केस मिलने के बाद से कोई नया मामला पिछले चार वर्षों में नहीं मिला है. बावजूद इसके झारखंड में सभी जिलों को अलर्ट कर दिया गया है. डॉ बिपिन महथा ने कहा कि राज्य के सभी जिलों के पॉल्ट्री फार्म से सात हजार से आठ हजार के करीब बर्ड फ्लू का सैंपल जांच के लिए कोलकाता भेजा जाएगा, ताकि समय रहते इसकी पहचान की जा सके.
राज्य में सवा दो करोड़ से अधिक है कुक्कुटों की संख्याः राज्य में कुक्कुटों की संख्या 20वें गणना के अनुसार दो करोड़, 30 लाख, 32 हजार, 906 हैं. वहीं राज्य में 16 लाख, 93 हजार, 199 बतख हैं. विशेषज्ञों के अनुसार जब तापमान कम हो जाता है और आद्रता बढ़ जाती है तो ऐसे में बर्ड फ्लू के होने की संभावना बढ़ जाती है. इसलिए समय रहते ही विभाग अलर्ट मोड में है.
बर्ड फ्लू के संभावित खतरे को देखते हुए विभाग अलर्टः वर्ष 2021-22 में 3143 सैंपल और वर्ष 2020-21 में 5523 कुक्कुटों के स्वाब लेकर सैंपल जांच के लिए कोलकाता भेजा गया था. बर्ड फ्लू को लेकर अलर्टनेस इसलिए भी पहले से जरूरी है, क्योंकि कुक्कुटों से इसके इंसानों में फैलने का खतरा रहता है. ऐसे में झारखंड के पशुपालन विभाग का समय रहते अलर्ट हो जाना एक सराहनीय कदम है.