रांची: झारखंड में कुछ सप्ताह पहले तक गिनती के तीन से चार जिलों में डेंगू के मरीज थे. लेकिन पिछले दिनों जमशेदपुर में डेंगू आउट ब्रेक के बाद रांची-साहिबगंज में भी बड़ी संख्या में डेंगू संक्रमितों की पुष्टि हुई है. अब स्वास्थ्य विभाग के ताजा आंकड़े के अनुसार 24 में से 16 जिलों में डेंगू के कंफर्म एक्टिव केस हैं.
किस जिले में डेंगू के कितने संक्रमित: 30 अगस्त 2023 तक के सरकारी आंकड़े के अनुसार, सबसे ज्यादा 192 डेंगू संक्रमित पूर्वी सिंहभूम (जमशेदपुर) जिले में है. वहीं रांची में 22 और साहिबगंज में 30 डेंगू के एक्टिव केस हैं. इसके अलावा चतरा में तीन, देवघर में दो, दुमका में एक, गिरिडीह में 05, हजारीबाग में 04, जामताड़ा में 01, खूंटी में 02, कोडरमा में 01, पलामू में 08, रामगढ़ में 03, सरायकेला में 08, सिमडेगा में 02 और पश्चिमी सिंहभूम में 02 डेंगू संक्रमित हैं. जमशेदपुर में इस वर्ष डेंगू से दो मौत की खबर है, लेकिन इसकी अभी तक कोई अधिकृत पुष्टि नहीं हुई है.
77,300 रुपये की फाइन वसूल चुका है मानगो नगर निगम: वेक्टर बोर्न डिजीज कंट्रोल के स्टेट नोडल हेड डॉ बीके सिंह ने बताया कि 30 अगस्त को भी जमशेदपुर में 31, रांची में 01 और हजारीबाग में 01 डेंगू संक्रमित मिले हैं. जमशेदपुर के मानगो इलाके में जहां डेंगू का आउट ब्रेक हुआ है, वहां लगातार एंटी लार्वल एक्टिविटी चलाई जा रही है. वहां नगर निगम के कर्मियों और सर्विलांस टीम के साथ मिलकर घर-घर की जांच की जा रही है. जिस घर में या घरों के छत पर, कूलर में लंबे दिनों से पानी जमा है, उस जगह के पानी को बर्बाद कर बर्तन की सफाई कराई जा रही है.
डॉ बीके सिंह ने कहा कि जिन घरों में पानी जमा मिल रहा है, वहां पहली बार वार्निंग और दूसरी बार नगर निगम के नियम के अनुसार, फाइन किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि 30 अगस्त की शाम तक 77,300 रुपये का फाइन वैसे लोगों से वसूला गया है जिनके घर में डेंगू फैलाने वाले एडिस मच्छर के लार्वा मिले हैं.
अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य ने कार्रवाई का दिया आदेश: राज्य के कई इलाकों में डेंगू के बढ़ते मामले को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव ने सभी जिलों के उपायुक्तों को पत्र लिखा था. उन्होंने उस पत्र में इसका उल्लेख किया था कि नगर निकाय के नियमावली में वैसे लोगों पर फाइन करने का प्रावधान हैं, जो जान बूझकर लापरवाही बरतते हैं और अपने घरों में लंबे दिनों तक पानी स्टोर करते हैं, कूलर का पानी समय-समय पर नहीं बदलते या छत पर या घर में कचड़े में पानी जमा पाया जाता हो.
अस्पताल में डेंगू के मरीजों के लिए अलग से तैयार रखे गए हैं बेड: राज्य में डेंगू के केस बढ़ने के साथ ही स्वास्थ्य महकमा अलर्ट हो गया है. अपर मुख्य सचिव और NHM निदेशक के आदेशानुसार सभी मेडिकल कॉलेज और रांची सदर अस्पताल में डेंगू वार्ड बनाया गया है, जहां कई डेंगू, चिकनगुनिया या मलेरिया के मरीजों को जरूरत पड़ने पर भर्ती कर इलाज किया जाएगा.
ये है डेंगू के लक्षण: रिम्स के मेडिसीन विभाग के HOD रहे डॉ जेके मित्रा कहते हैं कि जब तेज बुखार के साथ सिर में तेज दर्द और आंखों में जलन हो, त्वचा पर चकत्ते उभर आए, रोगी को बहुत कमजोरी लगे तो ये डेंगू के लक्षण हो सकते हैं. उन्होंने कहा कि ये लक्षण होने पर तत्काल अपने नजदीकी अस्पताल जाकर डॉक्टरी सलाह लें और दवा शुरू कर दें.
साफ पानी में ही पनपता है एडिस मच्छर: डॉ बीके सिंह कहते हैं कि एडिस मच्छर का लार्वा वैसी जगह पनपता है, जहां साफ पानी खुली जगह पर लंबे दिनों तक जमा रहता है. इसलिए अपने घरों और आसपास की जगह पर, छतों पर पानी ही नहीं जमा होने दें. दैनिक उपयोग के लिए रखा पानी लंबे दिनों तक जमा नहीं रहे, इसका भी ख्याल रखें. बर्तन में लंबे दिनों से जमा कर रखा पानी को गिराकर उस बर्तन को साबुन या राख से रगड़ रगड़ का साफ कर दें. अपने घरों के आसपास एन्टी लार्वा दवा का छिड़काव करने आने वाले स्वास्थ्य कर्मियों और निगम कर्मियों का सहयोग करें.
मच्छरों से बचाव के साधन का करें इस्तेमाल: चिकित्सक बताते हैं कि ऐसा देखा गया है कि डेंगू फैलाने वाला एडिस मच्छर अन्य मच्छरों की अपेक्षा दिन या शाम के समय ज्यादा एक्टिव रहता है. वह इसी वक्त ज्यादा काटता है. ऐसे में इस समय में मच्छरों से बचने के जरूरी उपाय को अपनाएं. शरीर को पूरी तरह ढकने वाला कपड़ा पहनें. सोते समय मच्छरदानी का उपयोग करें. मच्छर भगाने वाले टिकिया का इस्तेमाल करें.